1000 दिनों की तबाही में क्या पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन ? Swami Yo

1 हज़ार दिनों की तबाही में क्या पश्चिम बंगाल का द एंड होना है? क्या हिंदुओं के कत्लेआम के बीच ममता का पत्ता कटने वाला है? मोदी मैजिक बंगाल में राष्ट्रपति शासन अब तक क्यों नहीं लगा पाया? इन्हीं सवालों के ईद-गिर्द पश्चिम बंगाल का भविष्य चक्कर काट रहा है। भारत का अभिन्न हिस्सा पश्चिम बंगाल, जिसकी पहचान दुर्गा पूजा है, जिसका समृद्ध इतिहास 4 हज़ार साल पुराना है। रवींद्रनाथ टैगोर, अमर्त्य सेन और मदर टेरेसा—ये महान विभूतियाँ बंगाल का गौरव बनीं। भारतीय जनसंघ, जो आज की बीजेपी है, उसकी नींव रखने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी ख़ुद पश्चिम बंगाल से थे। और तो और, जिस बंगाल ने अपने साहित्य, संगीत, कला और सिनेमा के दम पर विश्व पटल पर अपनी निराली छाप छोड़ी, आज उसी बंगाल में मौत तांडव कर रही है। वक्फ़ क़ानून के ख़िलाफ़ मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा में दंगे इस कदर भड़के कि उसकी चिंगारी ने हिंदुओं का घर-बार, दुकानें सब कुछ स्वाहा कर दिया।
हिंसक विरोध प्रदर्शनों में गाड़ियां जलीं, दुकान-घर तोड़फोड़ कर लूटी गईं, 3 लोगों की मृत्यु हो गई, जिनमें भड़की हिंसा में भीड़ ने पिता-बेटे की पीट-पीटकर हत्या कर दी। हिंदू बहन-बेटियों के साथ छेड़छाड़ की गई। हिंदुओं के घर जला दिए गए। आलम ये है कि हिंदू बहुल बंगाल में आज हिंदुओं का पलायन हो रहा है। पश्चिम बंगाल में आज जो कुछ भी हो रहा है, क्या उसे हजार दिनों की तबाही वाले चश्मे से देखा जा सकता है? बंगाल की इसी तबाही को स्वामी योगी की भविष्यवाणी से क्यों जोड़ा जा रहा है और इसमें राष्ट्रपति शासन का ज़िक्र क्यों? ये समझने के लिए, आप ये जान लीजिए, पिछले साल स्वामी योगेश्वरानंद गिरी महाराज ने बैक टू बैक ग्रहण और फिर शनि गोचर में बदलती ग्रह स्थिति को देखते हुए आने वाले समय में हजार दिनों की तबाही के आने का अंदेशा जताया था। बक़ायदा महाभारत काल की ग्रह स्थिति को समझाते हुए आने वाला समय भारत के लिए भयंकर बताया था।