PM Modi ने ऐसा क्या किया, Ram Mandir के आगे फीकी पड़ी Taj Mahal की चमक?
इस चुनावी मौसम में पीएम मोदी की मंदिर नीति का डंका चहु दिशाओं में बज रहा है | सरकार की मंदिर नीति का कमाल है, जो आज राम मंदिर निर्माण से अयोध्या की सूरत बदल गई है | सरकार की मंदिर नीति का कमाल है, जो आज काशी विश्वनाथ धाम सातवें आसमान पर है | सरकार की मंदिर नीति का कमाल है, जो आज सात समंदर पार से श्रद्धालु दौड़े-दौड़े महाकाल लोक आ रहे हैं और ये सरकार की मंदिर नीति का ही कमाल हैं, जो आज अबू धाबी जैसी इस्लमिक दुनिया में भव्य हिंदू मंदिर की स्थापना हो चुकी है | बीते 10 सालों में नये भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने में जुटे पीएम मोदी ने सनातन संस्कृति पर फ़ोकस किया और अब जब देश में लोकसभा चुनाव लड़ा जा रहा है, तो जनता का पूरा फ़ोकस देश के इसी सनातनी पीएम नरेंद्र मोदी पर है | आर-पार की इसी चुनावी लड़ाई में सनातन विरोधियों पर प्रहार करने से पीएम मोदी कहीं पीछे नहीं है| जिन्होंने राम मंदिर का न्यौता ठुकराया, उन्हीं पर ज़ुबानी बाण छोड़े जा रहे हैं |
इस चुनावी संग्राम में दो चरणों की वोटिंग संपन्न हो चुकी है और अब जब 7 मई को तीसरे चरण की वोटिंग है, तो ऐसे में एक बार फिर पीएम मोदी अयोध्या आ रहे है | अबकी बार रामलाल के आशीर्वाद से पीएम मोदी 5 मई के दिन अयोध्या में रोड शो करेंगे | अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से धर्मपथ और राम पथ पर ग्रैंड रोड शो निकाला जाएगा | लेकिन क्या आप जानते हैं, राम भक्त मोदी के अयोध्या पहुँचने से पहले ही राम मंदिर के आगे से ताजमहल ग़ायब हो गया है? अब आप कहेंगे कि यहाँ ताजमहल कहां से आ गया? तो हम आपको बता दें कि राम मंदिर से गुलज़ार होती अयोध्या में राम भक्तों की भीड़ इस कदर बढ़ चुकी है कि अब ताजमहल की चमक भी फीकी पड़ चुकी है। किस प्रकार राम मंदिर ने ताजमहल को भी पीछे छोड़ दिया है?
नव्य, भव्य और दिव्य होती अयोध्या से आज हर कोई रामलला के दर्शन कर पा रहा है | ना सिर्फ़ राम भक्त, बल्कि पर्यटकों के लिए भी राम मंदिर उनकी पहली पसंद बन चुका है | रामलला के पधारते ही अयोध्या की पुरानी रौनक़ वापस लौट आई है | घाटों के सुंदरीकरण से लेकर राम की पैड़ी की भव्यता, प्राचीन मंदिरों का सुंदरीकरण और कण-कण में राम भक्ति का एहसास, पूरी दुनिया को अपनी ओर खींच रहा है | प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ना ही भक्तों के आने का सिलसिला थम रहा है और ना ही करोड़ों के चढ़ावे पर फुलस्टोप लग पा रहा है | मंदिर ट्रस्ट के प्रभारी प्रकाश गुप्ता ख़ुद ये बताते हैं कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद दो महीने में ही रामलला को करीब 15 करोड़ का दान प्राप्त हो चुका है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में सोने-चांदी व अन्य बेशक़ीमती धातुओं से दानपेटी भरती जा रही हैं।
अब हम आपके सामने कुछ ऐसे आँकड़े रखेंगे, जो इस बात की गवाही दे रहे हैं कि आज की डेट में राम मंदिर की भव्यता के आगे ताजमहल की चमक फीकी पड़ चुकी है | पर्यटकों को लेकर पर्यटन विभाग ने ये आँकड़े जारी किये हैं |
अयोध्या - 2022 में आए 2,39,10,479
2023 में आए 5,75,15,423
काशी - 2022 में आए 7,12,31,051
2023 में आए 8,40,41,155
आगरा - 2022 में आए 94,70,667
2023 में आए 90,60,665
मथुरा - 2022 में आए 89,16,036
2023 में आए 93,25,124
अब यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि पिछले दो सालों में सैलानी आगरा से ज़्यादा अयोध्या और काशी पहुँचे हैं | राम मंदिर बन जाने से अयोध्या को ऐसी ग्लोबल पहचान मिली की अब ताजमहल की बजाए राम मंदिर भारत की शान, भारत की पहचान और भारत की संस्कृति के तौर पर जाना जाता है | पिछले दो सालों में ताजमहल के दीदार के लिए आगरा पहुँचने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई, जबकी काशी और अयोध्या में सैलानियों में ग़ज़ब का इज़ाफ़ा और उत्साह देखा गया। इससे एक बात तो साफ़ हो गई है कि राम मंदिर की भव्यता के आगे फ़िलहाल ताजमहल की चमक टिक नहीं पाई है।