73 साल के Modi की रफ्तार के सामने Tejashwi और Rahul के छूट गये पसीने!
नरेंद्र मोदी नाम देश की राजनीति में एक ऐसा ब्रांड बन गया है जिसके दम पर बीजेपी लगातार दो चुनाव जीत कर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना चुकी है | और अब साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी मोदी के चेहरे पर चुनावी मैदान में कूद गई है | जिनका मुकाबला विपक्षी दलों के बनाए गये इंडिया गठबंधन से है | जिसमें राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे युवा नेता भी शामिल हैं, लेकिन यकीन मानिये महज तीन चरण के चुनाव में ही 73 साल के उम्र में नरेंद्र मोदी ने ऐसा चुनावी गदर मचाया कि कांग्रेसी जननायक और बब्बर शेर राहुल गांधी भी जहां पछाड़ खा गये तो वहीं तेजस्वी यादव भी कमर पकड़ कर बैठ गये |
ये बात तो आप भी जानते हैं कि 73 साल की उम्र एक ऐसी उम्र होती है जब ज्यादातर लोग खटिया पकड़ लेते हैं | तो वहीं दूसरी तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 73 की उम्र होने के बावजूद अपनी पार्टी बीजेपी को प्रचंड बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है | क्या बिहार, क्या गुजरात, क्या उत्तर, क्या दक्षिण, चारों दिशाओं में दिन रात पीएम मोदी कहीं चुनावी रैलियां कर रहे हैं तो कहीं रोड शो कर रहे हैं | एक एक दिन में तीन तीन चार चार रैलियां और रोड शो करने में जुटे हुए हैं, तो वहीं धुआंधार इंटरव्यू भी दे रहे हैं | हालात ये हो गये हैं कि बिहार की एक रैली में तो पीएम मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ दिया था और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा से पहले खुद ही रैली संबोधित करने लगे थे, जिससे मंच संचालक भी हड़बड़ा गये थे |
बात यहीं खत्म नहीं होती, सात मई को तीसरे चरण का चुनाव खत्म हुआ और महज तीन चरण के चुनाव में ही पीएम मोदी ने अकेले दम पर दस बारह नहीं कुल 83 रैलियां और रोड शो किया |
मोदी की चुनावी रफ्तार
पहले चरण में- 31 रैलियां
दूसरे चरण में- 16 रैलियां
तीसरे चरण में- 36 रैलियां
एक तरफ भीषण गर्मी, दूसरी तरफ 73 साल की उम्र, लेकिन इसके बावजूद पीएम मोदी बिना थके, बिना रुके, 15 राज्यों में 83 रैलियां की और अपनी पार्टी के लिए जनता जनार्दन से वोट मांगा | तो वहीं दूसरी तरफ मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने उतरे विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे राहुल गांधी की बात करें तो चुनावी रैलियों और रोड शो में कांग्रेस के बब्बर शेर कहे जाने वाले 53 साल के राहुल गांधी ने तो पीएम मोदी के बराबर तो छोड़िये आधी मेहनत भी नहीं की है | इन तीन चरण के चुनाव में राहुल गांधी ने महज 40 चुनावी रैलियां की हैं |
राहुल गांधी की चुनावी रफ्तार
पहले चरण में- 21 रैलियां
दूसरे चरण में- 8 रैलियां
तीसरे चरण में- 11 रैलियां
ये आंकड़े बता रहे हैं कि 73 साल की उम्र होने के बावजूद पीएम मोदी ने खुद से बीस साल छोटे राहुल गांधी से दोगुनी मेहनत की है | ये तो सिर्फ रैलियों की बात है | रैलियों और रोड शो के अलावा पीएम मोदी ने तमाम न्यूज चैनलों को बीस से ज्यादा इंटरव्यू भी दिये हैं | जबकि राहुल गांधी ने अभी तक एक भी इंटरव्यू नहीं दिया है | जिस पर कांग्रेसी कहते हैं कि राहुल गांधी इंटरव्यू नहीं देते प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं | और सबसे बड़ी बात तो ये है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी राहुल गांधी से जब कोई पत्रकार तीखे सवाल करता है तो पत्रकार को ही बीजेपी का एजेंट बता देते हैं |
मतलब पत्रकार सरल सवाल करें तो बढ़िया हैं, लेकिन जहां तीखे सवाल किये तो वो बीजेपी के एजेंट हो जाते हैं | ये हाल तो है कांग्रेस के शेर और जननायक कहे जाने वाले राहुल गांधी का और जब चुनाव हारते हैं तो यही कांग्रेस ईवीएम का रोना रोने लगती है |
अब चलते हैं थोड़ा बिहार की ओर, वहां भी जीरो सीट वाले लालू यादव के लाल तेजस्वी यादव पूरे बिहार में घूम घूम कर मोदी को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दम भर रहे हैं | जिनकी चुनावी मेहनत की बात करें तो वो भी मोदी की रफ्तार के सामने कहीं नहीं टिकते | क्योंकि तीन चरण के चुनाव में पीएम मोदी ने जहां 15 राज्यों में 83 रैलियां की और बीस से ज्यादा इंटरव्यू दिये तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव का चुनाव प्रचार महज बिहार तक ही सीमित है | लेकिन इसके बावजूद तीसरे चरण तक तेजस्वी यादव ने 97 चुनावी जनसभाएं की और इतनी जनसभाओं में ही 34 साल के तेजस्वी यादव की कमर में दर्द उठने लगा |
एक तरफ 83 रैलियां करने के बावजूद पीएम मोदी बिल्कुल फिट हैं और अभी भी धुआंधार चुनावी रैलियां कर रहे हैं | तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी से आधी उम्र के यानि 34 साल के युवा नेता तेजस्वी यादव 97 जनसभाओं में ही लगता है हांफने लगे हैं | इसीलिये जनता से सहानुभूति बटोरने के लिए चुनावी रैलियों में अपना दुखड़ा रोते फिर रहे हैं | कभी कह रहे हैं इंजेक्शन लगा कर रैलियां कर रहे हैं तो कभी कमर में लगी बेल्ट जनता को दिखा रहे हैं |
अब आप ही बताइये, एक तरफ जहां 73 साल के पीएम मोदी धुआंधार चुनाव प्रचार कर रहे हैं | तो वहीं दूसरी तरफ 53 साल के राहुल गांधी और 34 साल के तेजस्वी यादव चुनावी मेहनत के मामले में पीएम मोदी से बहुत पीछे नजर आ रहे हैं | तेजस्वी यादव तो महज बिहार में ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद तीन चरण के चुनाव में ही उनकी कमर ने जवाब दे दिया है | आजकल बेल्ट लगा कर चुनाव प्रचार कर रहे हैं और जब मोदी की मेहनत के दम पर बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ चुनाव जीतती है, तो यही विपक्ष ईवीएम पर हार का ठीकरा फोड़ने लगती है | मोदी और विपक्ष के बीच यही एक सबसे बड़ा फर्क है जिसकी वजह से साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को विपक्ष का पद हासिल करने लायक भी सीट नसीब नहीं हुई | तो वहीं बीजेपी ने दोनों चुनावों में प्रचंड बहुमत हासिल किया | वैसे आपको क्या लगता है, क्या तीसरी बार भी जनादेश पीएम मोदी को मिलने जा रहा है या फिर विपक्ष को सत्ता नसीब होगी?