Manish Kashyap ने Rahul Gandhi पर लगाया Congress को बर्बाद करने का आरोप
मनीष ने राहुल की एक तस्वीर को शेयर किया, साथ ही गूगल से ली गई उनकी जानकारी को भी साझा किया। इसी के साथ मनीष कश्यप ने लिखा- दुनिया का सबसे युवा 53 साल का कॉमेडियन जिसने अपने दम पर भारत की सबसे पुरानी पार्टी को कब्र में पहुँचा दिया।
इन लोकसभा चुनावों में एक तरफ़ जहां NDA मज़बूती के साथ आगे बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ़ INDIA गठबंधन में आपसी कलह ही ख़त्म नहीं हो रही, बात अगर देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की कर लें तो वो तो फ़िलहाल अपना खोया जनाधार ही ढूंढ रही है। एक दौर था इंदिरा गांधी का फिर देश ने राजीव गांधी का भी दौर देखा और उसके बाद कांग्रेस के कई ऐसे दिग्गज नेता रहे जिन्होंने पार्टी की इज़्ज़त को बनाए रखा लेकिन पिछले कुछ सालो से कांग्रेस लगातार गर्त में जा रही है। इसकी ज़िम्मेदारी किसकी है किसी एक का नाम लेना तो बेईमानी होगी लेकिन जितने भी नेता कांग्रेस का साथ छोडते हैं वो राहुल से लेकर सोनिया का ज़िक्र जरुर करते हैं।
तो क्या माना जाए? राहुल ने कांग्रेस का ग्राफ़ नीचे ला दिया है ? इस बात को दावे के साथ कहा है बीजेपी नेता मनीष कश्यप ने। मनीष ने राहुल की एक तस्वीर को शेयर किया, साथ ही गूगल से ली गई उनकी जानकारी को भी साझा किया। इसी के साथ मनीष कश्यप ने लिखा- दुनिया का सबसे युवा 53 साल का कॉमेडियन जिसने अपने दम पर भारत की सबसे पुरानी पार्टी को कब्र में पहुँचा दिया। हैशटैग डायनासोर के बाद कांग्रेस होगा विलुप्त का ज़िक्र भी किया। राहुल के इस पोस्ट पर एक यूज़र ने लिखा- सही बात है। राहुल कांग्रेस को पूरी तरह से डूबा के ही चैन से बैठेंगे। और सेम हैशटैग का इस्तेमाल किया।
राहुल गांधी को लेकर ये बातें इसलिए हो रही हैं क्योंकि उन्होंने कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी से अपना बोरिया बिस्तर समेत लिया है और यूपी की रायबरेली सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। यानि केरल की वायनाड सीट के साथ राहुल सोनिया गांधी के गढ़ रायबरेली से लड़ेंगे। सोचिए अगर वो दोनों जगह से जीत गए तो किस एक सीट को छोड़ेंगे ? इसका जवाब कमेंट सेक्शन में दीजिएगा। खैर, राहुल गांधी भले ही भारत जोड़ो यात्रा करते रह गए लेकिन एक एक कर उनकी पार्टी टूटती चली गई, हैरानी इस बात की होती है कि आलाकमान ने कभी किसी को मनाने, रोकने, टोकने की कोशिश नहीं की।
ताज़ा उदाहरण अरविंदर सिंह लवली का है जिनकी नाराज़गी जगज़ाहिर है। उन्होंने पहले अपने पद से इस्तीफ़ा दिया और फिर कांग्रेस से और फिर थाम लिया भाजपा का साथ। लेकिन कांग्रेस आलाकमान में इसे लेकर कोई हलचल नहीं है। दिल्ली ही नहीं सभी राज्यों में कांग्रेस का यही हाल हो रहा है, बहरहाल अब मनीष कश्यप ने जो बात कही है उससे आप कितना इत्तेफाक रखते हैं कमेंट करके हमें जरुर बताइएगा।