दिन-रात मोदी के खिलाफ कैसे 'फर्जीवाड़ा' फैलाते हैं Ajit Anjum? सामने आ गया सबसे बड़ा सबूत
आज आपको पत्रकार अजीत अंजुम के कुछ पोस्ट दिखाएंगे, कुछ Youtube Channel के Chunks दिखाएंगे…आप खुद समझ जाएंगे कि पत्रकारिता के नाम पर किस तरह से अजीत मोदी के खिलाफ एजेंडा चला रहे हैं।
साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार क्या आ गई….देश दो ख़ेमों में बंट गया। एक तरफ़ वो लोग जो मोदी सरकार के फ़ैसलों पर सहमति जताने लगे और दूसरी तरफ़ वो लोग जिन्हें मोदी में एक तानाशाह नज़र आने लगा और ऐसे लोग सरकार के हर एक फ़ैसले में मीनमेक निकालते हुए आपको नज़र आ जाएंगे। वैसे आम जनता का इस तरह से दो पक्षों में बंटना समझ आता है लेकिन पत्रकारों का क्या करें ? लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ही अगर आपस में अपनी अपनी विचारधाराओं के लिए लड़ भिड़ पड़ेगा तो काम कैसे चलेगा। सच तो कहीं पीछे छूट जाता बस जनता को दिखता है तो वो जो एजेंडा इन पत्रकारों ने सेट कर लिया है।
ऐसे कई पत्रकार हैं जिन्हें मोदी में लाख बुराइयां दिखती हैं, लेकिन हद तब होती है जब अपनी निजी विचारधारा को ये लोग ज़बरदस्ती देश की जनता पर थोपने की कोशिश करते हैं। ऐसे ही एक पत्रकार हैं अजीत अंजुम…जिन्होंने पत्रकारिता तो शायद बहुत पहले करनी छोड़ दी थी, अब तो ये सिर्फ़ एक तरफ़ा एजेंडा चलाते हैं…और ऐसा हम नहीं कह रहे हैं आप X पर जाकर उनके पोस्ट देख लीजिए और पोस्ट पर फिर वो जिस तरह से रोस्ट होते हैं वो देख लीजिए। हर दूसरी ख़बर में मोदी…हर दूसरी वीडियो में मोदी को कोसना…अरे भई ख़बरें बता रहे हों या एजेंडा चला रहे हो…
तेजस्वी मछली खाएं या मटन खाए आप उस बात का समर्थन कीजिए या विरोध…मोदी को क्यों ले आए ? वो भी तब जबतक उनका कोई बयान ही नहीं आया था…हां, जब बयान आया उसके बाद आप कुछ कहते हुए अच्छे भी लगते….अजीत अंजुम मोदी के ख़िलाफ़ किस तरह से एजेंडा चलाते हैं इसका सबूत आप उनके यूट्यूब पर जाकर देख सकते हैं। ख़बरों के Thumb Title देखिए…एक खबर का थंब है- मोदी, मटन औऱ मछली..अब यही दिन देखना बाकी था ? दूसरी खबर का थंब देखिए- मोदी में हिम्मत है तो तेजस्वी का चैलेंज स्वीकार करे…तीसरा थंब देखिए- मोदी, मीडिया और दम तोड़ते सवाल…सबसे पूछ लिया ना ? अब मोदी से पूछकर दिखाओ? चौथे थंब में तो सीधा लिख दिया- मोदी तेरी खैर नहीं के नारे गूंजे..
फिर लिखा था- मोदी की तानाशाही उन्हें बर्बाद कर देगी….मतलब आप थंब से अंदाज़ा लगाइये कि अंदर ख़बर में आपको निष्पक्ष कुछ नहीं मिलने वाला। ये तो हाल है इनका Youtube पर…अब जरा X पर आइये…X प्लेटफ़ॉर्म पर पहले लिखते हैं- दस साल तक देश पर राज कर चुके मोदी को चुनाव के समय मटन और मछली के मुद्दे का सहारा क्यों लेना पड़ रहा है? देश के प्रधानमंत्री के लिए किसी का मटन और मछली खाना क्यों मुद्दा बन गया? मोदी भक्त चैनलों को खुराक मिल गया ?
दूसरे पोस्ट में लिखते हैं- ‘बात जब बर्दाश्त से बाहर हो जाती है लोकतंत्र में मेरा दायित्व बनता है कि देश को सही चीजों का सही पहलू बताऊँ और वो मेरा कर्तव्य पूरा कर रहा हूँ ' दस साल तक देश पर राज करने वाले मोदी जनता को क्या बताकर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं ? जानिए और सोचिए कि मोदी के लिए किसी का मटन और मछली खाना कितना बड़ा मुद्दा है ? अब आप ख़ुद सोचिए कैसे मोदी के ख़िलाफ़ ये आदमी जो ख़ुद को पत्रकार बताता है एजेंडा चला रहा है….फिर तभी ऐसे पत्रकार जब सड़कों पर उतरते हैं तो इन्हें दौड़ा दिया जाता है…कभी किसी बहाने से तो कभी किसी बहाने से….खैर फ़िलहाल आप अजीत अंजुम की इस दोहरी पत्रकारिता को लेकर क्या राय रखते हैं कमेंट करके अपनी राय हमें जरुर दें।