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खुद को Modi-Yogi की ढाल बताने वाले महंत Rajudas क्यों तमतमाए

फिर सुर्खियों में आई अयोध्या नगरी सुरक्षा वापस लिये जाने पर तमतमाए महंत राजूदास महंत और डीएम के बीत हुई शब्दों की भिड़ंत, देखिये सिर्फ़ धर्म ज्ञान पर
खुद को Modi-Yogi की ढाल बताने वाले महंत Rajudas क्यों तमतमाए

2024 का रिज़ल्ट आने के बाद भी प्रभु राम की नगरी अयोध्या चर्चा में है, 62 सीटों से 33 सीटों पर सिमटी भाजपा को सबसे बड़ा झटका उसी फ़ैज़ाबाद सीट से मिला, जहां से अयोध्या भी आती है। अयोध्या को छोड़ दिया जाए, तो फ़ैज़ाबाद सीट के अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों में सपा ने जीत का झंडा गाड़ा और अयोध्या जीतकर भी भाजपा हार गई और इसी हार का ठीकरा जैसे ही हनुमानगढ़ के महंत राजूदास ने प्रशासन पर क्या फोड़ा, एक झटके से उनसे सुरक्षा छीन ली गई। ऐसा हमारा नहीं, बल्कि ख़ुद महंत राजूदास का कहना है और अब सुरक्षा क्या छिनी गईं, महंत जी को मौत का डर सताना लगा। क्या है ये पूरा मामला, आईये आपको बताते हैं। 

भगवा वस्त्र धारण किये, ये हैं हनुमानगढ़ी के महंत राजूदास महाराज जी  इन्होंने ही यूपी में भाजपा को मिली कम सीटों पर इस बात की भविष्यवाणी की थी, ये तो ट्रेलर है साल 2027 में पूरी पिक्चर दिखेगी। हिंदुत्व की आड़ में भाजपा का प्रचार प्रसार करने वाले महंत राजूदास पहले ही इस बात की भविष्यवाणी कर चुके हैं कि 2027 में योगी ही आएँगे। यानी यूपी में योगी जीत की हैट्रिक पदाएँगे । वहीं कई दफ़ा ये आपको कांग्रेस को कोसते हुए नज़र आएँगे।  खुलकर कहते हैं कांग्रेस ने सनातन का बेडा गर्क किया है, राम के प्रति कांग्रेस की आस्था कभी नहीं रही। अब जो कि महंत राजूदास ख़ुद को मोदी-योगी का एक सच्चा सिपाही बताते हैं, ऐसे में उनसे सुरक्षा वापस लिये जाने से हर कोई हैरान है। इसके पीछे की असल वजह है , महंत राजूदास और सरकारी अधिकारियों के बीच की अनबन..कहा जा रहा है कि महंत राजू दास अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही से समय लेकर हार पर अपना फीडबैक देने पहुंचे थे. वहीं इस दौरान वहां पर DM अयोध्या नीतीश कुमार भी मौजूद थे। डीएम नीतीश कुमार महंत राजू दास के चुनाव के दौरान प्रशासन के खिलाफ दिये बयानों से बेहद नाराज थे और इसी के चलते उन्होंने महंत राजू दास के साथ बैठने से इनकार किया. इसके बाद मंत्रियों की मौजूदगी में इन दोनों में तीखी झड़प भी हुई और फिर इस झड़प के बाद महंत राजू दास से सुरक्षा वापस ले ली गई। 

हालाँकि सिक्के के दूसरे पहलु पर गौर किया जाए, तो जिलाधिकारी नितीश कुमार का कहना है कि राजूदास का आपराधिक इतिहास रहा है और जांच में पाया गया कि राजूदास सिर्फ सरकारी सुरक्षा हासिल करने के लिए आए दिन विवादास्पद बयान देते रहते हैं। अयोध्या के कई व्यापारियों व अन्य लोगों ने राजूदास की गंभीर शिकायतें की हैं।इसलिए उनकी सुरक्षा वापस ली गई है। अब जो भी हो, सरकारी सुरक्षा सिर से क्या हटी, महंत राजूदास को अपनी जान  ख़तरे में लग रही है, इस पूरे मामले पर आपकी राय क्या है, कमेंट करके बताइयेगा।

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