Lok Sabha Elections 2024: PM Modi को तंत्र-मंत्र के सहारे परास्त करने की सबसे बड़ी साजिश!
दक्षिण के राज्यों की सीटें काफी अहम हो गई हैं, विपक्ष यहां से सत्ता की चाभी तलाश रहा है तो PM Modi यहां से '400 पार' के नारे को साकार करने की कोशिश में हैं. इसी के चलते तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव बड़ी टेंशन में दिख रहे हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार चुके केसीआर मोदी को रोकने के लिए अब तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA के सामने 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। PM मोदी द्वारा दिए गए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए न सिर्फ बीजेपी बल्कि उसकी सहयोगी पार्टियां भी पूरा जोर लगाकर चुनाव लड़ रही हैं, तो दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां मोदी को सत्ता से बाहर करना चाहती हैं और इसके लिए अपना पूरा दम लगाती दिख रही हैं।
इस लोकसभा चुनावों में दक्षिण के राज्यों की सीटें काफी अहम हो गई हैं, विपक्ष यहां से सत्ता की चाभी तलाश रहा है तो मोदी यहां से '400 पार' के नारे को साकार करने की कोशिश में हैं. इसी के चलते तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव बड़ी टेंशन में दिख रहे हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार चुके केसीआर मोदी को रोकने के लिए अब तंत्र-मंत्र का सहारा ले रहे हैं।
दक्षिण भारत में मोदी का दरवाजा बंद करने के लिए केसीआर इन दिनों अपने पार्टी ऑफिस के मैन गेट को तुड़वा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ तांत्रिकों ने केसीआर को बताया है कि उनके पार्टी ऑफिस के मैन गेट की वजह से उनका बुरा वक्त चल रहा है, जिस कारण उन पर एक के बाद एक मुसीबत आ रही हैं. दरअसल केसीआर के लिए पिछले कुछ वक्त से कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है. वह तेलंगाना विधानसभा चुनाव में हारकर सत्ता से बाहर हो गए, इसके अगले ही दिन उनकी तबीयत ऐसी खराब हुई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और अब उनकी बेटी के कविता जेल की हवा खा रही हैं।
एकसाथ इतनी मुसीबत आई तो केसीआर ने ज्योतिषियों, तांत्रिकों और वास्तु एक्सपर्ट्स की एक मीटिंग बुलाई और अपनी परेशानियों को दूर करने का उपाय पूछा, जिसमें उन्हें पार्टी का मैन गेट तोड़ने की सलाह दी गई और केसीआर ऐसा कर भी रहे हैं. वैसे यह पहला मौका नहीं है जब केसीआर तांत्रिकों की सलाह मांगने को लेकर चर्चा में हैं. बता दें कि के चंद्रशेखर राव का पूजा-पाठ और ज्योतिष में बहुत अधिक यकीन है और कई बार वह विश्वास और अंधविश्वास की सीमा को भी पार कर जाते हैं.
काफी पहले गृहमंत्री अमित शाह ने खुलासा किया था कि केसीआर के ऊपर एक तांत्रिक का बहुत अधिक प्रभाव है. कहा जाता है कि इस तांत्रिक के कहने पर ही वह मुख्यमंत्री कार्यालय में नहीं जाते थे और बाद में 350 करोड़ की लागत से उन्होंने नए ऑफिस का निर्माण करवाया. तेलंगाना की जनता भी इस बारे में बात करती है कि केसीआर बिना धार्मिक गुरु, तांत्रिकों और ज्योतिष से सलाह के कोई भी काम नहीं करते. जब वह मुख्यमंत्री थे और किसी नई योजना की शुरुआत करते तब उनकी धार्मिक तस्वीरें सुर्खियां बटोरा करती थी. केसीआर इतने अंधविश्वास हैं कि जब वह पहली बार सीएम बने थे तब उन्होंने अपने गुरु श्री चिन्ना जियस स्वामी जी को पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया फिर उस कुर्सी पर बैठे थे।
दरअसल यह लोकसभा चुनाव केसीआर और उनकी पार्टी BRS के लिए अस्तित्व का सवाल बन गया है. विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद केसीआर को लोकसभा चुनाव में भी हारने का डर लग रहा है. तेलंगाना में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद बीजेपी भी अपना प्रभाव बढ़ा रही है. तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों पर पहले BRS का दबदबा होता था लेकिन इस बार राज्य की सियासी हवा पूरी तरह बदली हुई दिख रही है. सर्वे बता रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में BRS के लिए दो सीटें जीतना भी मुश्किल हो रहा है, ऐसे में केसीआर एक बार फिर ज्योतिषियों और तांत्रिकों की शरण में हैं।
KCR जब सीएम थे तब अक्सर पूजा पाठ करते नजर आते थे, उनके पूजा पाठ के कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं और बोझ जनता के कंधों पर जाता, लेकिन इसके बावजूद वह चुनाव हार गए. अब देखना होगा कि पार्टी ऑफिस का गेट तुड़वाना लोकसभा चुनाव में केसीआर का कितना काम आएगा।