6 अप्रैल 2025 में शनि उदय होना किन राशियों की बदलेगा क़िस्मत ?

हिन्दू धर्म में जिन्हें न्याय के देवता माना जाता है, जिन्हें कर्म फलदाता कहा जाता है, जिन्हें भगवान सूर्य का पुत्र माना जाता है उन्हें कहते है शनि देव, माता छाया के पुत्र शनि हर व्यक्ति को उनके कर्मों का सटीक फल देते है, लेकिन क्या आपको पता है शनि देव को न्यायधीश की उपाधि कैसे प्राप्त हुई। मान्यताओं के अनुसार एक बार सूर्य देव अपनी पत्नी छाया के पास पहुंचते लेकिन सूर्य देव की पत्नी छाया ने उनके तेज प्रकाश के कारण अपनी आंखें बंद कर लेती है जिस कारण शनि देव का रंग काला पड़ गया अपने शरीर का काला रंग देख शनि अपनी ही मां पर क्रोधित हो गये, आगे चलकर शनि देव ने भगवान भोलेनाथ की घोर तपस्या की और तपस्या के कारण शनि देव का शरीर बुरी तरह से जल गया, ये देख शिव उनकी तपस्या से ख़ुश हो गये और उन्होंने शनि से वरदान मांगने को कहा शनि देव ने वरदान में मांगा की उनकी पूजा उनके पिता से अधिक की जाये ताकि सूर्य को अपने प्रकाश का अंहकार खत्म हो जाये और तभी से भगवान भोले नाथ ने ये वरदान दिया कि तुम नवों ग्रहों में सबसे बलवान और श्रेष्ठ हो जाओगे और पृथ्वी पर न्यायधीश के नाम से जाने जाओगे इसलिए आज उन्हें नवों ग्रहों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, न्याय के देवता के रुप में पूजा जाता है लेकिन कर्मफल दाता शनि देव का गुस्सा भी उतना ही भयंकर है, और समय-समय पर लोग अपने दुष्कर्मों के कारण शनि के गुस्से का शिकार भी होते है। लेकिन क्या आप जानते है शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या कब और क्यों लगती है ? शनि की साढ़ेसाती मनुष्य पर तब लगती है जब शनि आपकी जन्म राशि से पहले, बारहवें, और दुसरे भाव में गोचर करते है तब लगती है शनि की साढ़ेसाती जो लगभग साढ़ेसात साल तक चलती है वहीं ढैय्या की बात करें तो जब शनि देव जन्म कुंडली में चौथे या आठवें भाव में होते है तब लगती है ढैय्या , दोनो ही स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को बेहद ही दुखों और कष्टों से गुजरना पड़ता है जैसे की मानसिक तनाव , शारीरिक दिक़्क़त , पैसे की तंगी। तो वहीं आपको ये भी बताते चले कि दंडनायक, शनि करीब ढाई साल तक एक राशि में गोचर करते हैं वहीं एक राशि से दूसरी राशि में जाने में उन्हें करीब 30 साल तक का समय लगता है। इसलिए शनि को सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह भी माना जाता है। लेकिन अब जब शनि देव 6 अप्रैल को मीन राशि में उदय होने वाले तो कुछ राशि के जातको की क़िस्मत चमकने वाली है, कई राशियां मालामाल होने वाली हैं तो चलिए पहले बात कर लेते हैं कि किन राशियों के लिए शुभ होगा शनि का राशि परिवर्तन…
वृषभ राशि
अप्रैल के महीने में शनि देव का मीन राशि में गोचर करना बेहद ही शुभ साबित होने वाला है। वृषभ राशि के जातकों को बंपर लाभ होने वाला है। जिस कार्य के सफल होने का आप सालों से इंतजार कर रहे थे, वह कार्य अब पूरा होने वाला है। आपके लाइफ पार्टनर मिलने की संभावना है, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, नई नौकरी का ऑफर मिल सकता है, करियर के क्षेत्र में बड़ी सफलता मिल सकती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि का अप्रैल में उदय होना काफी शुभ साबित होने वाला है। व्यापार के क्षेत्र में तरक्की मिलेगी। अगर आपकी नौकरी नहीं लग रही है तो नौकरी मिलने के संकेत हैं। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा, स्वास्थ्य में भी सुधार होगा, आर्थिक लाभ होने की संभावना है, लेकिन कार्य में व्यस्तता देखने को मिलेगी।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों पर शनि की असीम कृपा रहने वाली है। शनि का उदय आपके भाग्य का भी उदय करने वाला है। वाहन या फिर प्रॉपर्टी खरीदने के लिए यह आपका सबसे अच्छा समय है। कोई नया व्यवसाय भी आप शुरू कर सकते हैं। नई सफलताएँ भी आपको मिलने वाली हैं। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। यह एक ऐसा समय होने वाला है जब आपकी मेहनत रंग लाएगी।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए खुशखबरी है। कर्क राशि के जातकों पर से ढैय्या समाप्त हो चुकी है। अब यह समय आपके भाग्य को जगा सकता है। करियर में सफलता मिलेगी, सेहत में सुधार होगा, तकलीफें समाप्त हो सकती हैं, धन का लाभ हो सकता है, अध्यात्म की ओर आपका झुकाव हो सकता है, लेकिन मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इसलिए कर्मफल दाता शनि देव की पूजा-अर्चना करें।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर करना बेहद लकी साबित होने वाला है। शनि की ढैय्या समाप्त हो गई है, जिससे इनकी लव लाइफ में सुधार होने वाला है। करियर के क्षेत्र में सुधार हो सकता है, नौकरी में नए अवसर मिलेंगे। इसी के साथ बृहस्पति और गुरु का गोचर भी आपके आठवें भाव में हो रहा है। ऐसे में आपको अपार धन लाभ हो सकता है, मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी और साथ ही समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए अप्रैल का महीना सोने पे सुहागा होने वाला है। इस राशि के जातकों के लिए यह अच्छा समय होने वाला है, क्योंकि शनि का मीन राशि में प्रवेश करते ही कुंभ राशि के जातकों पर से शनि की साढ़ेसाती खत्म हो चुकी है। ऐसे में लंबे समय से आ रही समस्याओं से निजात मिलने वाली है। नौकरी के क्षेत्र में आपको लाभ मिलने वाला है। यह समय जीवन में नई शुरुआत करने के लिए शुभ साबित होगा। जीवन में खुशहाली आएगी और नए साथी का साथ मिलने वाला है। लेकिन शनि उदय कुछ राशि के काल बनकर आया है कुछ राशि के जातको को बड़ा झटका लगने वाला है तो जान लेते है कौन सी है वो राशियां जिनको झेलना पड़ेगा शनि का क़हर ?
मेष राशि
मेष राशि के जातको के लिए शनि का 6 अप्रैल में मीन राशि राशि में उदय होना बेहद ही ख़तरनाक साबित होने वाला है, मेष राशि में शनि दशम और एकादश भाव के स्वामी है लेकिन अब द्वादश भाव में प्रवेश कर चुके है, ऐसे में इस राशि के जातको पर शनि की साढ़ेसाती शुरु हो चुकी है और 6 अप्रैल के बाद मेष राशि वालो की परेशानियां और बढ़ जायेंगी , स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहे, धन हानि होने की संभावना है, इसी के साथ आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है ।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातको को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, सिंह राशि पर शनि की ढैय्या आरंभ हो गई है, इस राशि में शनि अष्टम भाव में है और शनि का अष्टम भाव में होना शुभ संकेत नही है, ऐसे में इस राशि के जातको को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है सेहत ख़राब होने की संभावना है, जीवन में उथल-पुथल बनी रहेगी, धन की हानि हो सकती है।
धनु राशि
धनु राशि में शनि देव चौथे भाव विराजमान है ऐसे मे इस राशि पर शनि की ढैय्या शुरु हो गई है और 6 अप्रैल के बाद इस राशि के जातको की मुश्किलें बढ़ सकती है, मानसिक और शारीरिक परेशानियां बढ़ेगी, घर का माहौल ख़राब हो सकता है, काम बिगड़ सकता है, आर्थिक स्थिति ख़राब होगी और कार्य क्षेत्र में मानहानि हो सकती है ।
तो ये थीं वे कुछ राशियां जिन पर शनि का मीन राशि में 6 अप्रैल को उदय होना बेहद ही शुभ साबित होने वाला है और कई राशियों पर इस दुष्प्रभाव भी बढ़ने वाला है।