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2054 में क्या भारत में छिड़ेगा गृह युद्ध, मिट जाएगा हिंदू राष्ट्र?

30 साल बाद 2054 में मुसलमान और हिंदू राष्ट्र भारत ! क्या देश में छिड़ेगा गृह युद्ध ? विजयवर्गीय की डरावनी भविष्यवाणी, देखिये सिर्फ़ धर्म ज्ञान पर
2054 में क्या भारत में छिड़ेगा गृह युद्ध, मिट जाएगा हिंदू राष्ट्र?

भारत की तक़दीर को लेकर एक नई भविष्यवाणी सामने आई है, नेता से भविष्यवक्ता बने कैलाश विजयवर्गीय ने एक ऐसी भविष्यवाणी की है, जिसके सत्य हो जाने से दुनिया के नक़्शे से हिंदू राष्ट्र का नक़्शा मिट जाएगा | 30 साल बाद 2054 में ऐसा क्या होने वाला है, जिसे लेकर नेताओं के ज़ुबानी जंग चरम सीमा पर है? भारत की बदलती डेमोग्राफी से क्या डरने की ज़रूरत है? भविष्यवाणी की सत्यता क्या कहती है?

भारत से लेकर नेपाल, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, श्रीलंका , संयुक्त राज्य अमेरिका , मलेशिया, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त अरब अमीरात, इन देशों में हिंदुओं की अच्छी खासी आबादी बस्ती है और जनसंख्या के मामले में दुनिया भर के हिंदू भारत में सबसे ज़्यादा है | लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि हिंदू बहुल होने के बावजूद भारत में 78.9 फ़ीसदी हिंदू हैं, ना की 80 फ़ीसदी | जबकी नेपाल में हिंदुओं की संख्या 80.6% है, मॉरीशस में 48.4% है, फ़िजी में हिंदुओं की संख्या 27.9% है, गुयाना में हिंदुओं की संख्या 23.3% है और भूटान में हिंदुओं की संख्या 22.5% है | एक लंबी चौड़ी लिस्ट है, गौर करने वाली बात ये कि देश की बदलती डेमोग्राफी के चलते हिंदुओं की जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई और मुस्लिम आबादी में वृद्धि हुई है | देश के 84.68 फ़ीसदी हिंदू आज 78.06 फ़ीसदी पर आ गये हैं, जबकी 9.84 फ़ीसदी मुसलमान आज की डेट में 14.2 फ़ीसदी पर आ गये हैं और सबसे दिलचस्प बात ये कि हिंदुओं की घटती आबादी से भाजपा नेता सबसे ज़्यादा चिंतित हैं | तभी तो हाल फ़िलहाल में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने 30 साल आगे की यानी की 2054 तक की भविष्यवाणी कर दी है | एक रैली में बोलते हुए मंच से उन्होंने एक रिटायर ऑफ़िसर का हवाला देते हुए इस बात की भविष्यवाणी की है कि, “जिस तरह से हमारे देश की जनसांख्यिकी बदल रही है, 30 साल बाद गृह युद्ध शुरू हो जाएगा। ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है कि आप लोग जी नहीं पाएंगे।हमें इस मामले पर सोचना और विचार करना होगा. हमें इस पर काम करना चाहिए कि हिंदू शब्द को कैसे मजबूत किया जाए।”

भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय  की इसी भविष्यवाणी के कई मायने निकाले जा रहे हैं | अगर बदलती डेमोग्राफी के चलते हालात गंभीर होते हैं, तो ऐसे में ना सिर्फ़ गृह युद्ध की स्थिति पनपेगी, बल्कि हिंदू राष्ट्र भी नक़्शे से मिट जाएगा | बांग्लादेश जैसे भयावह हालातों से भारत को गुजरना पड़ सकता है, जिसके परिणाम वश मुस्लिम राष्ट्र की राह पर भारत चल सकता है। हालाँकि भविष्यवाणी की सत्यता क्या कहती है, इसकी पुष्टि समय ही कर सकता है | लेकिन बदलती डेमोग्राफी से सिर्फ़ कैलाश विजयवर्गीय ही चिंतित नहीं है, बल्कि गिरि राज सिंह भी गृह युद्ध होने की संभावना जता चुके हैं | इसी कड़ी में कथावाचक स्वामी रामभद्राचार्य हिंदुओं को वापस 80 फ़ीसदी करने की सौगंध ले चुके हैं | इतना ही नहीं, पश्चिम और दक्षिण के सीमावर्ती क्षेत्रों में बदलती डेमोग्राफी को संघ भी देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बता चुका है | एक महीने पहले संघ की ख़ुद की मैगज़ीन में इसी पर एक लंबा चौड़ा article छपा हुआ था, जिसमें जनसंख्या नियंत्रण क़ानून को देश की ज़रूरत बताई गई थी। दूसरी तरफ़ कांग्रेसी समेत तमाम विपक्षी पार्टियाँ और मुस्लिम संगठनों ने कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना करार दिया है | आलम ये है कि इसी पर सियासी बवाल मचा हुआ है, पड़ोसी मुल्कों के इस्लामिक तख्तापलट को देखकर क्या भारत के इस्लामिक राष्ट्र बनने के बारे में सोचा जा सकता है? आज की तस्वीर की तुलना में 2054 तक सब कुछ बदल जाएगा | एक नई सरकार होगी, नई सोच की एक नई पीढ़ी होगी, ऐसे में हिंदू बहुल भारत में गृहयुद्ध जो पहले कभी नहीं हुआ, क्या मुमकिन है?

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