शपथ लेने के दो हफ़्ते बाद Kashi जाकर PM Modi क्या बड़ा कर रहे हैं
गंगा किनारे बसी शिव की नगरी काशी से पीएम मोदी का क्या रिश्ता है, ये जगज़ाहिर है, यही से गंगापुत्र बनकर पीएम मोदी बैक टू बैक तीन बान केंद्र की सत्ता पर आसीन हुए। पहली दफ़ा बतौर पीएम उम्मीदवार सांसद का चुनाव काशी को लड़ा और काशी भी पीएम मोदी का साथ देने में कभी पीछे नहीं रही। तभी तो त्रिशूल की नोक पर टिकी काशी से पीएम मोदी ने देशभर में जीत का परचंम लहराया। अब एक बार शपथ ग्रहण के दो हफ़्ते बाद पीएम मोदी आज काशी आ रहे हैं हालाँकि इस बार का इंतज़ार लंबा था, लेकिन इस इंतज़ार का फल कितनी मीठा होगा। काशी में अब क्या बड़ा होने वाला है और किस प्रकार से काशी में 16 घंटे बिताकर पीएम मोदी किनका सौलह श्राद्ध भी कर सकते हैं, ये जानने के लिए देखिये धर्म ज्ञान की इस ख़ास रिपोर्ट में।
अबकी बार पीएम मोदी काशी तो पधारे, लेकिन एक लंबे इंतज़ार के बाद ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि 2014 में शपथ ग्रहण के अगले दिन पीएम मोदी की पहली यात्रा काशी की रही फिर 2019 में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल करने के 5 दिन बाद काशी आ गये और इस बार काशी को पीएम मोदी के दर्शनों के लिए दो हफ़्तों का इंतज़ार करना पड़ा। 4 जून के नतीजों के बाद सीटों को लेकर गठबंधन की सरकार बनाने में समय लगा, फिर 9 जून को बतौर प्रधानमंत्री शपथ लेने के बाद पीएम मोदी जी-7 समिट के लिए रवाना हो गये और अब जब इटली से उनकी वापसी हुई, तो सीधे काशी पहुँचेंगे। पीएम मोदी के मन में काशी क्या मायने रखती है, इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये 2014 से लेकर 2023 तक पीएम मोदी 35 बार बाबा विश्वनाथ की चौखट पर शीश झुका चुके हैं। जीत की हैट्रिक लगाने के बाद आज जब पीएम मोदी काशी पहुँचेंगे, तो काशीवासियों को बड़े-बड़े तोहफ़े देंगे। आज से काशी की तस्वीर किस प्रकार से बदल जाएगी, कितनी नई सौग़ातों के साथ लेकर पीएम मोदी काशी पहुँचेंगे
काशी से पीएम मोदी का लगाव ऐसा है कि यहाँ की गंगा आरती में शामिल होते हैं, आज दशाश्वमेध घाट पर 55 मिनट तक ठहरेंगे। 15 मिनट तक गंगा पूजन करेंगे, फिर उसके बाद 40 मिनट तक आरती देखेंगे..फिर रात आठ बजे काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना व दर्शन करेंगे। कुल मिलाकर देखा जाए, तो पीएम मोदी 16 घंटे काशी में बिताएँगे और जो कि काशी मोक्ष, धर्म और अध्यात्म की नगरी कही गई है , इस कारण यहाँ की एक नई ऊर्जा से पीएम मोदी जुड़ेंगे और यही ऊर्जा बाद में पीएम मोदी को विधर्मियों और राष्ट्रविरोधी ताक़तों से लड़ने में काम आएगी, जिसकी भविष्यवाणी जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य कर चुके हैं।