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आखिर पूर्णिया में पप्पू यादव का बेड़ा पार होगा या नहीं ?

लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी को बिहार की राजनीति में स्थापित करने के लिए किसी भी तरह की हद तक जा सकते है… और उसी का नतीजा है कि तेजस्वी यादव को कोई नुकसान ना हो इसलिए पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को रगड़ कर रख दिया है…मजबूर होकर कन्हैया को दिल्ली तो पप्पू यादव को निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा रहा है…
आखिर पूर्णिया में पप्पू यादव का बेड़ा पार होगा या नहीं ?
लालू यादव अपने बेटे तेजस्वी को बिहार की राजनीति में स्थापित करने के लिए किसी भी तरह की हद तक जा सकते है । और उसी का नतीजा है कि तेजस्वी यादव को कोई नुकसान ना हो इसलिए पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को रगड़ कर रख दिया है । मजबूर होकर कन्हैया को दिल्ली तो पप्पू यादव को निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ा रहा है । एक रिपोर्ट ।

लोकसभा चुनाव 2024
पूर्णिया में हुआ दिलचस्प मुकाबला
आरजेडी फंस गई है और पप्पू पास होने वाला है


लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान है ।और इसमें बिहार के सीमांचल इलाके की सीट पूर्णिया भी जद में है  ।लेकिन इस लोकसभा पर दिलचस्प मुकाबला है । एक तरफ निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव है तो दूसरी तरफ आरजेडी की तरफ से बीमा भारती है । लेकिन टिकट बंटवारे के समय आरजेडी और कांग्रेस में ठन गई ।और आखिरकार लालू के सामने सोनिया को झुकना पड़ा ।और अपनी पार्टी का विलय कर चुके पप्पू ठगा सा महसूस करने लगे ।लेकिन कांग्रेस पप्पू के लिए कुछ नहीं कर सकी । औऱ अब उसी पूर्णिया में तेजस्वी और पप्पू आमने-सामने है ।औऱ कहा जा रहा है कि पप्पू की हवा टाइट है ।और बीमा भारती की हालत खराब है ।  पप्पू का दावा है कि उन्हें कांग्रेस का समर्थन हासिल है ।यहां के लोग भी एनडीए और महागठबंधन की जीत-हार के बदले यह जानने को उत्सुक हैं कि पप्पू यादव जीतेंगे या हारेंगे ।आरजेडी ने बीमा भारती को तो NDA ने संतोष कुशवाहा को चुनावी रण में उतारा है ।2019  में कुशवाहा ने कांग्रेस के पप्पू सिंह को बड़े अंतर से हराया था ।लेकिन 2024 चुनाव से पहले पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया ।और ये साफ हो गया कि पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन लालू यादव की जिद ने पप्पू का खेल खराब कर दिया ।और पप्पू की काफी किरकिरी हुई । लेकिन लालू यादव टस से मस नहीं हुए और आखिरकार ये सीट आरजेडी के खाते में चली गई । लेकिन पप्पू ने पीछे हटने के बजाए मैदान में डटा रहना उचित समझा ।और अब कहा जा रहा है कि पप्पू पास हो सकता है।

बिहार के राजनीतिक समीकरण को समझने वालों की माने तो पप्पू यादव निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए ।और लोगों की सहनाभूति का फायदा मिला ।पूर्णिया में आम नागरिक की तरह चुनाव प्रचार में पप्पू लगे हैं ।कभी वे सड़कों पर मोटर साइकिल दौड़ाते नजर आ रहे हैं  । तो कभी किसी के घर भात खाते । कुल मिलाकर पप्पू यादव ने ये सबकुछ एक दिन में नहीं किया है। इस सीट पर पप्पू काफी दिनों से मेहनत जारी है । ऐसे में कहा जा रहा है कि आरजेडी उम्मीदवार बीमा और बीजेपी उम्मीदवार पप्पू से काफी पीछे है । और लग रहा है कि इस बार पप्पू यादव जीत सकते है । देखना होगा कि 26 अप्रैल को जनता क्या करती है ।और 4 जून को क्या होता है ।लेकिन पप्पू ने मामले को दिलचस्प बना दिया है ।

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