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पहली बार मुसलमानों पर खुल कर बोले PM Modi, सुनकर बौखला जाएंगे विरोधी

एक तरफ जहां मोदी सत्ता में आने पर देश के मुसलमानों के साथ होने वाले छल में छेद करने की बात करते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ देश के कुछ मुसलमान यही सोचते रहते हैं कि सत्ता में किसे बैठाएंगे और किसे उतारेंगे। साल 2022 में हुआ यूपी विधानसभा चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। जहां मुसलमानों ने एकजुट हो कर सपा को वोट दिया। जिससे बीजेपी को सत्ता से हटा सकें। और इस बार भी लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसा ही माहौल बनाने की कोशिश की जा रही थी। कि इसी बीच पीएम मोदी ने देस के मुसलमानों से एक बड़ी अपील की है..!
पहली बार मुसलमानों पर खुल कर बोले PM Modi, सुनकर बौखला जाएंगे विरोधी
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुस्लिम विरोधी बताने का चलन कोई नई बात नहीं है।  साल 2002 में मोदी के मुख्यमंत्री रहते गुजरात में हुए दंगे के बाद से ही ये चलन और बढ़ता गया।  जिसका फायदा उठाने में विपक्ष ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।  यहां तक कि आज भी मोदी के नाम पर कुछ सियासी पार्टियां मुसलमानों को डराती रहती हैं।  जिससे बीजेपी के खिलाफ उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल कर सकें।  लेकिन लगता है मोदी ने भी विपक्ष की मुस्लिम राजनीति की हवा निकालने की ठान ली है।  इसीलिये लोकसभा चुनाव से पहले ही पीएम मोदी ने देश के मुसलमानों से पहली बार एक ऐसी अपील की है।  जिसके बारे में कम से कम एक बार उन्हें जरूर सोचना चाहिए। 

दरअसल साल 2019 में लगातार दूसरी बार सत्ता में आते ही पीएम मोदी ने देश के मुसलमानों को संदेश दे दिया था कि इस बार हमें मुसलमानों के साथ होने वाले छल में छेद करना है।  जिन्हें अब तक चुनावों में वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल करने का खेल चला। 

एक तरफ जहां मोदी सत्ता में आने पर देश के मुसलमानों के साथ होने वाले छल में छेद करने की बात करते हैं।  तो वहीं दूसरी तरफ देश के कुछ मुसलमान यही सोचते रहते हैं कि सत्ता में किसे बैठाएंगे और किसे उतारेंगे।  साल 2022 में हुआ यूपी विधानसभा चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।  जहां मुसलमानों ने एकजुट हो कर सपा को वोट दिया।  जिससे बीजेपी को सत्ता से हटा सकें।  और इस बार भी लोकसभा चुनाव में कुछ ऐसा ही माहौल बनाने की कोशिश की जा रही थी।  कि इसी बीच पीएम मोदी ने देस के मुसलमानों से एक बड़ी अपील की है।  उन्होंने टाइम्स नाउ को दिये गये एक इंटरव्यू में कहा कि। 

"मैं मुस्लिम समाज के पढ़े-लिखे लोगों से आज पहली बार कह रहा हूं कि आप आत्ममंथन करिये, सोचिये, देश इतना आगे बढ़ रहा है अगर कमी आपके समाज में महसूस होती है तो क्या कारण है, सरकार की व्यवस्थाओं का फायदा कांग्रेस के जमाने में आपको क्यों नहीं मिला, क्या कांग्रेस के कालखंड में आप इस दुर्दशा के शिकार हुए हो, इस पर आत्ममंथन करिये, और एक बार तय कीजिये ये आपके मन में जो है कि सत्ता में हम बैठाएंगे हम उतारेंगे उसमें आप अपने बच्चों के भविष्य का नुकसान कर रहे हैं ।"

पीएम मोदी ने इस दौरान अरब देशों का उदाहरण देकर भी मुसलमानों को समझाने की पूरी कोशिश की।  और एक बयान में कहा कि:

"मुसलमान समाज दुनिया में बदल रहा है, आज मैं गल्फ के देशों में जाता हूं इतना सम्मान व्यक्तिगत रूप से मुझे मिलता है और भारत को भी मिलता है लेकिन हमारे यहां विरोध होता है, अब सऊदी अरब में योगा ऑफिशियल सिलेबस का सब्जेक्ट है, यहां मैं योगा की बात करूं तो आप चला देंगे ये एंटी मुस्लिम है, मैं गल्फ के देशों में जाता हूं तो ये सारे अमीर लोग हमारे साथ बैठते हैं तो लंच या डिनर में जरूर योगा के बारे में पूछते हैं कि मोदी जी इसका ऑफिशियल ट्रेनिंग लेना है तो क्या करना है, कोई कहता है मेरी पत्नी इंडिया जाती है योगा सीखने, साल में एक महीना तो वहीं रहती हैं, ये बात अमीर की पत्नियां कहती हैं अब यहां योगा को भी हिंदू-मुसलमान बना दिया, मैं मुसलमान समाज से आग्रहपूर्वक कहता हूं कि कम से अपने बच्चों की जिंदगी के बारे में तो सोचो, अपना भविष्य सोचो, मैं नहीं चाहता हूं कोई समाज बंधुआ मजदूर की तरह जिंदगी जिये।"

पीएम मोदी यहीं नहीं रुके।  एक तरफ जहां विपक्ष मुसलमानों को बीजेपी का डर दिखाता है।  तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने भी इस डर को खत्म करने के लिए मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि:
 
"अगर बीजेपी वाले आपको डर वाले लगते हैं तो जाओ एक दिन बीजेपी कार्यालय में, निकाल देंगे क्या आपको ? कब्जा करो ना जाकर बीजेपी कार्यालय में, कौन रोकता है आपको?"
 
पीएम मोदी का ये बयान बता रहा है कि वो बीजेपी को लेकर मुसलमानों के दिल में बसे डर को निकालना चाहते हैं।  जिससे मुसलमान भी बीजेपी से जुड़ें।  बीजेपी पर भरोसा करें।  क्योंकि यही वो समाज है जो आज भी पूरी तरह से ना तो मोदी को स्वीकार कर सका है।  और ना ही बीजेपी को।  इसीलिये सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देने वाले पीएम मोदी मुस्लिम समाज को भी साथ लेकर चलना चाहते हैं।  अब ये देश के मुसलमानों पर है कि वो अभी भी विपक्ष का वोट बैंक बने रहना चाहते हैं या फिर देश की विकास यात्रा में मोदी सरकार के साथ चलना चाहते हैं।  वैसे आपको क्या लगता है।  पीएम मोदी की इस अपील का मुसलमानों पर कोई असर पड़ेगा।  अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।  साथ ही अयोध्या के मुसलमान मोदी सरकार को लेकर क्या सोचते हैं।  आइये आपको सुनाते हैं।  
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