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Mithun Chakraborty को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से किया गया सम्मानित, भावुक हुए एक्टर !

8 अक्टूबर को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन दिल्ली में किया गया था।इस पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को सम्मानित किया।बता दें कि जब मिथुन दा को द्रोपदी मुर्मू ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया तब एक्टर काफ़ी इमोशनल हो गए थे।जब एक्टर अवॉर्ड ने स्टेज पर पहुँचे तो इस दौरान सामने मौजूद सभी लोगों से एक्टर को स्टैंडिंग ओवेशन मिला।
Mithun Chakraborty को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से किया गया सम्मानित, भावुक हुए एक्टर !
बॉलीवुड के लेजेंडरी एक्टर  और बीजेपी नेता Mithun Chakraborty को भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ।  फ़िल्मों से लेकर राजनीति तक अपना सफर तय करने वाले मिथुन चक्रवर्ती बॉलीवुड इंडस्ट्री का जाना माना नाम है । बॉलीवुड के डिस्कों डांसर मिथुन चक्रवर्ती सालों से फ़िल्म इंडस्ट्री में अपने अभिनय से लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं ।  74 साल की उम्र में भी एक्टर फ़िल्मों में एक्टिव हैं ।  वहीं अब मिथुन चक्रवर्ती को इंडियन सिनेमा में उनके योगदान के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है  । 


बता दें कि आज यानि की 8 अक्टूबर  को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन दिल्ली में किया गया था।इस पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सभी विजेताओं को सम्मानित किया।बता दें कि जब मिथुन दा को द्रोपदी मुर्मू ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया तब एक्टर काफ़ी इमोशनल हो गए थे।जब एक्टर अवॉर्ड ने स्टेज पर पहुँचे तो इस दौरान सामने मौजूद सभी लोगों से एक्टर को स्टैंडिंग ओवेशन मिला। मिथुन के हाथ में चोट लगे होने के चलते वो हाथ में पट्टी बांधे समारोह में पहुंचे थे ।दादा साहब फाल्के पुरस्कार पाते ही एक्टर काफ़ी भावुक हो गए और उन्होंने इस पर अपनी खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा की- मैं भगवान से बहुत शिकायत करता था, अब कोई शिकायत नहीं है भगवान ने सूद सहित सब वापस कर दिया। 

बता दें कि जब मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार देने का ऐलान किया गया था। तब भी एक्टर ने इसे लेकर ख़ुशी ज़ाहिर की थी।एक्टर ने एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा था - सच कहूं तो मेरे पास कोई भाषा नहीं है. ना मैं हंस  सकता हूं, ना ही मैं खुशी से रो सकता हूं. कितनी बड़ी चीज है ये. मैं कोलकाता में जहां से आया हूं, फुटपाथ से लड़कर यहां तक आया हूं, उस लड़के को इतना बड़ा सम्मान मिलेगा, मैं सोच भी नहीं सकता था. मैं निशब्द हूं. बस इतना कह सकता हूं मैं ये अवॉर्ड अपनी फैमिली और फैंस को डेडिकेट करता हूं. 

बता दें कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के अवॉर्डे  मिलने पर बधाई दी थी ।पीएम मोदी ने X पर लिखा था - मुझे खुशी है कि श्री मिथन चक्रवर्ती जी को इंडियन सिनेमा में उनके अद्वितीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. वो कल्चरल आइकॉन हैं. अपनी दमदार परफॉर्मेंस के लिए वो पीढ़ियों से सराहे गए हैं. उन्हें बधाई और शुभकामनाएं

बता दें कि मिथुन के बेटे नमाशी चक्रवर्ती ने भी पिता को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिलने पर ख़ुशी ज़ाहिर की थी । एक लीडिंग मीडिया हाउस से बातचीत में एक्टर ने कहा की - बहुत गर्व और सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मेरे पिता सेल्फ मेड सुपरस्टार और महान नागरिक हैं. उनकी लाइफ जर्नी कईयों के लिए इंस्पायरिंग रही है. उन्हें मिले इस सम्मान से हम सभी बेहद खुश हैं.

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती ने साल 1976 में आई फ़िल्म मृगया के ज़रिए एक्टिंग करियर में डेब्यू किया था ।  ये एक्टर की पहली फ़िल्म थी और इसी के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था । करियर के शुरूआत में मिथुन ने छोटे रोल्स किए थे ।  लेकिन बाद में उन्होंने कई बड़ी बड़ी फ़िल्मों में काम किया ।  जिसके लिए तारीफ़ें भी मिली थी । एक्टर  को 1979 में आई फ़िल्म सुरक्षा से उन्हें फ़ेम मिला था ।  एक्टर ने प्रेम विवाह, हमसे बढ़कर कौन, त्रिनेत्र, डिस्को डांसर, टैक्सी चोर और वो जो हसीना समेत कई बड़ी हिट फ़िल्मों में काम किया था । मिथुन चक्रवर्ती  ने अपने करियर में 350 से ज्यादा फ़िल्मों में काम किया है । एक्टर ने हिंदी के साथ साथ बंगाली ,तमिल, भोजपुरी , तेलुगू,कन्नड़, पंजाबी मूवीज़ शामिल हैं । 

बता दें कि मिथुन चक्रवर्ती ने अपनी एक्टिंग के दम पर तीन बार नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किया था ।  एक्टर को फ़िल्म मृगया, तहादेर कथा, और स्वामी विवेकानंद जैसी फ़िल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था ।  एक्टर को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है । इतना ही नहीं साल 1989 में मिथुन चक्रवर्ती की 19 फ़िल्में रिलीज़ हुई थी ।  एक्टर ने इन सभी फ़िल्मों में लीड रोल प्ले किया था । एक साल में 9 फ़िल्में करने की वजह से एक्टर का नाम लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है । एक्टर का ये रिकॉर्ड बॉलीवुड में अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है । 

बता दें कि दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड इंडिया में सिनेमा जगत का सबसे बड़ा सम्मान है, हर साल नेशनल अवॉर्ड के वक़्त इस सम्मान को भी दिया जाता है ।  इस अवॉर्ड की शुरूआत 1969 में इंडिया सिनेमा के पिता दादा साहेब फाल्के के सम्मान में हुई थी । फाल्के ने 1913 में इंडिया की पहली फ़ीचर फ़िल्म राजा हरिश्चंद्र को डायरेक्ट किया था ।  ये अवॉर्ड कई बड़ी हस्तियों को मिल चुका है ।  जिसमें राज कपूर, लता मंगेशकर, आशा भोंसले और यश चोपड़ा समेत 53 लोगों को अब तक इस सम्मान से नवाज़ा जा चुका है ।  मिथुन चक्रवर्ती 54वे शख़्स हैं, जिन्हें इस सम्मान से नवाज़ा गया है । मिथुन के अलावा बॉलीवुड से  लेकर साउथ की कई बड़ी हस्तियों को इस दौरान नेशनल अवार्ड से भी सम्मानित किया है।
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