30 जून के दिन कृष्ण जन्मभूमि के नाम पर न्यूर्याक से लेकर मेलबर्न में क्या बड़ा होने जा रहा है
अयोध्या के बाद अब दुनिया की निगाहें काशी से हटकर मथुरा पर टिक गई हैं, ईदगाह मस्जिद से श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्ति दिलाने के लिए सैकड़ों वर्षों से चला आ रहा इंतज़ार अब और कितने दिनों का है, इसका जवाब अबकी बार विदेशी धरती दे रही है। अब न्यूर्याक से लेकर मेलबर्न में कुछ ऐसा होने जा रहा है, जिसके आगे प्रत्येक कृष्ण भक्त का इंतज़ार छूँ मंतर हो जाएगा। क्या है ये पूरा मामला, आईये आपको बताते हैं अपनी इस ख़ास रिपोर्ट में ।
अयोध्या का संकल्प पूरा हो चुका है और अब काशी-मथुरा का कायाकल्प बाक़ी है। इसमें कोई शक नहीं कि अयोध्या तो सिर्फ़ झांकी है, मथुरा-काशी अभी बाक़ी है, इसी नारे को 2024 के चुनावी रण में भी खूब भुनाया गया। ख़ुद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक कदम आगे बढ़कर ये तक कहा कि अब पूरा फ़ोकस मथुरा पर होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंज गलियों का यही इंतज़ार अब ख़त्म होने वाला है, क्योंकि न्यूर्याक से लेकर मेलबर्न में सैकड़ों कृष्णभक्त कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, अटलांटा जैसे शहरों से लेकर ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, ऑकलैंड, मेलबर्न तक कनाडा से लेकर ब्रिटेन और रूस में अब कुछ ऐसा होने जा रहा है, जिसके बाद से श्री कृष्ण जन्मभूमि को ईदगाह मस्जिद से मुक्ति मिल जाएगी। 30 जून के दिन का प्रत्येक कृष्णभक्ति के लिए किस प्रकार से ऐतिहासिक होने वाला है। ये जानने के लिए बने रहिए धर्म ज्ञान के साथ।
दरअसल श्री कृष्णजन्मभूमि को मस्जिद मुक्त बनाने के लिए वैश्विक यज्ञ का आयोजन होने जा रहा है, दुनियाभर के कई देश इस आयोजन में शामिल होंगे।जो कि इस आयोजन की बागडोर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के हाथों में होगी, इस कारण वृंदावन में सैकड़ों संतों की मौजूदगी में यज्ञ का कलश स्थापित होगा। सभी यज्ञ स्थल से यज्ञ की रज लेकर वृंदावन लाया जाएगा और इससे भव्य मंदिर निर्माण के समय उस स्थान के शुद्धिकरण में उसे प्रयोग में लाया जाएगा।अब जो कि ये वैश्विक यज्ञ सिर्फ़ भारत तक ही सीमित नहीं रहेगा। न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, अटलांटा, स्लोवेनिया, कनाडा, ब्रिटेन, मॉरीशस, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, ऑकलैंड, मेलबर्न और रूस। इन तमाम शहरों और देशों में भी यज्ञ किया जाएगा। आहूतियां डाली जाएगी इसी यज्ञ में धर्म की मजबूती और श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति के लिए संकल्प लिया जाएगाऔर अंत में इन जगहों की रज को कृष्ण जन्मभूमि तक लाया जाएगा। गौर करने वाली बात ये कि अब जब विदेशी धरती से कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति की आवाज उठेगी, तो इसका प्रभाव कुंज गलियों तक देखने को मिलेगा ही मिलेगा।