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Prayagraj Mahakumbh 2025: श्रद्धालुओं के लिए क्या है खास, जानें योगी सरकार के 6 बड़े बदलाव

Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ के लिए योगी सरकार ने भव्य और दिव्य तैयारियों की शुरुआत कर दी है। इस ऐतिहासिक आयोजन में देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं और प्राचीन धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार किया जा रहा है। जानिए, कैसे योगी सरकार इस महाकुंभ को एक नए और गौरवशाली रूप में प्रस्तुत करने के लिए कमर कस रही है।"
Prayagraj Mahakumbh 2025: श्रद्धालुओं के लिए क्या है खास, जानें योगी सरकार के 6 बड़े बदलाव
Prayagraj Mahakumbh 2025: प्रयागराज, 30 अक्टूबर: 2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। राज्य सरकार इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महायज्ञ को एक नए आयाम पर ले जाने का प्रयास कर रही है। श्रद्धालुओं के लिए योग, संस्कृति, धर्म और आध्यात्मिकता के इस संगम को भव्य और अद्वितीय बनाने हेतु कई नई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में एक तरफ़ जहां विकास कार्य हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ प्रयागराज की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और संवर्धित करने का भी काम किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि किस तरह से महाकुंभ 2025 के आयोजन में प्रयागराज को एक नया स्वरूप देने की कोशिश हो रही है।

महाकुंभ मेला भारतीय संस्कृति का एक अनोखा प्रतीक है जो हर 12 साल में आयोजित होता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें चार जगहों पर गिरीं थी प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इन्हीं जगहों पर कुंभ का आयोजन होता है। महाकुंभ का यह आयोजन धार्मिक महत्व ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहाँ आते हैं, जहाँ आस्था का संगम और गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का त्रिवेणी संगम होता है।
योगी सरकार की विशेष योजनाएं
योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस महायोजन को सफल और यादगार बनाने के लिए लगभग 7000 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया है। इस धनराशि का उपयोग कई विकास परियोजनाओं और नई सुविधाओं के निर्माण में किया जा रहा है, जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

1 मूलभूत ढांचे का विकास: प्रयागराज के प्रमुख स्थलों का सौंदर्यीकरण और सड़कों का विस्तार हो रहा है, जिससे कि यातायात की सुविधा में सुधार हो सके। नदियों के किनारे घाटों का निर्माण और उन पर लाइटिंग का प्रबंध भी किया गया है, जो रात्रि के समय मनोरम दृश्य प्रदान करेंगे।

2 स्मार्ट सिटी और स्वच्छता अभियान: महाकुंभ में गंदगी और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। जगह-जगह पर कचरे के निस्तारण की व्यवस्था और बायो-टॉयलेट्स का निर्माण भी किया गया है।

3 धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का पुनरुद्धार: महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को प्रयागराज की धार्मिक धरोहरों से जोड़ने के लिए राज्य सरकार कई मंदिरों और प्राचीन स्थलों का जीर्णोद्धार कर रही है। इनमें अक्षयवट, सरस्वती कूप, पातालपुरी, बड़े हनुमान मंदिर, नागवासुकी मंदिर और श्रृंगवेरपुर धाम का सौंदर्यीकरण शामिल है।

4 द्वादश माधव परिक्रमा की पुनर्स्थापना: एक प्राचीन धार्मिक परंपरा, द्वादश माधव परिक्रमा, जो 1991 में बंद हो गई थी, उसे योगी सरकार ने 2019 में पुनः आरंभ किया था। इसे महाकुंभ 2025 में विशेष रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि श्रद्धालु फिर से इस परिक्रमा का लाभ उठा सकें।

5 विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं: इस महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। स्वास्थ्य सुविधाओं में आपातकालीन सेवाओं के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था, बड़े अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाना, डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की गई है।

6 गंगा और संगम की सफाई पर जोर: गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए 'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट को तीव्रता दी गई है। इस परियोजना के तहत गंगा नदी में सीवेज का बहाव रोकने के लिए कई नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स बनाए जा रहे हैं, जिससे संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध जल का अनुभव हो।
महाकुंभ में पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं
सरकार ने श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया है। यहाँ हेलीपोर्ट्स, टेंट सिटी, एयर एम्बुलेंस, और पुलिस ड्रोन सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। कुंभ मेला क्षेत्र को ज़ोन में विभाजित किया गया है, जहाँ मोबाइल ऐप के माध्यम से श्रद्धालु अपने परिवार से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, सरकार ने डिजिटल प्लेटफार्म का सहारा लेते हुए एक विशेष 'महाकुंभ 2025 ऐप' लॉन्च किया है, जहाँ से हर जानकारी उपलब्ध रहेगी।

महाकुंभ आयोजन में प्रयागराज के पुरोहित और साधु-संत योगी सरकार की इस पहल को सराह रहे हैं। उनका मानना है कि यह भव्य आयोजन योगी सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वर्गीय महंत नरेंद्र गिरि और महामंत्री महंत हरि गिरि ने मुख्यमंत्री योगी के कार्यों की सराहना की थी और कहा था कि इस आयोजन में एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा।

महाकुंभ 2025 का मुख्य आकर्षण

शाही स्नान: महाकुंभ का प्रमुख आकर्षण शाही स्नान है, जिसमें सभी अखाड़ों के साधु और महंत गंगा में स्नान करते हैं।
आध्यात्मिक अनुष्ठान: इस दौरान कई आध्यात्मिक अनुष्ठान किए जाएंगे। विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा प्रवचन और कथा भी आयोजित की जाएगी।
संस्कृति का आदान-प्रदान: महाकुंभ के दौरान न केवल भारतीय बल्कि विदेशी पर्यटक भी आते हैं। यह एक ऐसा मंच है जहां भारत की संस्कृति और परंपरा का आदान-प्रदान होता है।

महाकुंभ का यह आयोजन न केवल श्रद्धा का संगम है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और आस्था का भी प्रतीक है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने इस आयोजन को एक नए रूप में ढालने का निर्णय लिया है ताकि हर श्रद्धालु को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत अनुभव हो सके।

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