BJP की टेंशन बढ़ा रहे Manish Kashyap ने मां के आदेश पर पलटा फ़ैसला, ज्वाइन कर ली पार्टी
मनीष कश्यप ने बीजेपी के साथ आने का फ़ैसला किया है, लेकिन ये इच्छा उनसे ज़्यादा उनकी मां की थी। अचानक ऐसा क्या हुआ कि मनीष ने मां की बात मानकर अपना फ़ैसला पलट दिया चलिए आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं।
‘ना मोदी ना नीतीश सरकार अबकी बार मनीष कश्यप बदलेगा बिहार’ इस नारे ने ना सिर्फ़ फ़ेमस यूट्यूबर मनीष कश्यप का हौसला बढ़ाया, बल्कि लालू तेजस्वी जैसे नेताओं के सामने एक बड़ी चुनौती भी पेश कर दी। सोचिए कहां तो राजा का बेटा राजा बनेगा वाला कॉनसेप्ट चल रहा था और कहां इस गरीब घर के लड़के ने तख्तापलट कर देने का दम दिखा दिया। बिहार के पश्चिमी चंपारण से चुनावी मैदान में निर्दलीय उतरे मनीष कश्यप की लोकप्रियता ने ना सिर्फ़ RJD की टेंशन बढ़ाई बल्कि बीजेपी ने सही वक़्त पर बड़ा दांव खेल दिया।
जी हां, बिहार की जनता के बीच मनीष कश्यप का रौला देख बीजेपी आलाकमान के भी होश उड़ गए और तभी तो उन्हें बुलाकर बीजेपी ज्वाइन करने का ऑफ़र दे दिया गया। वैसे तो मनीष कश्यप जनता के आशीर्वाद के भरोसे अपनी चुनावी यात्रा को आगे बढ़ा रहे थे लेकिन फिर उन्हें उनकी मां की कही बात याद आई। मां पिछले काफ़ी वक़्त से मनीष कश्यप से भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के लिए कह रही थी। मां का कहना था कि जब जनता की सेवा ही करनी है तो फिर क्यों ना किसी ऐसे दल का हाथ थाम लिया जाए।
मनीष कश्यप ने भले ही बीजेपी अब जाकर ज्वाइन की है, लेकिन इसकी प्लानिंग बहुत वक़्त पहले से ही हो रही थी। जिस वक़्त मनीष कश्यप को जेल भेज दिया गया था उस वक़्त ख़ुद मनोज तिवारी उनकी माँ से मिलने के लिए पहुँचे थे। तिवारी ने कई बार मनीष की माँ से कहा कि बेटे को बोलिए बीजेपी में आ जाए। सोचिए मनोज तिवारी तो कश्यप से जेल तक में मिलने गए थे और मदद का भरोसा दिया था।
किसी की बात मनीष कश्यप ने मानी या नहीं मानी लेकिन अपनी माँ की बात को नहीं टाल पाए और अब जब माँ ने ज़्यादा दबाव बनाया तो फिर उन्होंने बीजेपी ज्वाइन करने का फ़ैसला कर ही लिया। वैसे ये सबकुछ ऐसे वक़्त में भी हुआ है जब जनता जर्नादन ने मनीष कश्यप के समर्थन में ज़बरदस्त हुंकार भरनी शुरु कर दी थी। गाँव गाव गली गली बच्चा बच्चा मनीष कश्यप ज़िंदाबाद का नारा लगाने लगा था। बीजेपी मनीष कश्यप की लोकप्रियता देखकर ही समझ गई कि बिहार के लिए वो किसी मसीहा से कम नहीं। और शायद इसीलिए दोनों एक दूसरे का साथ पाकर बिहार में क्रांति ला सकते हैं।
इसमें कोई दो राय नहीं कि मनीष बिहार बदलना चाहते हैं, बदलाव लाना चाहते हैं। और ये बात हवा हवाई नहीं है। आप ये सैकड़ों की भीड़ देखिए। जहां खड़े हो जाते हैं वहीं पर लोग इकट्ठा हो जाते है इसी उम्मीद से ही कि ये लड़का बाक़ी नेताओं की तरह बेवकूफ बनाकर नहीं भागेगा। बल्कि काम करेगा। यही रहेगा। हमारी दिक़्क़तों को समझेगा। खैर, अब माँ के कहने पर मनीष कश्यप ने बीजेपी तो ज्वाइन कर ली, देखना होगा कब तक कोई बड़ा ऐलान होता है। फ़िलहाल आपको उस भव्य नज़ारे के साथ छोड़े जा रहे हैं जो अकसर मनीष की जनसभाओं या नुक्कड़ सभाओ में देखने को मिलता है। बाकी आप उनसे जुड़ी इस ख़बर को किस तरह से देखते हैं कमेंट करके अपनी राय हमें जरुर दें।