Jaipur में Modi लहर पूरे तरीके से गायब !
जयपुर ग्रामीण में क्या बीजेपी का होने वाला है बुरा हाल ?
यूं तो बीजेपी चार सौ पार का दावा कर रही है लेकिन ये दावा इतना आसान नहीं है। राजस्थान में तौ खासकर बीजेपी चौतरफा घिरती नजर आ रही है। 19 अप्रैल को राजस्थान के पहले चरण में हुए मतदान में जयपुर ग्रामीण के आंकड़े बीजेपी के लिए चिंता की लकीर बन गए है। क्योंकि इन आकड़ों से ऐसा लग रहा है जैसे मोदी मैजिक गायब हो चुका है । इस बार यहां लोगों में मतदान का ज्यादा उत्साह नहीं दिखाई दिया। जयपुर ग्रामीण में पिछले साल के चुनाव की तुलना में इस बार बेहद कम वोटिंग हुई है। जयपुर ग्रामीम क्षेत्र में कुल 8 विधानसभाएं आती हैं
कोटपूतली, विराटनगर, बानसूर, शाहपुरा, आमेर, झोटवाड़ा, जमवारामगढ़ और फुलेरा शामिल हैं। हालांकि सबसे ज्यादा वोटिंग कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के क्षेत्र झोटवाड़ा में हुई है। झोटवाड़ा में 59.20 फीसदी मतदान हुआ है। सबसे कम मतदान बानसूर विधानसभा क्षेत्र में हुआ। झोटवाड़ा में सिर्फ 49.10 प्रतिशत ही हुई
जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में इस बार के मतदाताओं में पहले सा उत्साह नहीं दिखाई दिया।
साल 2014 और 2019 जब मोदी लहर का दावा किया जाता था। वो दावा और उत्साह इस बार 2024 में नहीं था। हालांकि मोदी लहर से पहले भी जयपुर ग्रामीण में मतदान कम ही होता था। साल 2014 में 59.47 प्रतिशत मतदान हुआ , साल 2019 में मतदान 65.54 % हुआ । इस बार ये आकड़ा गिर गया। साल 2024 में ये आंकड़ा 56.58 फीसदी हो गया है। मतदान के इन आंकड़ों में होम वोटिंग और पोस्टल वोट शामिल नहीं है।
विधानसभा मतदान प्रतिशत
झोटवाड़ा - 59.59
फुलेरा - 59.24
आमेर - 59.20
शाहपुरा - 57.99
जमवारामगढ़ - 57.32
विराटनगर - 53.93
कोटपूतली - 53.10
बानसूर - 49.10
निर्वाचन आयोग ने और पीएम मोदी दोनों ने खूब कोशिशे की लेकिन इस बार भी वोट प्रतिशत नहीं बढ़ा । जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट राजस्थान की एक महत्वपूर्ण लोकसभा सीट है। बीजेपी का इस सीट पर कितना वर्चस्व है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इस लोकसभा मे 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर बीजेपी के विधायक हैं।अब देखना होगा कि इस सीट पर किसकी जीत होती है इस सीट से बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने युवा चेहरे अनिल चोपड़ा पर भरोसा जताया है । अनिल चोपड़ा युवा नेता है इससे पहले ना ही उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा है औऱ ना ही विधानसभा चुनाव। कांग्रेस ने इस चेहरे पर भरोसा जात कर एक तरीके का जुआ खेला है अब देखना होगा इस सीट पर किसकी जीत होती है किसी हार ?