कुलदेवी के नाम पर क्या योगी करेंगे पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े ?

मन में अखंड भारत की भावना, ज़ुबान पर हिंदू राष्ट्र का नारा रगों में बहता एक सच्चे सनातनी का खून, कर्म से मठाधीश, जनता के बीच कर्मठ मुख्यमंत्री का दायित्व तन पर भगवा और सादगी भरा जीवन, मठाधीश से मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ की इन्हीं खूबियों पर दुनिया जहान के लोग फिदा है. यूपी के लिए योगी इतने उपयोगी साबित हुए कि , प्रदेश की जनता ने उन्हें बैक टू बैक सत्ता के तख़्त पर बिठाया। धार्मिक प्रवृत्ति के योगी बाबा जो कहते हैं, वो करके दिखाते हैं. यही कारण है कि बाबा की ज़ुबान पर शक्तिपीठ हिंगलाज माता का नाम आते है, पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ चुकी है। अपनी कुलदेवी पर बात करते हुए योगी बाबा ने जब पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश को अखंड भारत का हिस्सा बताया पाकिस्तानी हुकूमत की क़ब्ज़ाएँ बलोचिस्तान में मौजूद हिंगलाज मंदिर के नाम पर जब भावुक हुए, तो बलूच लोगों में आशा की किरण जाग उठी। आज़ादी की माँग कर रहे बलोचिस्तान को अब योगी में अपना मसीहा नज़र आने लगा है. योगी की कुलदेवी से बलोचिस्तान और पाकिस्तान का क्या कनेक्शन है? क्या हिंगलाज माता की घर वापसी से बलूचिस्तान का उद्धार होगा? क्या योगी के हाथों पाकिस्तान की नीयती में टुकड़े होना लिखा है ?
नाथ संप्रदाय की कुलदेवी, जिनकी आराधना योगी दिन रात करते हैं। वो पाकिस्तान की एक ऐसी गुफा में वास करती है, जहां भारत विरोधी ताक़तें कदम रखने से कतराती हैं , हम बात कर रहे हैं, नाथ संप्रदाय की कुलदेवी हिंगलाज माता की, जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के हिंगलाज में स्थित हैं। खेरथार पहाड़ियों की एक गुफा में विद्यमान माता हिंगलाज 51 शक्तिपीठों में से एक है।जो कि नाथ संप्रदाय की उत्पत्ति ‘आदिशंकर’ से हुई है, इसे भगवान शिव का अवतार माना गया है, इसलिए माता सती का अंश हिंगलाज माता इसी संप्रदाय की कुलदेवी हैं।
हिंगोल नदी किनारे खेरथार पहाड़ियों के बीच..एक ऐसी प्राकृतिक गुफा मौजूद हैं, जहां माँ हिंगलाज की स्वयंभू वेदी विद्यमान हैं..पौराणिक मान्यता कहती है, सती के वियोग में दुखी भगवान शिव जब सती के पार्थिव देह लेकर तीनों लोकों में घूमने लगे तो विष्णुजी ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के देह के 51 टुकड़े कर दिए, जिस-जिस स्थान पर सती के अंग गिरे, उन स्थानों को शक्तिपीठ कहा गया, जिसमें हिंगलाज मंदिर भी शुमार है। नाथ संप्रदाय से आने वाला प्रत्येक शख़्स मां हिंगलाज को अपनी कुलदेवी के रूप में पूजता है। इस मंदिर से ना सिर्फ़ हिंदुओं की आस्था जुड़ी है, बल्कि मुस्लिमों का भी आगाध प्रेम हैं। आलम ये है कि मंदिर की सुरक्षा के लिए मुस्लिम चौबिसों घंटे तैनात रहते हैं। जब-जब आतंकियों ने मंदिर को चोट पहुँचाने की कोशिश की, मां की शक्तियों ने नापाक इरादों को नेस्तानाबूत किया है। तभी से भारत विरोधी ताक़तें इस गुफा में कदम रखने से कतराती है। मंदिर से जुड़ी मान्यता कहती है, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने भी यात्रा पर इस शक्तिपीठ में दर्शन किए थे। हिंदू ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ने भी यहां घोर तप किया था। इतना ही नहीं, मनोरथ सिद्धि के लिए गुरु गोरखनाथ से लेकर गुरु नानक देव और दादा मखान जैसे आध्यात्मिक संत भी यहां आ चुके है।