चुनाव से ठीक पहले बागी हुए Sangeet Som को Yogi के मंत्री ने मिलने बुलाया, होगा बड़ा खेल
सरधना से पूर्व बीजेपी विधायक संगीत सोम ने हाल ही में योगी को लेकर एक बयान दिया था, अब उनको हाल ही में ब्रजेश पाठक ने मुलाक़ात के लिए बुलाया है।
देश में ऐसे कई राज्य हैं जिनकी राजनीति बेहद दिलचस्प है। और यही राजनीति हर चुनावों को दिलचस्प बना देती है। इनमें चाहे यूपी हो या बिहार, महाराष्ट्र हो गया बंगाल..बाक़ी राज्यों में तो चुनाव आते हैं जाते हैं….बहुत ज़्यादा हो हल्ला आपको नहीं दिखता, लेकिन इन चार पांच राज्यों के चुनावों पर पूरे देश की नज़रें रहती हैं। अब जब देश में लोकसभा चुनाव हैं तो ऐसे में इन राज्यों की लोकसभा सीटों पर भी सबकी नज़रें रहेंगी…ख़ासकर कुछ सीटें तो ऐसी हैं जिनपर मुक़ाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है।
बात अगर यूपी की करें…ख़ासकर पश्चिम यूपी की….तो यहां पर मुक़ाबला और भी मज़ेदार होने वाला है। दरअसल पश्चिम यूपी की एक सीट है जो इस वक़्त जाट और ठाकुरों के बीच के विवाद की वजह से फंसी हुई है। ये सीट है मुज़फ़्फ़रनगर सीट जहां से बीजेपी ने संजीव बालियान को तीसरी बार मैदान में उतारा है ये सोचकर की जाटों पर उनकी अच्छी खासी पकड़ है…लेकिन इस पकड़ में राजपूत सेंधमारी करते दिख रहे हैं। दरअसल पश्चिम यूपी के ठाकुरों को लेकर दावा किया जा रहा है कि वो बीजेपी द्वारा टिकट बंटवारे को लेकर नाराज़ हैं…
अब ठाकुर नाराज़ हैं या फिर पूर्व विधायक संगीत सोम उन्हें नाराज़ कर रहे हैं ये तो वही जाने लेकिन इसका कितना असर चुनावों पर होगा, ये देखना दिलचस्प रहेगा। वैसे हाल ही में संगीत सोम ने इशारों इशारों में अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दी थी।
उनके इसी बयान के बाद अब अचानक यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बंद कमरे में उनसे मुलाक़ात की। बताया जा रहा है कि इस बंद कमरे में जो बातचीत हुई उसके बारे में किसी को जानकारी नहीं दी गई है। सिर्फ़ क़यासों का बाजार गर्म है कि संगीत सोम को कुछ ना कुछ आश्वासन जरुर दिया गया है ताकि वो इस बार शांत हो जाएँ।
बहरहाल पश्चिम में चल रही ये लड़ाई वाक़ई राजपूत और जाटों के बीच है या फिर जाट राजपूत नेताओं के बीच…ये आपको समझाते हैं…..पश्चिमी यूपी की तरफ़ आप रुख़ करिएगा तो आपको एक बड़े नेता के तौर पर ना सिर्फ़ बालियान और उनके समर्थक दिखाई देंगे बल्कि संगीत सोम जैसे बड़े ठाकुर नेता का भी दबदबा दिखाई देगा। वो अलग बात है कि बालियान तो अपनी सांसदी बचाने में कामयाब रहे हैं लेकिन संगीत सोम के माथे पर हार का ठप्पा लग चुका है। हार भले ही गए हों लेकिन रौब कम नहीं हुआ है, तभी तो उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें मेरठ सीट से टिकट मिल सकता है लेकिन बीजेपी ने संगीत सोम को टिकट ना देकर अरुण गोविल को मैदान में उतार दिया। ऐसे में ठाकुरों के बीच ये माहौल बनाया गया है कि बीजेपी आलाकमान का फ़ोकस जाटों पर है ठाकुरों पर नहीं…भ्रमित करने के लिए उनसे कहा जा रहा है कि ठाकुरों को टिकट दिया ही नहीं गया है।
बीजेपी ने मैनपुरी से ठाकुर जयवीर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया है। बलिया से नीरज शेखर के नाम की घोषणा की है। लखनऊ से राजनाथ सिंह को टिकट दिया है। मुरादाबाद से सर्वेश सिंह को दिया है। डुमरियागंज से जगदंबिका पाल को टिकट मिला है। जौनपुर से कृपाशंकर सिंह को टिकट मिला है। गोंडा से कीर्तिवर्धन सिंह को, फ़ैज़ाबाद से लल्लू सिंह को हमीरपुर से पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को…अकबरपुर से देवेंद्र सिंह भोले को टिकट दिया गया है।
लिस्ट देखकर आप समझ गए होंगे कि बीजेपी ने ठाकुरों को टिकट तो दिया है…लेकिन फिर ये ठाकुर विरोध क्यों कर रहे हैं ? ये अगर आप नहीं समझे हैं तो हम आपको समझाते हैं…जैसा कि मैंने ऊपर भी ज़िक्र किया था…ये लड़ाई है जाट और ठाकुर नेताओं के वर्चस्व की…ये लड़ाई है बालियान और संगीत सोम की जिसमें कभी देख लेने की बात होती है तो कभी हैसीयत की..
लगाकर बढ़ते विवाद को शांत कराने के लिए योगी आदित्यनाथ ख़ुद कश्मीर से सीधा सरधना पहुँच गए थे। बहरहाल अब आप इस ख़बर को लेकर और बंद कमरे में हुई इस मीटिंग को लेकर आप क्या राय रखते हैं कमेंट करके अपनी राय हमें जरुर दें।