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Delhi में Kedarnath Mandir को बनता देख Shankaracharya गुस्से में क्यों हैं ?

देश की राजधानी दिल्ली और दिल्ली का बुराड़ी इलाक़ा इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में हैं।क्योंकि बुराड़ी के हिरनकी में श्री केदारनाथ धाम' के नाम से मंदिर की नींव क्या रखी गई, तीर्थपुरोहितों से लेकर देश के शंकराचार्य का ग़ुस्सा भड़क गया।मंदिर ट्रस्ट से लेकर धामी सरकार पर धर्मावलंबियों ने हल्ला बोल दिया है।क्या है ये पूरा मामला ,आईये आपको बताते हैं..
Delhi में Kedarnath Mandir को बनता देख Shankaracharya गुस्से में क्यों हैं ?

 देश की राजधानी दिल्ली और दिल्ली का बुराड़ी इलाक़ा इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में हैं।क्योंकि बुराड़ी के हिरनकी में श्री केदारनाथ धाम' के नाम से मंदिर की नींव क्या रखी गई, तीर्थपुरोहितों से लेकर देश के शंकराचार्य का ग़ुस्सा भड़क गया।मंदिर ट्रस्ट से लेकर धामी सरकार पर धर्मावलंबियों ने हल्ला बोल दिया है।केदारघाटी से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा हुआ है, क्योंकि बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास तो हो चुका है। लेकिन निमंत्रण पत्र पर लगे जिस क्यू आर कोड पर जाकर मंदिर निर्माण के लिए धन राशि दी जा रही है।उसे स्कैन करते हुए जो तस्वीर खुलकर सामने आ रही है, उसमें केदारनाथ धाम लिखा आता है।लिखा है - श्री केदारनाथ धाम भूमि पूजन समारोह ,ऊपर से मंदिर की नींव देवभूमि उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी के हाथों से रखी गई है।जिसके चलते ऐसा बवाल मचा, कि ज्योतिर्मठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की इस पूरे विवाद में एंट्री हो गई। 

इस विवाद पर सरकार और मंदिर ट्रस्ट की तरफ़ से क्या सफ़ाई दी जा रही है, ये भी हम आपको बताएँगे लेकिन,इस मंदिर निर्माण को तीर्थ की मर्यादा के ख़िलाफ़ क्यों कहा जा रहा है।क्या सच में केदारनाथ धाम से जुड़ी आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है?

धर्म ग्रंथों का हवाला देते हुए शंकराचार्य साफ़ कर चुके हैं कि केदारनाथ धाम नाम से कहीं भी मंदिर की स्थापना नहीं की जा सकती है।क्योंकि इससे तीर्थ की गरिमा का उल्लंघन होता है और जैसे ही इस पूरे विवाद पर शंकराचार्य की एंट्री हुई, धामी सरकार से लेकर मंदिर ट्रस्ट ने यू टर्न ले लिया।सफ़ाई दी की केदारनाथ धाम नहीं, बल्कि बाबा केदार का प्रतीकात्मक मंदिर बनाया जा रहा है..बक़ायदा मुख्यमंत्री धामी को ये तक कहना पड़ा है कि -

बाबा केदार के किसी भी नाम से कोई भी मंदिर बन जाए तो उस से धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता। फिर भी यह आस्था से जुड़ा मामला है, इसलिए बद्री केदार मंदिर समिति को संबंधित लोगों से वार्ता कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है।  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 

हालाँकि ट्रस्ट की तरफ से भी बयान सामने आ गया है कि उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हम केदारनाथ धाम और वहां से जुड़े भक्तों की आस्था का सम्मान करते हैं। दिल्ली में बाबा केदार के भक्त सिर्फ उनका मंदिर बनवा रहे हैं। इसलिए विवाद करने से कोई फायदा नहीं है।


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