PM Modi से लड़ने चले Rahul Gandhi की Ghulam Nabi Azad ने ही हेकड़ी निकाल दी
डरो मत का नारा देकर लोगों को मोदी सरकार से ना डरने की नसीहत देने वाले राहुल गांधी लगता है खुद ही मोदी सरकार से डर गये। इसीलिये गांधी परिवार की खानदानी सीट अमेठी से अभी तक चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। जिसकी वजह से उनकी खूब फजीहत हो रही है। पुराने कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद ने तो यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे हैं..!
गांधी परिवार के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी ने एक अभियान चलाया था डरो मत। जिसे कांग्रेसियों ने मोदी सरकार के खिलाफ खूब भुनाया था। लेकिन जैसे ही लोकसभा चुनाव करीब आया। डरो मत का नारा देकर लोगों को मोदी सरकार से ना डरने की नसीहत देने वाले राहुल गांधी लगता है खुद ही मोदी सरकार से डर गये। इसीलिये गांधी परिवार की खानदानी सीट अमेठी से अभी तक चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। जिसकी वजह से उनकी खूब फजीहत हो रही है। पुराने कांग्रेसी गुलाम नबी आजाद ने तो यहां तक कह दिया कि राहुल गांधी चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे हैं।
दरअसल उत्तर प्रदेश की चर्चित अमेठी लोकसभा सीट पर लंबे समय तक गांधी परिवार का ही दबदबा रहा है। संजय गांधी। राजीव गांधी। सोनिया गांधी। से लेकर खुद राहुल गांधी भी इसी सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने उन्हें बुरी तरह से हरा दिया था। और इस बार भी बीजेपी उन्हें अमेठी से ही चुनाव लड़ा रही है। शायद यही वजह है कि राहुल गांधी को इस बार भी हार का डर सता रहा है। इसीलिये अमेठी से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। उनके इसी डर को लेकर अब पुराने कांग्रेसी रहे गुलाम नबी आजाद ने जोरदार तंज मारा है। एक बयान में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा।
राहुल गांधी भाजपा शासित राज्यों में चुनाव लड़ने से क्यों हिचकिचा रहे हैं, वह भाजपा से लड़ने का दावा करते हैं लेकिन उनकी हरकतें कुछ और ही संकेत देती हैं, भाजपा शासित राज्यों से क्यों भागे और अल्पसंख्यक बहुल राज्यों में क्यों शरण ली ? राहुल गांधी राजनेता नहीं बल्कि चम्मच से दूध पीने वाले बच्चे हैं, उन्होंने जीवन में कोई व्यक्तिगत बलिदान नहीं दिया है और वो केवल इंदिरा गांधी जैसी हस्ती से विरासत में मिली राजनीतिक विरासत का आनंद ले रहे हैं, अपनी ओर से कुछ नहीं किया है
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद पचास साल से भी ज्यादा समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे हैं। इंदिरा, राजीव, सोनिया जैसी कद्दावर कांग्रेसी नेताओं के साथ काम भी कर चुके हैं। लेकिन जब राहुल गांधी के हाथ में कांग्रेस की कमान आई तो। गुलाम नबी आजाद उनके साथ ज्यादा समय तक काम नहीं कर सके। साल 2022 में कांग्रेस को अलविदा कह दिया। और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नाम से अपनी एक नई पार्टी बना ली। जिसके वो अध्यक्ष भी हैं। लंबे समय तक कांग्रेसी रहे गुलाम नबी आजाद अब जिस तरह से राहुल गांधी को निशाने पर ले रहे हैं। उसे कांग्रेसियों को बहुत तकलीफ होने लगी है।
इसीलिये पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुलाम नबी आजाद को इशारों ही इशारों में सांप कहते हुए जोरदार पलटवार किया। और एक ट्वीट में कहा कि वैसे दूध तो हमारी पार्टी ने सांपों को भी पिलाया। पवन खेड़ा के इस बयान से समझ सकते हैं कि राहुल गांधी को चम्मच से दूध पीने वाला बच्चा वाले बयान से किस कदर मिर्ची लगी है। वैसे आपको बता दें।
इससे पहले के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पहले से ही अमेठी से राहुल गांधी के नाम का ऐलान कर देती थी। लेकिन इस बार अभी तक राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव लड़ाने की कोई चर्चा ही नहीं हो रही है। जबकि वायनाड के लोगों को अपना परिवार बताने वाले राहुल गांधी लगातार यहां चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जिनका मुकाबला इस बार वायनाड में भी आसान नहीं होने वाला है। क्योंकि सीपीआई अध्यक्ष डी राजा ने जहां अपनी पत्नी एनी राजा को उतार दिया है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी अपने केरल अध्यक्ष के सुरेंद्रन को लड़ा रही है। ऐसे में वायनाड में भी तगड़ी लड़ाई होनेवाली है। ऐसे में आपको क्या लगता है। क्या वायनाड सीट राहुल गांधी बचा पाएंगे। अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।