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अब क्या मंदिरों की बेशुमार दौलत से Bharat को बनाया जाएगा सोने का शेर?

अब जब देश के अगले 5 साल भी पीएम मोदी को मिल जाएँगे, तो क्या मंदिरों के इसी ख़ज़ाने से सोने की चिड़िया को सोने का शेर बना दिया जाएगा।इसी पर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ।स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती जी ने धर्म ज्ञान पर क्या कुछ कहा।सुनिये..
अब क्या मंदिरों की बेशुमार दौलत से Bharat को बनाया जाएगा सोने का शेर?
नये भारत की नई तस्वीर में फ़िट देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंदिर नीति का कमाल है, जो आज दुनिया के कोने-कोने से हिंदू मंदिरों की भव्य तस्वीर देखी जा रही है।विश्व पटल पर सनातन संस्कृति का डंका बज रहा है।विदेशी लोग ख़ुद को आध्यात्म की दुनिया से जोड़ रहे हैं।सनातन के ध्वज वाहक बने पीएम मोदी विश्व की ज़रूरत और मजबूरी, दोनों बन चुके हैं।जिस किसी देश पर संकट के बादल मंडराते हैं, वो भारत को उम्मीद भरी नज़रों से देखने लगता है।माँ भारती के सबसे बड़े पुजारी आज विश्व शक्तियों की आँखों में आँखें डालकर बात करते हैं।जिनके लिए भारत के 140 करोड़ देशवासी आराध्य देव हैं, वो आज विश्व गुरु बन चुके हैं।जिन्होंने खाड़ी देशों की रेगिस्तानी धरा को सनातन की धारा से गुलज़ार किया, आज दुनिया को उनमें सोने का शेर नज़र आ रहा है।

प्राचीन मंदिरों को जीर्ण शीर्ण अवस्था से निकालकर पुनः जीवित करने वाले पीएम मोदी 4 जून के बाद ऐसा क्या बड़ा करने वाले हैं, जिसके चलते एंटी हिंदुओं के मुँह पर ताले जड़ जाएँगे ? ।. पीएम मोदी ने ठाना है, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, लेकिन इसी विकसित राष्ट्र को सोने का शेर कैसे बनाएँगे ? ।.मोदी की मंदिर नीति से चिढ़ने वाले लोगों का 4 जून के बाद क्या होगा ? ।. अब क्या मंदिरों के ख़ज़ाने से सोने की चिड़िया को सोने का शेर बनाया जाएगा ? ..ये जानने के लिए देखिये धर्म ज्ञान की ये ख़ास रिपोर्ट ।

मंदिरों के इस देश में भारत की GDP में मंदिर की इकोनॉमी की हिस्सेदारी 2 फीसदी से ज्यादा है और इसकी सबसे बड़ी वजह है, ईश्वर से जुड़ी भक्तों की आस्था ।NSSO का डेटा इस बात का खुलासा करता है कि प्रति दिन प्रति व्यक्ति अपनी धार्मिक यात्रा पर 2,717 रुपये खर्च करता है। यही वजह है कि मोदी सरकार में तीर्थों की तस्वीरों को चमकाया गया..जनता के लिए धार्मिक यात्राओं को सुगम बनाया गया है।सिर्फ़ भारत इकलौता ऐसा देश नहीं है, जिसकी जीडीपी में तीर्थाटन का शेयर 2.32 फीसदी है।बल्कि अमेरिका और सऊदी अरब देशों में भी आस्था इकोनॉमी पिलर बना हुआ है। 

देश के ज़्यादातर अमीर मंदिर, बातें चाहे राम मंदिर की करें, या फिर पद्मनाभ स्वामी मंदिर की। शिरडी का साई बाबा मंदिर हो या फिर वैष्णों देवी।बालाजी मंदिर हो या फिर मीनाक्षी मंदिर।इन तीर्थों को चढ़ावे के नाम पर करोड़ों रुपये मिलते हैं..सालाना इनकम 100 करोड़ से भी कई गुना ज़्यादा है, इसके अलावा बेशक़ीमती सोने-चांदी से मंदिर कों ख़ज़ाना भरा पड़ा है।इसमें कोई शक नहीं कि मोदी की मंदिर नीति से देश की अर्थव्यवस्था Boost हुई है, और अब जब देश के अगले 5 साल भी पीएम मोदी को मिल जाएँगे, तो क्या मंदिरों के इसी ख़ज़ाने से सोने की चिड़िया को सोने का शेर बना दिया जाएगा।इसी पर अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री ।स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती जी ने धर्म ज्ञान पर क्या कुछ कहा।सुनिये.. 


नोट: मोदी जी की फोटो AI द्वारा जेनेरेट की गई है। 
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