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लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में होने वाला है बड़ा खेला, चिराग से ऐलान से मोदी हैरान !

क्या बिहार की राजनीति में एक बार फिर से भूचाल आने वाला है ।क्या चिराग पासवान की पार्टी का विलय बीजेपी में होने वाला है ।
लोकसभा चुनाव के बाद बिहार में होने वाला है बड़ा खेला, चिराग से ऐलान से मोदी हैरान !

देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के पांच चरण का मतदान पूरा हो चुका है ।पांच चरणों के बाद बीजेपी कहने लगी है कि वो तीन सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है ।वहीं विपक्ष का कहना है कि वो इस चुनाव में जीत दर्ज कर रहा है ।लेकिन हकीकत क्या है वो तो चार जून को ही पता चल पाएगा ।लेकिन इस हार जीत में कई महत्वपूर्ण राज्य इस बार अहम भूमिका निभाने वाले है ।


ऐसे ही राज्यों में से एक राज्य है बिहार । जहां इंडिया गठबंधन के सूत्रधार रहे नीतीश कुमार बीजेपी में शामिल हो चुके है, लेकिन नीतीश की जो छवि है उसे गहरा धक्का लगा है ।नुकसान की भरपाई करने के लिए जी तोड़ मेहनत की जा रही है ।चिराग पासवान साथ है, जीतन राम मांझी साथ है, पशुपति पारस भी साथ है । वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस हुंकार भर रहे है ।लेकिन याद करिए अभी कुछ ही दिनों पहले राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी शरद पवार ने कहा था कि इस चुनाव के बाद क्षेत्रीय दलों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा । देश में बड़ी पार्टियां ही बनेगा । ये बात शरद पवार ने कही थी तो इस बात के कुछ तो मायने जरूर होंगे । तो ऐसे में कुछ खबरें बिहार से निकलकर देश के राजनीति में पहुंची। और खबरों में कहा गया कि लोकसभा चुनाव के बाद चिराग की लोक जनशक्ति पार्टी का विलय बीजेपी में हो सकता है ।इसी सवाल को लेकर जब चिराग से पूछा गया तो चिराग ने कहा कि बीजेपी की तरफ से विलय का कोई प्रस्ताव नहीं आया है ।और अगर आएगा भी तो इसका सवाल ही नही पैदा होता ।


मै बहुत स्पष्ट हूं कि अपनी पार्टी है और पिता ने खून पसीने से बनाई है, ऐसे में विलय तो नहीं होगा। चिराग के इस बयान मे थोड़ा लचीलापन दिखाई देता है । क्योंकि अगर विलय पर साफ इंकार ही करना था तो फिर सीधा इंकार ही किया जाता ये नहीं कहा जाता कि विलय का कोई प्रस्ताव नहीं आया है । मतलब चिराग भी जानते है कि परिस्थितियों के हिसाब से ढलने मे ही भलाई है ।बाकी आने वाला वक्त बताएगा ।क्षेत्रीय पार्टियों का भविष्य क्या है ।वैसे इस बार के चुनाव में चिराग पासवान पहली बार अकेले चुनाव लड़ रहे है । उन्होंने खुद बताया कि ऐसा पहली बार है जब मै अकेले चुनाव में हूं ।हमेशा पापा का साथ रहता था, और उनके अनुभव का लाभ मिलता था हम एक बार फिर से अपना प्रदर्शन दोहराएंगे ।और अगर पुराना प्रदर्शन दोहराएंगे तो फिर आरजेडी का क्या होगा ।क्योंकि तेजस्वी की तो कमर में भी दर्द हो गया प्रचार करते करते । चिराग का कहना है कि इस बार बिहार एनडीए को 40 सीटें जीती कर दिल्ली भेजने वाला है। तो ऐसे में एक बार फिर से शुन्य पर रहने वाली पार्टी शुन्य पर ही सिमटती दिख रही है । ऐसे में तेजस्वी यादव का बौखलाना एकदम तय है। देखिए कैसे चिराग और तेजस्वी के बीच नोक झोंक चल रही है।

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