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Shah ने जो राज खोला, सुनकर मुहं छिपाकर भागे राहुल-सोनिया, कांग्रेस में मातम !

अमित शाह ने रायबरेली में जाकर गांधी परिवार को ललकारते हुए पांच सवाल पूछे है।और कहा है कि गांधी परिवार ने रायबरेली का सारा पैसा अल्पसंख्यकों पर खर्च कर दिया ।
Shah ने जो राज खोला, सुनकर मुहं छिपाकर भागे राहुल-सोनिया, कांग्रेस में मातम !
आपने एक कहावत सुनी होगी खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे ।लेकिन खंबा नोचकर भी वो कुछ हासिल नहीं कर पाती ।यहीं कहानी है देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की ।क्योंकि गांधी परिवार इज्जत बचाने के लिए रायबरेली में तो आ गया ।लेकिन परिणाम क्या होंगे वो जानते है ।क्योंकि अमेठी की हार के बाद राहुल गांधी ने जो रवैया अपनाया उससे गांधी परिवार के गढ़ कहे जाने वाले अमेठी और रायबरेली की जनता नाराज है ।क्योंकि गांधी परिवार ने कभी यहां की जनता से बात करने की, मिलने की, उनकी समस्याओं के समाधान की कोशिश नहीं की  ।

शाह का कहना है कि गांधी परिवार का विकाश से कोई मतलब नहीं है। और ये चीज जमीन पर जनता भी कहती है ।क्योंकि असल सच्चाई यहीं है ।और रायबरेली की जनता भी अब गांधी परिवार से छुटकारा चाहती है। तो यहां बड़ा सवाल ये है कि रायबरेली जहां दशकों से गांधी परिवार का राज है वहां विकास क्यों नहीं हुआ ।क्यों गांधी परिवार अपने संसद के रास्तो पर रोड़े डाल रहा है। जबकि यहां कि सांसद निधि पूरे तरीके से खर्च कर दी गई। तो विकास क्यों नहीं हुआ ।इस सवाल का जवाब गृहमंत्री अमित शाह ने दिया है।



अमित शाह ने मंच से कांग्रेस पार्टी पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया ।यही आरोप प्रधानमंत्री मोदी भी अक्सर मंचों से कांग्रेस पार्टी पर लगाते रहे है ।अब क्या वाकई में ऐसा है ।उसके लिए शाह के वो पांच सवाल सुनने जरुरी है जो शाह ने कांग्रेस पार्टी से पूछे है।

गांधी परिवार पिछले पांच साल में अमेठी रायबरेली में नहीं गया ।तो जनता क्यों गांधी परिवार को वोट देगी ।क्यों वो उस उम्मीदवार को वोट नहीं करेगी ।जो पांच साल उनके बीच रहता है ।और एक बात ।कांग्रेस पार्टी पर लगने वाले तुष्टीकरण के आरोप नए नहीं है ।ये तो नेहरु गांधी के वक्त से परंपरा चली आ रही है। सोनिया, प्रियंका, राहुल तो बस उस परंपरा को आगे बढ़ा रहे है। परिवार के पदचिन्हों पर चल रहे है ।
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