उड़िया बाबा की भविष्यवाणी पर चल पड़े योगी बाबा क्या करके राजनीति को कहेंगे बॉय-बॉय ?
भारत की धरातल सिद्ध संतों की जन्मभूमि और कर्मभूमि, दोनों रही देश के गौरवशाली इतिहास में दार्शनिक और सिद्ध संतों की एक लंबी चौड़ी लिस्ट है। स्वामी प्रभुपाद जी नीम करौली बाबा ,महर्षि अरविंद, देवहरा बाबा, ओशो रजनीश, माँ अमृतामयी ऐसे -ऐसे नाम है, जिनसे पूरी दुनिया परिचित है और इसी कड़ी में उड़िया बाबा एक ऐसी करिश्माई शख़्सियत रहे, जिन्होंने अपनी तपस्या के बल पर अक्षय पात्र का वरदान पाना मतलब ये कि उनकी मौजूदगी भूखमरी को मिटा देती जहां कहीं भी वो रहते भंडारों का तांता लगा रहता। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव कल्याण को समर्पित किया…जो कोई भी उनके नक़्शे कदमों पर चला, उसने अपने जीवन को स्वर्ग बनाया और आज उन्हीं की एक भविष्यवाणी पर चल पड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसा क्या करके भारतीय राजनीति को बॉस-बॉय कहेंगे..? उड़िया बाबा की भविष्यवाणी ऑटोपायलट मोड में योगी बाबाऔर सनातन धर्म देखिये सिर्फ़ धर्म ज्ञान पर।
आज धर्मयुद्ध की हक़ीक़त ऐसी है कि अपने-अपने धर्म का विस्तार करने के लिए अपने-अपने धर्म का पताका लहराने के लिए अपने -अपने धर्म को सर्वोपरी साबित करने के लिए मीडिल ईस्ट से लेकर यूरोप तक , ज़्यादातर देश जंग की आग में जल रहे हैं। हम ख़ुद के देश भारत की बात करें, तो जिस किसी ने इस देश पर राज किया है, उसने तलवार के नोक पर अपने धर्म को स्थापित किया। सनातन पर प्रहार किया। फिर चाहे मुग़लों का दौर हो या फिर मुग़लों का समय आज भारत की धरा पर अलग-अलग पंथ हैं। सबके अपने-अपने ग्रंथ हैं लेकिन इन सबका का भविष्य क्या है ? इसी की पिक्चर सालों पहले उड़िया बाबा दिखा चुके हैं। सनातन को लेकर उड़िया बाबा क्या भविष्यवाणी करके गये हैं, जिसमें योगी बाबा को फ़िट किया जा रहा है ये बताने से पहले आप ये जान लीजिये कौन हैं उड़िया बाबा ?
उड़िया बाबा की जन्म स्थली नाथों के नाथ प्रभु जगन्नाथ की धरातल है। यही से उन्होंने 32 वर्ष की आयु में, आजीवन ब्रह्मचर्य की दीक्षा ली। अपनी यात्रा में उन्होंने आध्यात्मिक चमत्कारों का अनुभव किया, कई साधुओं, महंतों और आध्यात्मिक पुरुषों से मुलाकात की कहते हैं, उड़िया बाबा लोगों को उनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति के अनुसार शिक्षा देते थे।जो कि उड़िया बाबा की तपस्या हमेशा से सामाजिक उद्देश्य के लिए रही, इसके पीछे की कहानी कम चमत्कारी नहीं है। कहते हैं एक बार उड़ीसा में भयंकर अकाल पड़ा। हजारों लोग भूख से मर रहे थे। इसलिए उन्होंने जरूरतमंदों की सेवा करने का फैसला किया, लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि अपने कठिन प्रयासों के बावजूद, वह स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं कर सके।तभी उन्होंने पौराणिक अक्षय पात्र प्राप्त करने के बारे में सोचा। कहते हैं, देवी अन्नपूर्णा से उड़िया बाबा को अक्षय पात्र की प्राप्ति हुई। कहते हैं, कैसा भी बीहड़ जंगल हो, सभी लोगों के भोजन की व्यवस्था उड़िया बाबा अपनी सिद्धि से करवा दिया करते थे। उनके चमत्कारों को देखकर लोग उन्हें ईश्वर के रूप में पूजने भी लगे। उनके उपदेशों को गीता प्रेस छापने लगी और तो और, भविष्यवाणियों पर भी यक़ीन करने लगी इन दिनों ख़बरों में बाबा उड़िया के हवाले से एक ऐसी भविष्यवाणी वायरल हो रही है, जिसने कलियुग के इस धर्मयुद्ध की असली पिक्चर दिखा दी है। उड़िया बाबा की भविष्यवाणी का हवाला देते हुए ये दावा किया जा रहा है कि कलयुग में जितने भी अलग-अलग पंथ और ग्रंथ चल रहे हैं, आने वाले समय में ये सभी नष्ट हो जाएँगे। मतलब ये कि एक ही धर्म बचेगा सनातन और जो कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साफ़ शब्दों में सनातन को भारत की आत्मा बता चुके हैं..देश का एकमात्र धर्म बता चुके हैं..इस बात पर ज़ोर देते आए हैं कि सनातन संस्कृति विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। इसलिए उड़िया बाबा की सनातन वाली भविष्यवाणी में योगी बाबा को ही फिट किया जा रहा है। उन्हीं में हिंदू राष्ट्र का प्रथम प्रधानमंत्री देखा जा रहा है। उन्हीं में सनातन का सबसे बड़ा रक्षक दिखता है लेकिन क्या है मुमकिन है ? सनातन की विराट पिक्चर में अगर योगी नहीं, तो कौन सा चेहरा फ़िट बैठेगा?