Nitin Gadkari के ऐलान ने मचा दिया राजनीति में तहलका!
राजनीति और परिवारवाद इन दोनों का बड़ा पुराना और गहरा नाता है। वो चाहे बीजेपी पार्टी हो या फिर कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय पार्टियों पर परिवार वाद का आरोप लगता रहता है। कांग्रेस और सपा अक्सर कहती है कि बीजेपी में कई परिवारवाद के उदाहरण हैं जिनमे राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह और कल्याण सिंह के बेटे और पोते सहित कई लोगों के नाम लिए जाते हैं।इसी बीच नितिन गडकरी के एक बयान ने तहलका मचा दिया है।
राजनीति और परिवारवाद इन दोनों का बड़ा पुराना और गहरा नाता है। वो चाहे बीजेपी पार्टी हो या फिर कांग्रेस दोनों राष्ट्रीय पार्टियों पर परिवार वाद का आरोप लगता रहता है। कांग्रेस और सपा अक्सर कहती है कि बीजेपी में कई परिवारवाद के उदाहरण हैं जिनमे राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह और कल्याण सिंह के बेटे और पोते सहित कई लोगों के नाम लिए जाते हैं।इसी बीच नितिन गडकरी के एक बयान ने तहलका मचा दिया है। ऐसे लोगों के लिए ये बयान बड़ा झटका है जो जिनके बच्चे राजनीति से अपना घर चला रहे हैं। अपने बेटों के राजनीति में आने को लेकर नितिन गडकरी ने जवाब दिया है । दरअसल गडकरी नागपुर पहुंचे थे। यहां लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे। इसी दौरान गडकरी ने अपने बेटों के राजनीति में आने को लेकर कहा कि
‘मुझे यह चिंता नहीं है कि मेरे लड़कों को रोजगार कैसे मिले। मेरा कोई लड़का राजनीति में नहीं है। मैंने उनको कहा है कि मेरे पुण्य का उपयोग करके तुम राजनीति में मत जाओ। तुमको राजनीति में जाना है तो पोस्टर चिपकाओ, दीवारों पर रंग लगाओ और लोगों के बीच जाओ।
अब इस बयान के दो पहले हैं पहला तो ये कि वो कहना चाह रहे थे कि उनके बेटे अगर राजनीति में आए तो अपनी मेहनत से आएंगे। गडकरी ने जो काम किया या राजनीति में जो उनका नाम है । उसके सहारे उनके बेटे राजनीति में नहीं आएंगे बल्कि एक आम कार्यकर्ता की तरह पोस्टर लगाकर मेहनत से राजनीति में अपना कद ऊंचा करेंगे। वहीं अगर दूसरे पहलू की बाच करें तो हो सकता है कि ये विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष हो। क्योंकि बीजेपी अक्सर कांग्रेस सपा पर परिवार वाद का आरोप लगाती है। जैसे सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी का कांग्रेस में होना। मुलायम यादव के अखिलेश यादव का सत्ता संभालना। ये सभी परिवारवाद के उदाहरण हैं। गडकरी के इस बयान से कई लोगों के चेहरे मुरझा गए तो कुछ खुश हुए। खुश वो लोग हुए जिन्हें गडकरी पर भरोसा था कि वो अपने बच्चों उनकी काबिलयत के दम पर आगे आने को कह रहे हैं। हालांकि इस दौरान गडकरी ने अपनी माता की भी जिक्र किया उन्होंने कहा कि
मेरी मां ने मुझे बताया था कि तुम दिव्यांग, कैंसर मरीज, हार्ट मरीज की सेवा करते रहो, तुमको कोई कमी नहीं होगी। कुछ दिन पहले मैंने 90 ट्राईसाइकिल दिव्यांगों को दी। जब मैंने इस दौरान उनको गुलाब का फूल दे रहा था उनकी आंखों में आंसू थे। 350 लोगों को पैर लगाकर दिए हैं, वो फुटबॉल खेलने लगे, बुलेट चलाने लगे। मैंने अपने मन में कहा कि सब कुछ मिल गया। मैं लोगों के हित लिए काम करता हूं। उसके बावजूद जिसको वोट देना है दे, लेकिन मैं जातिवाद, सांप्रदायिकता नहीं करूंगा। सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, यह जो मोदी जी ने कहा उसी के अनुसार चलूंगा।
नीतिन गडकरी के इस बयान से एक बात तो साफ हो गई है कि अगर उनके बेटों राजनीति में आऩा भी चाहे तो अपने दम पर आए।