कौन है वो कद्दावर नेता जिन्हे PM Modi ने दी Rahul Gandhi को हराने की जिम्मेदारी?
Congress एक बार फिर राहुल गांधी को केरल की वायनाड सीट से लड़ा रही है। लेकिन लगता है इस बार अमेठी की तरह वायनाड में भी राहुल गांधी की दाल नहीं गलने वाली है। क्योंकि बीजेपी ने यहां से एक ऐसे कद्दावर नेता को मैदान में उतार दिया है। जिसके हाथ में पूरे केरल बीजेपी की कमान है..!
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लगातार राहुल गांधी को लॉन्च करने की कोशिश कर रही हैa कभी उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ती है तो कभी अमेठी से हारने के बाद राहुल को वायनाड भेज देती है। तो वहीं बीजेपी ने भी लगता है राहुल गांधी के सियासी करियर को खत्म करने की ठान ली है। जिसकी शुरुआत साल 2014 के लोकसभा चुनाव से ही हो गई थी जब मोदी केंद्र की राजनीति में उतरे थे। इस चुनाव में जहां कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। तो वहीं पांच साल बाद हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस कांग्रेस बुरी तरह से हार गई।
यहां तक कि अमेठी सीट भी राहुल गांधी के हाथ से निकल गया। जिसकी वजह से राहुल गांधी को अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ गया था। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस एक बार फिर साल 2024 का चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ रही है। तो वहीं राहुल गांधी को एक बार फिर केरल की वायनाड सीट से लड़ा रही है। लेकिन लगता है इस बार अमेठी की तरह वायनाड में भी राहुल गांधी की दाल नहीं गलने वाली है। क्योंकि बीजेपी ने यहां से एक ऐसे कद्दावर नेता को मैदान में उतार दिया है। जिसके हाथ में पूरे केरल बीजेपी की कमान है।
दरअसल गांधी परिवार के युवराज कहे जाने वाले राहुल गांधी साल 2019 लोकसभा चुनाव तक। यूपी की अमेठी सीट से ही चुनाव लड़ते रहे हैं। और यहां से एक दो बार नहीं। साल 2004 से कुल चार बार चुनाव लड़ चुके हैं। जिनमें से लगातार तीन बार तो जीत हासिल की। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी ने उन्हें जबरदस्त टक्कर दी। और पहली बार राहुल गांधी ये सीट हार गये। वो तो भला हो कि अमेठी के साथ साथ राहुल केरल की वायनाड सीट से भी लड़ रहे थे। जहां से उन्होंने जीत हासिल की थी। यही वजह है कि इस बार भी कांग्रेस उन्हें वायनाड सीट से ही चुनाव लड़ाने जा रही है। लेकिन लगता है इस बार राहुल का यहां से जीतना मुश्किल नजर आ रहा है। क्योंकि अमेठी से जहां स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हरा कर खदेड़ दिया। तो वहीं अब वायनाड सीट से बीजेपी ने के सुरेंद्रन को मैदान में उतार दिया है। जिनसे मोदी को बड़ी उम्मीद है कि वो वायनाड में राहुल गांधी को हरा सकते हैं।
कौन हैं के. सुरेंद्रन ?
- दिग्गज नेता के. सुरेंद्रन केरल बीजेपी के अध्यक्ष हैं
- वायनाड में राहुल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे सुरेंद्रन
- 2009 में कासरगोड सीट से चुनाव लड़े लेकिन CPIM से हार गये
- 2014 में भी कासरगोड से चुनाव लड़े लेकिन CPIM से हार गये
- 2019 में पथानामथिट्टा से चुनाव लड़े लेकिन कांग्रेस से हार गये
- केरल विधानसभा चुनाव में भी किस्मत आजमा चुके हैं के सुरेंद्रन
- 2011 में मंजेश्वर सीट से लड़े लेकिन IUML उम्मीदवार से हार गये
- 2016 में मंजेश्वर सीट से लड़े लेकिन सिर्फ 89 वोट से हार गये
- 2019 में कोन्नी से उप चुनाव लड़े लेकिन CPIM से हार गये
- 2021 के विधानसभा चुनाव में सुरेंद्रन दो सीटों से लड़े दोनों हारे
- मंजेश्वर में 745 और कोन्नी में 29 हजार 507 वोट से हार गये
- सुरेंद्रन 3 बार लोकसभा और 5 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं
- अब तक 7 बार चुनाव लड़ चुके के. सुरेंद्रन को जीत नसीब नहीं हुई
- इस बार बीजेपी के. सुरेंद्रन को राहुल के खिलाफ वायनाड से लड़ा रही
ये आंकड़े देख कर आपको भले ही लग रहा होगा कि बीजेपी ने लगातार सात बार चुनाव हार चुके उम्मीदवार के. सुरेंद्रन को टिकट देकर राहुल गांधी के खिलाफ क्यों उतार दिया। तो आपको बता दें। केरल में वैसे भी बीजेपी का कोई खास जनाधार नहीं रहा है। बीजेपी आज भी इस राज्य में अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश में जुटी हुई है। साल 2021 के केरल विधानसभा चुनाव में तो बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। लेकिन इतना जरूर है कि चुनाव दर चुनाव बीजेपी का जनाधार बढ़ता जा रहा है। 140 विधानसभा सीटों में से नौ पर बीजेपी दूसरे नंबर पर थी। और 11.30 फीसदी वोट मिले थे। इसीलिये पीएम मोदी इस बार केरल जोरशोर से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। तो वहीं केरल की वायनाड सीट पर भी बीजेपी ने इस बार उम्मीदवार उतार दिया है। जिससे अमेठी की तरह वायनाड में भी बीजेपी राहुल गांधी को शिकस्त दे सके। और इस काम की जिम्मेदारी दी गई है बीजेपी उम्मीदवार के. सुरेंद्रन को।
यानि पिछली बार चार लाख से भी ज्यादा वोट से जीतने वाले राहुल गांधी को इस बार CPI अध्यक्ष डी राजा की पत्नी एनी राजा के साथ साथ बीजेपी उम्मीदवार के सुरेंद्रन ने भी टक्कर लेनी होगी। यानि वायनाड में इस बार त्रिकोणीय लड़ाई होने वाली है। ऐसे में आको क्या लगता है। क्या के. सुरेंद्रन वायनाड में राहुल गांधी को हरा पाएंगे। अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।