Radha Ashtami 2024: जानें व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त, व्रत रखने से होगी सुख, समृद्धि की प्राप्ति
radha ashtami 2024: राधा अष्टमी की अष्टमी तिथि 10 सितंबर की रात 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 11 सितंबर की रात 11 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। सनातन धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय के आधार पर की जाती है, इसलिए राधा अष्टमी का व्रत 11 सितंबर 2024 को रखा जाएगा।
Radha Ashtami 2024: हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राधा अष्टमी का व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस वर्ष राधा अष्टमी 11 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। यदि आप भी इस दिन व्रत रखने की तैयारी कर रहे हैं, तो इससे जुड़े नियम और व्रत के दौरान सेवन की जाने वाली वस्तुओं के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
राधा अष्टमी का शुभ मुहूर्त और व्रत की तिथि
पंचांग के अनुसार, राधा अष्टमी की अष्टमी तिथि 10 सितंबर की रात 11 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर 11 सितंबर की रात 11 बजकर 46 मिनट तक रहेगी। सनातन धर्म में तिथि की गणना सूर्योदय के आधार पर की जाती है, इसलिए राधा अष्टमी का व्रत 11 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इस समय भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
राधा अष्टमी व्रत का महत्व
राधा अष्टमी का व्रत राधा रानी के प्रति हमारी आस्था और प्रेम को दर्शाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को रखने से भक्तों को राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। राधा रानी, जो प्रेम और भक्ति की प्रतीक हैं, इस दिन विशेष रूप से अपनी कृपा बरसाती हैं। राधा अष्टमी का व्रत करने से आयु, सौभाग्य, और समृद्धि में अपार वृद्धि होती है।
व्रत के दौरान किन चीजों का करें सेवन?
राधा अष्टमी के व्रत में अन्न का सेवन वर्जित होता है, लेकिन फलाहार और कुछ विशेष चीजों का सेवन किया जा सकता है। व्रत के दौरान भक्त इन खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं:
फल और मिठाई: फल और शुद्ध मिठाई का सेवन व्रत में किया जा सकता है। ये भगवान का प्रसाद समझकर ही ग्रहण करें।
आलू और साबूदाना: आलू और साबूदाना की सब्जी व्रत के लिए उपयुक्त है। इसे सेंधा नमक का उपयोग करके तैयार करें।
शकरकंद: शकरकंद का सेवन भी व्रत में किया जा सकता है। यह स्वादिष्ट और पेट भरने वाला होता है।
कुट्टू के आटे के पकोड़े: कुट्टू के आटे का उपयोग कर आप पकोड़े बना सकते हैं, जो व्रत के दौरान बेहद स्वादिष्ट लगते हैं।
दूध और दही: दूध और दही को फलाहार में शामिल करें। इनका सेवन राधा रानी के प्रति भक्ति को दर्शाता है।
सेंधा नमक: खाना बनाने में केवल सेंधा नमक का ही प्रयोग करें। साधारण नमक का प्रयोग व्रत में वर्जित होता है।
भोग लगाते समय करें इस मंत्र का जाप
व्रत के दौरान भोजन करने से पहले राधा रानी को भोग अवश्य लगाएं। भोग लगाने के समय इस मंत्र का जाप करें:
"त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।"
इस मंत्र का अर्थ है कि हे राधा रानी! जो भी मेरे पास है, वह आपका ही दिया हुआ है। मैं आपको समर्पित करता हूँ। कृपया इसे स्वीकार करें। इस मंत्र के साथ श्रद्धा से भोग लगाने पर राधा रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
व्रत के नियम और पालन का महत्व
राधा अष्टमी व्रत के दौरान पूजा-अर्चना के साथ साथ मन को शुद्ध और शांत रखना चाहिए। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की कथा सुनें और उनकी महिमा का गुणगान करें। व्रत के दौरान वाणी पर संयम और दूसरों के प्रति प्रेमभाव रखना भी आवश्यक है। इस दिन व्रत रखने से जीवन में आने वाली हर बाधा का नाश होता है और व्यक्ति को ईश्वर की असीम कृपा प्राप्त होती है।