2054 में क्या भारत में छिड़ेगा गृह युद्ध, मिट जाएगा हिंदू राष्ट्र?
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय की इसी भविष्यवाणी के कई मायने निकाले जा रहे हैं | अगर बदलती डेमोग्राफी के चलते हालात गंभीर होते हैं, तो ऐसे में ना सिर्फ़ गृह युद्ध की स्थिति पनपेगी, बल्कि हिंदू राष्ट्र भी नक़्शे से मिट जाएगा | बांग्लादेश जैसे भयावह हालातों से भारत को गुजरना पड़ सकता है, जिसके परिणाम वश मुस्लिम राष्ट्र की राह पर भारत चल सकता है। हालाँकि भविष्यवाणी की सत्यता क्या कहती है, इसकी पुष्टि समय ही कर सकता है | लेकिन बदलती डेमोग्राफी से सिर्फ़ कैलाश विजयवर्गीय ही चिंतित नहीं है, बल्कि गिरि राज सिंह भी गृह युद्ध होने की संभावना जता चुके हैं | इसी कड़ी में कथावाचक स्वामी रामभद्राचार्य हिंदुओं को वापस 80 फ़ीसदी करने की सौगंध ले चुके हैं | इतना ही नहीं, पश्चिम और दक्षिण के सीमावर्ती क्षेत्रों में बदलती डेमोग्राफी को संघ भी देश के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बता चुका है | एक महीने पहले संघ की ख़ुद की मैगज़ीन में इसी पर एक लंबा चौड़ा article छपा हुआ था, जिसमें जनसंख्या नियंत्रण क़ानून को देश की ज़रूरत बताई गई थी। दूसरी तरफ़ कांग्रेसी समेत तमाम विपक्षी पार्टियाँ और मुस्लिम संगठनों ने कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को गैर जिम्मेदाराना करार दिया है | आलम ये है कि इसी पर सियासी बवाल मचा हुआ है, पड़ोसी मुल्कों के इस्लामिक तख्तापलट को देखकर क्या भारत के इस्लामिक राष्ट्र बनने के बारे में सोचा जा सकता है? आज की तस्वीर की तुलना में 2054 तक सब कुछ बदल जाएगा | एक नई सरकार होगी, नई सोच की एक नई पीढ़ी होगी, ऐसे में हिंदू बहुल भारत में गृहयुद्ध जो पहले कभी नहीं हुआ, क्या मुमकिन है?