प्रभु जगन्नाथ की चौखट से PM Modi पर आनी बाकी है कैसी मुसीबत ?
आपको याद दिला दें नगर भ्रमण पर निकले प्रभु जगन्नाथ ने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा संग अपने भक्तों को दर्शन दिये।ख़ुशी के इसी मौक़े पर रथ पर सवार भगवान बलभद्र मुँह के बल गिर पड़े।जिस समय भगवान बलभद्र की प्रतिमा को रथ से गुडिंचा मंदिर ले जाया जा रहा था , उसी समय भगवान बलभद्र की मूर्ति सेवादारों के हाथों से फिसल गई ।भगवान बलभद्र के गिर जाने से 9 सेवादार गंभीर रूप से घायल हो गए।इस हादसे के बाद से भविष्य मालिका पुराण को खंगाला जा रहा है, क्योंकि अतीत गवाह रहा है, जब-जब प्रभु जगन्नाथ की धरा पर अशुभ घटनाएँ घटी, विश्व पर ख़तरे के बादल मंडराए ।
इतिहास गवाह रहा है प्रभु जगन्नाथ की चौखट से होने वाली अशुभ घटनाओं ने भविष्य में होने वाली अनहोनी का संकेत दिया है।इसके पीछे के एक नहीं, बल्कि कई उदाहरण हैं।जिस दिन मंदिर का नीलचक्र टेढ़ा हुआ, इसी दिन समुद्री तूफान फानी ने भयंकर तबाही मचाई।उसके बाद ध्वज का गिरना ,गिद्द का गुंबद पर बैठना और फिर ध्वज का गिरना।इन असाधारण घटनाओं के बाद कोरोना का ऐसा प्रकोप देखने को मिला, जिसमें लोगों के मरने का सिलसिला शुरु हो गया। इसके अलावा मंदिर परिसर में कभी झगड़ों के कारण तो कभी किसी अन्य रहस्यमयी वजह के चलते खून के धब्बे देखे गए। जिसकी चलते कई बार मंदिर का शुद्धिकरण करके महानुष्ठान किया गया। और अब जब रथ यात्रा के दौरान ही भगवान बलभद्र मुँह के बल गिरे हैं, इस कारण लोगों को किसी बड़ी विपदा के आने का डर सता रहा है।
भविष्य मालिका के हवाले से ये कहा जाता है कि जब भगवान जगन्नाथ का अपमान होगा, मंदिर की परंपराओं में अव्यवस्था होगी, मंदिर के पत्थर गिरने लगेंगे, लोग मरने लगेंगे और मंदिर को क्षति पहुँचेगी।तब ये समझ लीजियेगा कि अंत क़रीब है।महाविनाश का दौर ख़त्म होगा और एक नये युग का प्रारंभ होगा।भविष्य मालिका में दर्ज एक-एक घटनाएँ आज के संदर्भ में सत्यता की कसौटी पर खरी उतर रही है।भविष्य मालिका पुराण में पुरी के जलमग्न होने की भविष्यवाणी है।लेकिन उससे पहले रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र की प्रतिमा का गिरना , आने वाली किसी बड़ी विपदा का संकेत दे रही है।जो कि देश की सत्ता पीएम मोदी के हाथों में है,उनका ये तीसरा कार्यकाल है, इस कारण देश के राजा को क्षति पहुँचने का आशंका जताई जा रही है।क्या पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में धरती विनाश के कगार पर खड़ी दिखेगी, क्या इसमें कही कोई सत्यता है?