महाराष्ट्र शपथग्रहण में क्या शंकराचार्य की भविष्यवाणी को PM मोदी करेंगे सत्य ?
महाराष्ट्र रिज़ल्ट को 6 दिन बीत चुके हैं। 23 नवंबर के दिन महायुती की महाजीत हुई, सरकार किसकी बनेगी, ये निर्णय किया है लेकिन मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए, ये फ़ाइनल नहीं हो पा रहा है। झारखंड को सरकार और मुख्यमंत्री दोनों मिल चुका है, लेकिन महाराष्ट्र में CM चेहरे पर अब तक संस्पेंस बना हुआ है। बैक टू बैक, बैठकें हो रही है और इन्ही बैठकों के बीच एक ऐसी पिक्चर सामने आई है। जिसे देश के शंकराचार्य अविमुक्तेशवरानंद सरस्वती से जोड़ा जा रहा है? वायरल पिक्चर के बीच शंकराचार्य की भविष्यवाणी क्या कहती है ? और शपथग्रहण से ठीक पहले क्या पीएम मोदी कोई बड़ा सरप्राइज दे सकते हैं।देखिये इस पर हमारी ये खास रिपोर्ट।
ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, जिन्हें एंटी मोदी बताया जाता है जबकी हक़ीक़त कुछ और है। शास्त्रों पर बात करते हैं, और जो कोई भी व्यक्ति उन्हें शास्त्र विरुद कार्य करता दिखता है, उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते हैं। फिर चाहे सामने वाला व्यक्ति कोई भी क्यों ना हो स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, ख़ुद ये मानते हैं कि पीएम मोदी ने सनातन के उत्थान में सराहनीय कार्य किये हैं। पीएम मोदी की प्रशंसा में ये कहते हैं कि तंत्र भारत में ऐसा कौन सा प्रधान मंत्री है जो इतना बहादुर है। वो ख़ुद को पीएम मोदी को आलोचकों में नहीं गिनते हैं, हालाँकि उनके अनुसार पीएम मोदी को कुछ ग़लत करता देख, चुप भी नहीं बैठते हैं। अब जो कि एक लंबे से स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने की माँग कर रहे हैं। इसी के संदर्भ में गौ संसद से लेकर गौ ध्वज जन यात्रा भी उन्होंने निकाली और इसी यात्रा में जब वो महाराष्ट्र पहुँचे, तो उनकी बातों पर अमल करते हुए बतौर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में गौ को राज्यमाता का दर्जा दिया और देशी गायों के पालन पोषण के लिए 50 रुपये प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने का भी निर्णय लिया। बस फिर क्या था, शिंदे के इसी फ़ैसले से गद-गद शंकराचार्य ने महाराष्ट्र में महायुति के आने की भविष्यवाणी कर दी। साथ ही साथ, शिंदे के पुनः मुख्यमंत्री बनने पर भी ज़ोर दिया और अब जब मुख्यमंत्री की रेस में फडणवीस सबसे आगे चल रहे हैं, तो इस पर शंकराचार्य का रिएक्शन आ गया है।
महाराष्ट्र के शपथग्रहण से ठीक पहले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाए जाने पर ज़ोर दिया है। मीडिया से मुख़ातिब होते हुए अपनी ये बात रखी। शिंदे के नेतृत्व में ही यह चुनाव लड़ा गया था. शिंदे की छवि और उनके द्वारा किए गए कामों के साथ गौ माता को राज्य माता घोषित किए जाने के फल स्वरूप ही इतनी बड़ी जीत मिली है. इसलिए, बीजेपी को एकनाथ शिंदे को ही मुख्यमंत्री बनाकर देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री के तौर पर ही अपने इस गठबंधन को आगे बढ़ना चाहिए।उत्तर प्रदेश में भी चुनावों से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गौ माता को राज्य माता का दर्जा दिया जाना चाहिए, ताकि महाराष्ट्र की तरह यूपी में भी वर्तमान सरकार को गौ माता का आशीर्वाद मिले, क्योंकि अब गौ भक्त जाग चुके हैं और हिंदुओं को अपने अधिकारों के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने की ताकत का पता चल चुका है।
गौर करने वाली बात ये कि चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में एंटी महायुति का माहौल देखा जा रहा था। तमाम राजनीतिक पंडितों को लग रहा था कि इंडिया गठबंधन अबकी बार बाज़ी मार जाएगा लेकिन जैसे ही मुख्यमंत्री शिंदे ने गौ को राज्यमता का दर्जा दिया। शंकराचार्य ने तुरंत सियासी हवा को भाँपते हुए, उन्हीं की सरकार के आने की भविष्यवाणी कर दी। हाल फ़िलहाल में गृहमंत्री अमित शाह के साथ शिंदे और फडणवीस की मुलाक़ात की एक पिक्चर वायरल हो रही है, जिसमें मुख्यमंत्री बनने की मुस्कान और गद्दी जाने दर्द चेहरों पर साफ़ सफलता रहा है। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या ऐन मौक़े पर ख़ुद पीएम मोदी कोई बड़ा सरप्राइज़ दे सकते हैं।क्या शंकराचार्य की भविष्यवाणी पीएम मोदी के हाथों सत्य हो सकती है ?