BJP में शामिल होकर Manvendra Singh अब Ravindra Bhati के साथ करेंगे खेल?
राजनीती में कब क्या हो जाए ये कोई नहीं जानता ? अब देखिए ना, सबको लग रहा था की रविंद्र सिंह भाटी का खेल कोई नहीं बिगाड़ सकता लेकिन अब ये बात भी गलत साबित हो सकता है क्युकी मानवेंद्र सिंह जसोल की एंट्री होने वाली है। हालांकि, बीजेपी में तो हो गई है लेकिन भाटी के खिलाफ मैदान में में होने वाली है।
राजनीती में कब क्या हो जाए ये कोई नहीं जानता ? अब देखिए ना, सबको लग रहा था की रविंद्र सिंह भाटी का खेल कोई नहीं बिगाड़ सकता लेकिन अब ये बात भी गलत साबित हो सकता है क्युकी मानवेंद्र सिंह जसोल की एंट्री होने वाली है। हालांकि, बीजेपी में तो हो गई है लेकिन भाटी के खिलाफ मैदान में में होने वाली है। चलिए आपको भी बताते है पूरी खबर के बारे में।
दरअसल, राजस्थान में एक बहुत बड़ा उलटफेर देखने को मिला है, राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले मानवेंद्र सिंह जसोल की भाजपा में घरवापसी हुई। जिसने राजस्थान की सियासी गणित में बहुत बड़ा बदलाव हो गया। या यु कहिए बीजेपी की इस बड़ी चाल ने बहुत कुछ बदल दिया है। सबसे बड़ा झटका रविंद्र भाटी को लग सकता है।
मानवेंद्र सिंह की घरवापसी से रविंद्र भाटी की बढ़ेगी मुश्किल?
ये तो हर कोई जानता है की इस वक़्त जाट और राजपूत दोनों ही बीजेपी से नाराज़ चल रहे है। जाट किसान वाले मुद्दे को लेकर और राजपूत परषोत्तम रूपला के बयान की वजह से। और बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर जाटों के साथ राजपूतों का भी दबदबा है, 4 लाख जाट और 2.7 लाख राजपूत मतदाता हैं। ऐसे में इस सीट पर रविंद्र सिंह भाटी का फायदा होता क्युकी जब बीजेपी से ये दोनों ही समाज नाराज़ है तो ज़ाहिर सी बात है मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय रवीन्द्र सिंह भाटी के बीच होता और इसमें जीतने के चान्सेस ज़्यादा रविंद्र भाटी की है। क्युकी उनको लेकर अभी लोगों में क्रेज गज़ब का देखने को मिल रहा है।
लेकिन शायद अब नज़ारा बदलने वाला है। क्युकी बीजेपी में मानवेंद्र सिंह की एंट्री हो गई है। जिससे भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी को मदद मिलेगी। ऐसा हम क्यों कह रहे है ये भी जान लीजिए।
- मानवेंद्र सिंह जसोल खुद बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे है
- और मानवेंद्र सिंह बाड़मेर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भी रहे है
- मानवेंद्र सिंह जसोल को राजपूतों का समर्थन प्राप्त है
यानी भाटी को सीधा चैलेंज अगर कोई कर सकता है तो वो है मानवेंद्र सिंह जसोल। सियासी जानकारों का कहना है की मानवेंद्र सिंह की घर वापसी से राजपूत वोटों पर सीधा असर पड़ेगा। इसका खामियाजा रविंद्र भाटी को हो सकता है। मानवेंद्र की वापसी से राजपूत वोटों के साथ भाजपा की संभावनाएं मजबूत हो सकती हैं। यानी मानवेन्द्र कैलाश चौधरी की मदद इस चुनाव में कर सकते है।
बात मानवेन्द्र सिंह की करे तो बता दे, 2018 में उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। जानकारी के मुताबिक, वो बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे।बताया जाता है कि उस समय की तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने खेल बिगड़ दिया था। इसी के कारण उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।
भाजपा में वापस आने पर मानवेंद्र सिंह जसोल ने कहा "यह मेरी घरवापसी नहीं है. मैं अपने मूल निवास पर लौट आया हूं"
बात अब भाटी की करे तो, उनकी जबर्दश्ती रैली और जनता के सपोर्ट की वजह से ये तो मान ही लिया गया था की वही जीतेंगे, यहां तक की 11 अप्रैल को खुद पीएम मोदी तक बाड़मेर आए थे। लेकिन अब भाटी की मुश्किलें बढ़ सकती है क्युकी मानवेन्द्र सिंह की एंट्री हो चुकी है।