शनिश्चरी अमावस्या से किनको झेलना पड़ेगा शनि का कोप ?

27 सालों में व्यक्ति जैसा करता है, शनि देव अपने काल चक्र में वैसा ही परिणाम देते हैं। अच्छे काम किए जाने पर अपने कार्यकाल में शनि देव मालामाल कर देते हैं और गलत करने पर राजा से रंक बना देते हैं। जो कि ज्योतिष में शनि को कर्म, आजीविका, जनता, सेवक, नौकरी, परिश्रम, तकनीक, तकनीकी कार्य, मशीनें, गहन अध्ययन, आध्यात्म, तपस्या, पाचन तंत्र, हड्डियों के जोड़, लोहा और पेट्रोलियम से जोड़ा जाता है। इस कारण जीवन में शनि की अहमियत सबसे बड़ी बताई गई है। शनि व्यक्ति को कर्मठ, कर्मशील और न्यायप्रिय बनाते हैं, इस कारण लोगों में शनि की कृपा पाने की लालसा होती है।
हालांकि, कलियुग के इस देवता से बच पाना असंभव है। ऐसा इसलिए क्योंकि हर किसी पर शनि की दशा आती है, हर कोई समय-समय पर शनि की ढैया या फिर साढ़ेसाती से गुजरता है और अपनी दशा में ही शनि व्यक्ति के कर्मों का हिसाब-किताब करते हैं। यही कारण है कि इस बार की शनि अमावस्या से लोग भयभीत हैं, क्योंकि शनिवार के दिन अमावस्या के साथ-साथ सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है और इस दिन की गलतियों की सजा स्वयं शनि देंगे। ऐसे में क्या करने से शनि किनके पीछे पड़ सकते हैं?
कहते हैं... शनि जब किसी पर अशुभ दृष्टि डालते हैं तो उसके जीवन में संकटों का अंबार लग जाता है। व्यक्ति को लगातार हानि होने लगती है। हर कार्य में असफलता मिलने लगती है। और जिस किसी पर शनि की कृपा हो जाए, फिर तो समझ लीजिए, व्यक्ति के भाग्य खुल गए। ताजा उदाहरण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। ज्योतिषों की मानें, तो मोदी को चाय वाले से देश के तख्त पर बिठाने वाला देवता कोई और नहीं, बल्कि शनि हैं। इनहीं कारणों के चलते आज आपका यह जानना जरूरी है कि शनिश्चरी अमावस्या और सूर्य ग्रहण के इस दुर्लभ संयोग में क्या सावधानी बरतनी चाहिए और गलती से भी क्या चीजें नहीं करनी चाहिए? अन्यथा शनि का प्रकोप झेलना पड़ेगा।
- भूलकर भी किसी बेजुबान जानवर को परेशान न करें। गाय, कुत्ते और कौवे को कष्ट न पहुंचाएं, नहीं तो शनि के क्रोध का कारण बन सकते हैं।
- माता-पिता, गुरु, बड़े बुजुर्ग का, महिला का अपमान गलती से भी न करें, अन्यथा शनि का दुष्प्रभाव झेलना पड़ेगा।
- नाखून, बाल, दाढ़ी काटना अशुभ माना गया है। मान्यता है ऐसा करने से शनि दोष लगता है।
- भूलकर भी तामसिक भोजन न करें, निंदा न करें, गलत तरीके से कमाई न करें। इससे आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से नुकसान हो सकता है।
- क्रोध, छल, कपट, बेसहारा को परेशान ना करें, वरना दंडाधिकारी के दंड से बचना असंभव है।
- यदि कोई दिव्यांग या असहाय मदद के लिए गुहार लगा रहा हो तो उसकी अनदेखी न करें, वरना शनि के कोप का भागी बनना पड़ेगा।
शनि अमावस्या और ऊपर से सूर्य ग्रहण... यही मौका है, अशांत शनि को शांत करने का... उनकी कृपा दृष्टि पाने का... इसलिए इस मौके पर खुद को शनि भक्ति से जोड़िए और अच्छे कर्म कीजिए।