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क्या करके पीएम मोदी करेंगे 400 पार ? जगतगुरु की चौंका देने वाली भविष्यवाणी !

2029 का चुनाव अभी दूर है, लेकिन 400 पार वाला मिशन पीएम मोदी भूले नहीं है और क्या पता वो अपने इसी मिशन में कामयाब हो जाएँ, अगर स्वामी रामभद्राचार्य के अधूरे कार्य को पूरा कर दें, क्योंकि जगत गुरु को तो पूरा यक़ीन है कि पीएम मोदी उन्हें No नहीं बोलेंगे ? जगत गुरु के अधूरे कार्य को अगर पीएम मोदी पूरा करते हैं, तो क्या ख़ुद का रिकॉर्ड तोड़ पायेंगे ?
क्या करके पीएम मोदी करेंगे 400 पार ? जगतगुरु की चौंका देने वाली भविष्यवाणी !

तीसरी बार प्रधानमंत्री बने मोदी जी 10 महीने पूरे हो चुके हैं। विश्व पटल पर मोदी नाम का डंका बज रहा है। देश के अंदर मज़बूत और स्थिर सरकार चल रही है। दिनों दिन नया भारत आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। सब कुछ बढ़िया है, लेकिन 400 पार ना आने की जो कसक है, वो अब तक सीने में है। संसद की चौखट से पीएम मोदी ने 400 पार का नारा दिया। 400 सीटों की भविष्यवाणी की लेकिन 4 जून के दिन उनके इन्हीं अरमानों पर जनता की वोटिंग ने पानी फेर दिया हालाँकि साथ नहीं छोड़ा, ऐतिहासिक बहुमत ना देकर भी देश की सत्ता पर पीएम मोदी को बिठाया। 2029 का चुनाव अभी दूर है, लेकिन 400 पार वाला मिशन पीएम मोदी भूले नहीं है और क्या पता वो अपने इसी मिशन में कामयाब हो जाएँ,  अगर स्वामी रामभद्राचार्य के अधूरे कार्य को पूरा कर दें, क्योंकि जगत गुरु को तो पूरा यक़ीन है कि पीएम मोदी उन्हें No नहीं बोलेंगे ? जगत गुरु के अधूरे कार्य को अगर पीएम मोदी पूरा करते हैं, तो क्या ख़ुद का रिकॉर्ड तोड़ पायेंगे ?  

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तुलसीपीठाधीश्वर जगत गुरु स्वामी रामभद्राचार्य के बीच की मित्रता किसी से छिपी नहीं है। ये दोस्ती अबकी नहीं, बल्कि 1988 से है। अडवाणी जी की यात्रा में इस मित्रता की नींव रखी गई। विश्व की ये दो प्रभावशाली शख़्सियत जब कभी मिलते हैं, ना ही मोदी जी प्रधानमंत्री होते हैं और ना ही स्वामी रामभद्राचार्य जगतगुरु दोनों के बीच सिर्फ़ मित्रता का भाव होता है। प्रमाणिक और शास्त्रीयक जगतगुरु होने के चलते जब-जब सनातन पर कटाक्ष हुआ, स्वामी रामभद्राचार्य ने मुखर होकर बोला है ।यही कारण है कि जगतगुरु को कांग्रेसी विरोधी भी कहा जाता है। दरअसल स्वामी रामभद्राचार्य जी का ये मानना है कि सनातन का विरोध करना, कांग्रेस का स्वभाव रहा है।प्रभु राम जी का विरोध करना, भारतीय मूल्यों का विरोध करना। कांग्रेस शब्द ही भारतीय भाषा का नहीं है। इसी कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दिया था, जिसमें कहा गया कि अयोध्या में राम जी पैदा ही नहीं हुए। बहरहाल  22 भाषाओं के ज्ञाता, 230 पुस्तकों के लेखक जिनके नाम में प्रभु राम बसते है, वो हैं स्वामी रामभद्राचार्य  जो नेत्रों से नहीं, बल्कि मन की आँखों से प्रभु राम के दर्शन करते हैं। कहते हैं,  बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वामी रामभद्राचार्य ने 5 वर्ष की आयु में रामायण और 7 वर्ष में संपूर्ण रामचरण मानस कंठस्थ कर ली थी। आज भी इनकी कही बातों को समूचा देश गौर से सुनता है। भारतीय राजनीति को लेकर इन्हीं की सांकेतिक भविष्यवाणियाँ सटीक बैठती है फिर चाहे राम मंदिर बनने की भविष्यवाणी हो। पीएम मोदी के बैक टू बैक प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी या फिर योगी बाबा के मुख्यमंत्री बनने की भविष्यवाणी। यही कारण है कि राजनीतिक के गलियारे में विपक्षी ताकते इन्हें हल्के में नहीं लेती है। एक बार फिर पीएम मोदी को लेकर जगत गुरु की सांकेतिक भविष्यवाणी सामने आई है। माना जा रहा है कि जगत गुरु के कहे अनुसार, अगर पीएम मोदी वो काम कर ले, तो उन्हें विश्व की कोई ताक़त 400 पार जाने से रोक नहीं सकती लेकिन वो कार्य क्या है ? ये जानने के लिए बने रहिये धर्म ज्ञान के साथ।



अब जब पीएम मोदी का बतौर प्रधानमंत्री तीसरा कार्यकाल चल रहा है, तो ऐसे में जगत गुरु की ये इच्छा है कि मुग़ल काल में रखे गये नामों को बदला जाए। आज उन सभी गलतियों को सुधारने का वक्त हैं, जो अतीत में हुई थीं। दरअसल मुग़लकाल को बीते दशक बीत चुके हैं, लेकिन मुग़ल शासकों के नाम पर आज भी शहर, गाँव और सड़के हैं। 61 जगहों बाबर के नाम से जानी जाती है, 11 जगह  हुमायूँ के नाम से प्रचलित है। 141 जगहों के नाम जहाँगीर के नाम पर है। आपको ये जानकर हैरानी होगी हमारे ख़ुद के देश में 177 जगह ऐसी हैं, जिनके नाम औरंगजेब के नाम पर है। जो कि मुगलकाल में हिंदुओं की आस्था को अत्याधिक टारगैट किया गया, जिस कारण मुग़ल बादशाहों के नाम पर रखे गये शहर, गांव और सड़कों के नाम बदलने की माँग समय-समय पर उठती आई है। इसी माँग को एक बार फिर स्वामी रामभद्राचार्य ने उठाई है, उनका कहना है  "काशी के औरंगाबाद का नाम बदला जाए, उन सभी मोहल्लों के नाम बदले जाने की मांग की, जिनका नाम मुगल काल में रखा गया है।मोदी जी मेरे मित्र हैं और वो मेरी बात नहीं टालेंगे। आज उन सभी गलतियों को सुधारने का वक़्त है जो अतीत में हुई हैं।" 



पूरे भारत में मोदी सरकार नाम बदलने की कोशिश में दिखे या नहीं, लेकिन यूपी में योगी बाबा उन तमाम शहरों, जगहों और सड़कों के नाम बदल रहे हैं, जो मुग़लों के नाम पर हैं। UP में जगहों का नाम बदलने का सिलसिला जारी, योगी की सत्ता में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया गया।मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन किया गया।झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन रखा गया।लखनऊ में बर्लिगटन चौराहा का नाम अशोक सिंघल कर दिया गया, अल्लाहपुर अब देवगढ़ के नाम से जाना जाता है। नाम बदले जाने की एक लंबी चौड़ी लिस्ट , जिस पर योगी बाबा Continue हैं।  ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मुगलों पर रखे गये शहर, गाांव , इलाके और सड़कों के नाम बदले जाने चाहिए और अगर हां, तो क्या ऐसा करके पीएम मोदी कांग्रेसियों का 1984 वाला रिकॉर्ड तोड़ पायेंगे।

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