Congress में कुछ बड़ा हो गया, 4 जून से पहले कांग्रेस बेहाल, Kharge पर लटकी तलवार
Shah ने कहा कि Rahul Gandhi की Congress पार्टी को 40 सीट भी नहीं मिलेंगी। सपा अध्यक्ष पर तंज कसते हुए बोले, अखिलेश यादव कितना भी मैं आपके प्रति सहानुभूति से बात करूं आपकी पार्टी को 4 सीट भी नहीं मिलने वाली हैं, और साथ ही कहा की चार जून के बाद खड़गे की नौकरी जाने वाली है।
2014 में 44 सीटें जीतने वाली Congress ने 2019 में 52 सीटें जीती है । Modi नाम ने भंवर में जिस तरह से कांग्रेस दस साल पहले उलझी थी । उस भंवर से कांग्रेस आज तक निकल नहीं पाई है । और ना ही अब तक निकलने का रास्ता ही ढूंढ पाई है । लेकिन इस बार कांग्रेस ने गठबंधन क्या किया। कांग्रेस के नेताओं के भाषणों में धमक दिखने लगी । और कांग्रेस अब छह चरणों के मतदान के बाद कहने लगी है कि उसका गठबंधन 350 से ज्यादा सीट जीतकर सरकार बना रहा है। खैर इस दावे में कितना दम है वो तो चार जून को पता चल ही जाएगा । लेकिन अगर कांग्रेस हार जाती है तो कांग्रेस का आगे का क्या प्लान होगा । उस पर गृहमंत्री अमित शाह ने प्रकाश डाला है । और बताया है कि इस हार के बाद खड़गे साहब की नौकरी जाने वाली है ।
शाह का मानना है कि इस बार कांग्रेस चालीस भी पार नहीं कर रही है ।और प्रधानमंत्री मोदी चार सौ पार से साथ सत्ता में वापसी कर रहे है ।वहीं अखिलेश को भी तंज भरे लहजे में कहा की इस बार चार सीटें भी पार नहीं कर पाओगे ।खैर ये राजनीतिक भाषणबाजी है ।सब अपने अपने वोटरों को लुभाने के लिए करते ही है ।लेकिन हकीकत क्या है उसे जानना जरूरी है ।और हकीकत ये है कि कांग्रेस के जो जनाधार वाले नेता थे ।वो उसका साथ छोड़कर जा चुके है ।जो बड़े नेता बचे है। वो राहुल के शागिर्द बने रहना चाहते है ।और अपना ज्यादातर वक्त राहुल की चापलूसी में लगा रहे है ।
वो ये दिखाने की कोशिश कर रहे है कि राहुल का सबसे ज्यादा आशीर्वाद किसके उपर है। कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए लड़ रही है या फिर बीजेपी को चार सौ पार से रोकने के लिए लड़ रही है ।इस बात का फैसला चार जून को हो ही जाएगा ।लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जैसे 2019 में पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी थे और हार के बाद उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था ।क्या खड़गे के भी केस में ऐसा होगा ।और चार जून के बाद कोई और पार्टी का अध्यक्ष बनेगा ।लेकिन इस बात से कांग्रेस के भीतर विवाद हो सकता है ।और विवाद इस बात का हो सकता है ।जैसे मनमोहन सिंह से कार्यकाल के दौरान सोनिया गांधी सुपर पीएम हुआ करती थी। वैसे ही मौजूदा हालात में राहुल गांधी खड़गे के उपर बैठे सुपर अध्यक्ष है ।
खड़गे भले ही अध्यक्ष है लेकिन फैसले तो राहुल गांधी ही लेते है ।कागजी तौर पर खड़गे भले ही पार्टी के अध्यक्ष है ।लेकिन असल में तो कांग्रेस राहुल के ही इशारों पर चलती है ।सभी फैसले तो राहुल के ही होते है ।तो ऐसे में भी खड़गे की नौकरी को खतरा है ।वैसे यहां सवाल कई और भी है ।पहला सवाल तो यही है कि क्या कांग्रेस परिणाम पहले से ही जानती है। तभी उसने हार की जिम्मेदारी से बचने के लिए खड़गे को अध्यक्ष की कुर्सी सौंप दी।और भाई-बहन ने खड़गे को बली का बकरा बना दिया।
वैसे चुनाव के बाद कांग्रेस में भूचाल तो आना तय है। क्योंकि खबरें ऐसी है कि दोनों भाई-बहन की बन नहीं रही है। दोनों एक दुसरे से खफा है ।नतीजों के बाद पार्टी भी दो फाड़ हो सकती है। प्रियंका- रॉबर्ट वाड्रा अलग खिचड़ी पकाने में लगे है । अब देखने वाली बात होगी कि खड़गे की आंच में किसकी खिचड़ी पकती है और कौन अपनी गर्दन पर वार को लेता है । लेकिन ये तो तय है कि चार जून के बाद कांग्रेस में कुछ तो बड़ा होने वाला है । अब देखना होगा की होता क्या है ।