CM Yogi ने Khalil Ahmad की तारीफ में जो कहा उसे सुनकर विरोधियों को मिर्ची लग जाएगी
अपने हाथों से बेहतरीन दरी की बुनाई करने वाले खलील अहमद ने जिस तरह से देश ही नहीं उत्तर प्रदेश का भी मान सम्मान बढ़ाया है। उनकी इस मेहनत और लगन की यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दिल खोल कर तारीफ की, जानिए कौन हैं खलील अहमद !
एक वक्त था जब कांग्रेस राज में बड़े बड़े नेताओं की सिफारिश पर पद्म सम्मान बांटे जाते थे। लेकिन जबसे देश में मोदी सरकार आई है। पद्म सम्मान उसी को मिलता है। जो उसका सही हकदार होता है। इसके लिए किसी नेताओं की सिफारिश करने की कोई जरूरत नहीं होती है। देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के वितरण में मोदी सरकार ने जो पारदर्शिता लाई है। ये उसी का नतीजा है कि दिल्ली से सैकड़ों किलोमीटर दूर बसे यूपी के मिर्जापुर जैसे पिछड़े जिले के किसी कोने में हैंड मेड दरी बनाने वाले खलील अहमद को भी देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जाता है। सोमवार को ही उन्हें राजधानी दिल्ली में खुद राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने जब अपने हाथों से पद्म श्री सम्मान से नवाजा। तो पूरा राष्ट्रपति भवन जैसे तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
अपने हाथों से बेहतरीन दरी की बुनाई करने वाले खलील अहमद ने जिस तरह से देश ही नहीं उत्तर प्रदेश का भी मान सम्मान बढ़ाया है। उनकी इस मेहनत और लगन की यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दिल खोल कर तारीफ की। और खलील अहमद को मिले पद्म सम्मान की वीडियो भी अपने खुद के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा नई दिल्ली में प्रतिष्ठित 'पद्म पुरस्कार-2024' के अंतर्गत 'पद्म श्री' सम्मान से विभूषित होने पर खलील अहमद जी को हार्दिक बधाई! आपने मीरजापुर की परंपरागत कालीन बुनाई की कला को विश्व में नई पहचान दिलाई है, शिल्प जगत में आपका योगदान असंख्य लोगों को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा।
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के आधिकारिक एक्स हैंडल से लिखा गया: "सिर्फ मोदी सरकार में ही संभव हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास सबका प्रयास"।
मोदी राज में राष्ट्रपति से पद्म श्री सम्मान और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से तारीफ पाने वाले 75 साल के दरी कारीगर खलील अहमद के बारे में आपको बता दें। वो मीरजापुर के इमामबाड़ा इलाके के रहने वाले हैं। उनकी तीन पीढ़िया हाथों से दरी बनाने की कला से जुड़ी हुई हैं। यहां तक कि खलील अहमद के तीनों बेटे रुस्तम सोहराब, इफ्तिखार अहमद और जलील अहमद भी इसी कला से जुड़ कर अपने पिता की मदद करते हैं। मोदी राज में पद्म श्री सम्मान मिलने पर खलील अहमद ने कहा कि ये उनकी वर्षों की मेहनत और तपस्या का परिणाम है। इस पुरस्कार से नई पीढ़ी को इस विधा से जुड़ने का संबल मिलेगा।
मीरजापुर के मशहूर दरी कारीगर खलील अहमद के हाथों से बनाई गई दरी जापान भी जा चुकी है। खुद पीएम मोदी ने उनके हाथों से बनी खूबसूरत दरी को साल 2018 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे को तोहफे में दी थी।
मोदी राज में देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म श्री पाने वाले खलील अहमद को इससे पहले साल 200 में भी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। उस वक्त पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के राज में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने उन्हें सम्मानित किया था। यानि बात चाहे राष्ट्रीय पुरस्कार की हो या फिर पद्म सम्मान की। खलील अहमद को दोनों ही बड़े अवॉर्ड। बीजेपी सरकार में ही दिये गये। खलील अहमद को मिला ये पुरस्कार उन मोदी विरोधियों के मुंह पर करारा तमाचा है जो दिन रात इस बात में अपनी जिंदगी खपाने में लगे हुए हैं कि किसी भी तरह से मोदी को मुस्लिम विरोधी बताया जाए। ऐसे लोगों को आंख खोल कर देख लेना चाहिए कि मोदी राज में धर्म देख कर किसी को सम्मान नहीं दिया जाता। बल्कि उनकी कला देख कर सम्मान दिया जाता है। पद्म सम्मान बांटे जाने में आए इस बदलाव को लेकर आपका क्या कहना है अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।