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Lok Sabha Election: कौन हैं वो 5 सबसे कम उम्र की महिला सांसद जो अब संसद में दहाड़ेंगी

इस बार भी बड़ी संख्या में महिलाएं जीत कर संसद पहुंचीं हैं।जिनमें पांच महिला सांसद तो ऐसी हैं।जिनकी जीत की सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं.।क्योंकि ये सबसे कम उम्र की सांसद बनकर संसद पहुंचीं हैं
Lok Sabha Election: कौन हैं वो 5 सबसे कम उम्र की महिला सांसद जो अब संसद में दहाड़ेंगी

वो वक्त गया जब महिलाओं को घर की चारदीवारी के अंदर कैद कर दिया जाता था। वो वक्त गया जब महिलाओं को चूल्हे चौके तक सीमित कर दिया जाता था।अब देश की महिलाएं दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश हिंदुस्तान की संसद में जाने के लिए चुनाव लड़ती हैं और जीत कर सबसे बड़ी पंचायत संसद में दहाड़ती हैं।यही वजह है कि इस बार भी बड़ी संख्या में महिलाएं जीत कर संसद पहुंचीं हैं। जिनमें पांच महिला सांसद तो ऐसी हैं जिनकी जीत की सबसे ज्यादा चर्चाएं हो रही हैं, क्योंकि ये सबसे कम उम्र की सांसद बनकर संसद पहुंचीं हैं।

1- शांभवी चौधरी

बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट से जीत कर संसद पहुंचीं शांभवी चौधरी सबसे कम उम्र की सांसद बन गई हैं।NDA में शामिल चिराग पासवान की पार्टी LJP से चुनाव लड़ने वालीं शांभवी चौधरी ने कांग्रेस उम्मीदवार सन्नी हजारी को एक लाख 87 हजार से भी ज्यादा वोट से जीत हासिल की है और अब वो संसद में सबसे युवा महिला सांसद के तौर पर नजर आएंगी।

शांभवी चौधरी बिहार की नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं। जो हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर जेडीयू में शामिल हुए हैं। शांभवी के दादा महावीर चौधरी भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे यानि वो अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की नेता हैं।दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से आर्टस से एमए करने वालीं शांभवी चौधरी 25 साल की हैं।उन्होंने पूर्व आईपीएस अफसर आचार्य किशोर कुणाल के बेटे से लव मैरिज की है।

2- प्रिया सरोज

देश की सबसे युवा महिला सांसदों में दूसरा नाम प्रिया सरोज का है। जिन्होंने यूपी की मछलीशहर लोकसभा सीट से 35 हजार से भी ज्यादा वोट से जीत हासिल की है।सपा उम्मीदवार प्रिया सरोज ने बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व सांसद बीपी सरोज को हराकर ये जीत हासिल की है।25 साल 7 महीने की उम्र में सांसद बनीं प्रिया सरोज भी राजनीतिक परिवार से आती हैं। उनके पिता तूफानी सरोज 1999 और 2004 में सैदपुर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं।जबकि 2009 मछलीशहर से सांसद थे। इस बार सपा ने उनकी बेटी प्रिया सरोज को टिकट दिया था। जिन्होंने अपने पिता की सीट जीत कर सपा की झोली में डाल दी।एलएलबी की डिग्री हासिल कर चुकीं प्रिया सरोज की स्कूली पढ़ाई दिल्ली के एयरफोर्स गोल्डन जुबिली इंस्टीट्यूट से हुई है।वो सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी कर चुकी हैं।

3- संजना जाटव

राजस्थान की जिस भरतपुर लोकसभा सीट पर साल 2014 से बीजेपी का कब्जा था।इस बार उस भरतपुर से कांग्रेस की युवा उम्मीदवार संजना जाटव ने जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार रामस्वरूप कोली को करीब 52 हजार वोट से हराकर ये जीत हासिल की है। विरोधियों को धूल चटाने वालीं संजना जाटव डांस भी अच्छा कर लेती हैं। चुनाव प्रचार के दौरान डांस करते हुए उनकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी।26 साल की संजना जाटव इससे पहले नवंबर 2023 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा चुकी हैं। कांग्रेस ने उन्हें अलवर की काठुमार विधानसभा सीट से चार बार विधायक रहे बाबूलाल बैरवा का टिकट काट कर मैदान में उतारा था लेकिन वो महज 409 वोट से चुनाव हार गई थीं।2019 में महाराजा सूरजमल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वालीं संजना जाटव के पति कप्तान सिंह राजस्थान पुलिस में कॉन्स्टेबल हैं और अब वो सांसद बनकर संसद में दहाड़ेंगी।

4- प्रियंका जरकीहोली

अब चलते हैं जरा दक्षिण की ओर क्योंकि सबसे कम उम्र की महिला सांसदों में चौथा नाम प्रियंका जरकीहोली का है। जो कर्नाटक की चिक्कोडी लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंची हैं।उन्होंने मौजूदा सांसद और बीजेपी उम्मीदवार अन्नासाहेब जोली को 90 हजार से भी ज्यादा वोट से हराकर जीत हासिल की है। 1997 में जन्मीं प्रियंका जरकीहोली 27 साल की उम्र चुनाव जीत कर युवा सांसद बन गई हैं। उनका रिश्ता भी सियासी परिवार से है। प्रियंका जरकीहोली के पिता सतीश जरकीहोली कांग्रेस की कर्नाटक सरकार में लोकनिर्माण मंत्री हैं और सबसे बड़ी बात तो ये है कि वो अनारक्षित सीट से जीत कर आने वालीं पहली आदिवासी महिला सांसद भी हैं। अपना बिजनेस चलाने वालीं प्रियंका जरकीहोली कर्नाटक की विश्वशरैया टेक्नॉलजी यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर किया है।

5- इकरा हसन चौधरी

देश की पांचवीं सबसे युवा सांसद इकरा हसन चौधरी उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट चुनाव जीत कर संसद पहुंची हैं।29 साल की इकरा हसन भी राजनीतिक परिवार से आती हैं।उनका परिवार पिछले चालीस सालों से राजनीति में है।

इकरा हसन का परिवार 

  • इकरा हसन के दादा अख्त हसन 1984 में कैराना सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे और मायावती को हराकर सांसद बने थे
  • 1996 में इकरा हसन के पिता मुनव्वर हसन ने सपा के टिकट पर कैराना से जीत कर सांसद बने जिनकी साल 2008 में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी
  • साल 2009 में इकरा हसन की मां तबस्सुम हसन बीएसपी के टिकट पर कैराना से चुनाव लड़ीं और जीत कर सांसद बनीं
  • साल 2018 में बीजेपी सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद हुए उप चुनाव में भी तबस्सुम हसन ने कैराना से जीत हासिल की थी
  • इकरा हसन के बड़े भाई नाहिद हसन कैराना से तीन बार विधायक रहे हैं 2022 में जेल से चुनाव लड़ कर जीते और विधायक बने

योगी सरकार में गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार हुए नाहिद हसन की गिरफ्तारी के बाद इकरा हसन ने खुद अपने भाई के लिए चुनाव प्रचार किया था और उन्हें जिता कर विधायक बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। जिसके बाद अखिलेश यादव ने उन्हें लोकसभा का टिकट देकर कैराना से चुनाव लड़ाया और इकरा हसन ने मौजूदा बीजेपी सांसद प्रदीप चौधरी को 69 हजार से भी ज्यादा वोटों से चुनाव हराकर जीत हासिल की। इकरा हसन ने नई दिल्ली के क्वीन मैरी स्कूल से अपनी पढ़ाई की है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वूमेन से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के साथ ही लंदन की SOAS University से इकरा ने लॉ की पढ़ाई भी की है।


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