अब क्या अखिलेशके गढ़ इटावा में जाकर योगी करेंगे बम-बम ?

सपा के गढ़ में भैया जी की भक्ति, इटावा में दिखी केदारनाथ धाम की भव्यता, योगी की नाक के नीचे भैया जी का खेला। अब क्या इटावा जाकर योगी करेंगे बम-बम ? इन्हीं सवालों के ईद-गिर्द अबकी बार की महा शिवरात्रि बाबा और भैया जी, दोनों के लिए ख़ास रही। महाशिवरात्रि पर महाकुंभ के समापन पर प्रयागराज पहुँचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपाईयों पर जमकर ज़ुबानी हमले किये, जिसके जवाब में भैया जी ने इटावा में बन रहे केदारेश्वर मंदिर की एक झलक क्या दिखाई। राजनीतिक गलियारे में भूचाल आ गया। महाशिवरात्रि पर इटावा का केदारेश्वर मंदिर इस कदर जगमगाया कि बाबा के भक्तों को उसमें केदारनाथ धाम के दर्शन हो गये। ऐसा लगा मानों, केदारनाथ धाम देवभूमि से निकलकर इटावा पहुँच गया हो। अखिलेश के इसी चक्रव्यूह में फँस चुके योगी बाबा अब क्या इटावा जाकर बम-बम करेंगे।
महाकुंभ के समापन पर महाशिवरात्रि के मौक़े पर संगम नगरी प्रयागराज पहुँचे योगी बाबा ऐसे लोगों पर जमकर बरसे, जिन्होंने महाकुंभ की आड़ में सरकारी व्यवस्थाओं को फेल बताया। जिन्होंने मौनी अमावस्या पर हुए हादसे का कलंक योगी सरकार पर लगाया और जिन्होंने त्रिवेणी के जल पर सवाल खड़े किये। इन्हीं लोगों पर जमकर बरसे योगी बाबा ने सनातनी योद्धा बनकर ऐलान किया कि अब सनातन का झंडा कभी नहीं झुकेगा। पहले से ही योगी के सुअर-गंदगी वाले बयान पर भड़के अखिलेश यादव बिना नाम लिये कटाक्ष कर चुके हैं कि ज़रूरी नहीं भगवा धारण करने वाला शख़्स योगी ही हो, क्योंकि रावण भी योगी के भेष माँ सीता का हरण करने आया था। इन्हीं ज़ुबानी हमलों के बीच अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर किया, जिसके बाद से इटावा में बन रहा केदारेश्वर मंदिर मीडिया की सुर्खियों में आ गया है।
इटावा में बन रहे केदारेश्वर मंदिर के अब तक जिस किसी ने दर्शन किये उसने मंदिर की छवि में केदारनाथ धाम को पाया..या फिर यूँ कहे कि केदारेश्वर मंदिर की केदारनाथ मंदिर जैसी वास्तुकला है, जिस तरह उत्तराखंड में केदारनाथ के सामने नंदी विराजमान हैं, वैसे ही इटावा के केदारेश्वर महादेव मंदिर के सामने भी नंदी को स्थापित किया गया है। गर्भगृह में भगवान केदारनाथ का स्वरूप भी ठीक वैसा ही है, जैसा केदारनाथ मंदिर में हैं और तो और केदारनाथ मंदिर की तरह नंदी महाराज भी ठीक मंदिर के प्रांगण में स्थापित हैं। इटावा के चंबल घाटी में बीते 3 सालों से बन रहा ये मंदिर 99 फ़ीसदी उत्तराखंड के केदारनाथ धाम की COPY है, 1 फ़ीसदी बदलाव सिर्फ़ नाम में किया गया है। मंदिर निर्माण कार्य के बीच महाशिवरात्रि के मौक़े पर गर्भगृह में पूजा आरंभ हुई। प्रतिमा स्थापना से लेकर मंदिर की पूजा अर्चना के लिए तमिलनाडु से करीब 35 धार्मिक विद्वान और पुजारी आए। मंत्रोच्चारण और भजन-कीर्तन के साथ मंदिर में विधि-विधान से पूजा की गई…इस मौक़े पर भले ही अखिलेश और उनकी पत्नी नहीं दिखी, लेकिन पूजा में बाक़ी परिवार मौजूद था और सबसे बड़ी बात ये कि मंदिर बनवाने वाले अखिलेश यादव ख़ुद है और वो भी अपने गढ़ इटावा में जिसकी काट फ़िलहाल योगी सरकार ढूँढ रही है। आलम ये है कि सवाल पूछे जाने लगे हैं कि अब क्या अखिलेश के गढ़ में जाकर बाबा बम-बम करेंगे ?
बहरहाल इटावा के इसी मंदिर को लेकर बवाल भी मचा हुआ है, क्योंकि ठीक इसी तरह दिल्ली के बुराड़ी इलाक़े में केदारनाथ की replica बनाने की तैयारी पिछले साल हो रही थी, बक़ायदा शिलान्यास भी हो चुका था लेकिन जब आपत्ति जताई गई। उसके बाद धामी सरकार द्वारा एक अध्यादेश पारित किया था जिसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि उत्तराखंड के चारधाम और प्रसिद्ध मंदिरों के नाम से कोई भी कहीं और मंदिर नहीं बना सकेगा। अब जब भैया जी ने ख़ुद के गढ़ इटावा में दुनिया को बाबा केदारनाथ के दर्शन करा दिये हैं, तो ऐसे में क्या योगी भी सपा के गढ़ में जाकर बम-बम करेंगे ?