मलयालम लेखक M. T. Vasudevan Nair के निधन पर PM Modi ने जताया शोक
मलयालम साहित्य के दिग्गज और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एमटी वासुदेवन नायर का केरल के कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है।
मलयालम साहित्य के दिग्गज और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एमटी वासुदेवन नायर का केरल के कोझिकोड के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर पीएम मोदी ने शोक जताया है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मलयालम सिनेमा और साहित्य के सबसे सम्मानित शख्सियतों में से एक एमटी वासुदेवन नायर जी के निधन से दुखी हूं। मानवीय भावनाओं की गहन खोज के साथ उनके कार्यों ने पीढ़ियों को आकार दिया है और आगे भी कई लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। उन्होंने मूक और हाशिये पर पड़े लोगों को भी आवाज दी। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।"
Saddened by the passing away of Shri MT Vasudevan Nair Ji, one of the most respected figures in Malayalam cinema and literature. His works, with their profound exploration of human emotions, have shaped generations and will continue to inspire many more. He also gave voice to the…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 26, 2024
वहीं कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "एमटी वासुदेवन नायर के निधन के साथ हम उस प्रतिभा को अलविदा कह रहे हैं, जिसने साहित्य और सिनेमा को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के शक्तिशाली माध्यमों में बदल दिया। उनकी कहानियों में मानवीय भावनाओं की गहराई और केरल की विरासत का सार समाहित है। हमारी कला और साहित्य के एक सच्चे संरक्षक की क्षति को पूरा देश गहराई से महसूस कर रहा है। हम उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। उनकी विरासत उनके द्वारा बताई गई हर कहानी हर दिल में जीवित रहेगी।"
With the passing of Shri M.T. Vasudevan Nair, we bid adieu to a genius who transformed literature and cinema into powerful mediums of cultural expression. His narratives captured the depth of human emotions and the essence of Kerala’s heritage.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 25, 2024
A true custodian of our art and… pic.twitter.com/JdyOMLANMh
एमटी वासुदेवन नायर को मलयालम के महानतम लेखकों में से एक माना जाता है और वे केरल से प्रकाशित होने वाली एक सुप्रसिद्ध पत्रिका, मातृभूमि साप्ताहिक के संपादक भी रहे। पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित एमटी मलयालम साहित्य और सिनेमा में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति थे।उनके योगदान ने दोनों क्षेत्रों में अमिट छाप छोड़ी, जिससे उन्हें मलयालम भाषा के सबसे प्रसिद्ध लेखकों में से एक के रूप में मान्यता मिली।
एमटी ने पटकथा लेखन के लिए चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते और सात फिल्मों का निर्देशन किया, जबकि लगभग 54 अन्य फिल्मों की पटकथा लिखी। साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए एमटी को 1995 में भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया था। पद्म भूषण से सम्मानित एमटी मलयालम साहित्य और सिनेमा में एक प्रमुख व्यक्ति थे।