Vyjayanthimala ने क्यों लिया Raj Kapoor से बदला? पति ख़रीदने का लगा था आरोप
वैजयंतीमाला का बॉलीवुड में एक दौर रहा है। उन्होंने इंडस्ट्री के उस दौर में सफलता की सीढ़ी चढ़ी जिस दौर को बॉलीवुड का गोल्डन Era कहा जाता है। ये दौर था 1950 से 1960 का। जब वैजयंतीमाला का जलवा हुआ करता था।
हम प्यार का सौदा करते हैं एक बार, चाहे मिट जाएँ, चाहे मर जाएँ, हम प्यार का सौदा...कहो जी, तुम क्या-क्या खरीदोगे, सुनो जी, तुम क्या-क्या खरीदोगे, यहाँ तो हर चीज़ बिकती है!
ये लाइनें बॉलीवुड की एवरग्रीन और बला की खूबसूरत वैजयंतीमाला पर बिल्कुल सटीक बैठ रही हैं। बड़े पर्दे पर वैजयंतीमाला पर फ़िल्माए गए ये गाने उनकी रियल लाइफ़ ज़िंदगी का भी हिस्सा बन जाएंगे। इसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था।
वैजयंतीमाला का बॉलीवुड में एक दौरा रहा है। उन्होंने इंडस्ट्री के उस दौर में सफलता की सीढ़ी चढ़ी जिस दौर को बॉलीवुड का गोल्डन Era कहा जाता है। ये दौर था 1950 से 1960 का। जब वैजयंतीमाला का जलवा हुआ करता था।
जिनती सक्सेसफुल उनकी प्रोफेशनल लाइफ रही। उससे कहीं ज़्यादा विवादित उनकी पर्सनल लाइफ़ रही है। वैजयंतीमाला को लेकर कभी कहा गया की उन्होंने पैसों में दुल्हा ख़रीदा था। वहीं एक्ट्रस दिलीप कुमार और राज कपूर के साथ अपने अफ़ेयर की वजह से भी चर्चाओं में बनी रहती थी। ऐसा भी कहा जाता है की वैजयंतीमाला ने उस टाइम पर राज कपूर से बदला भी लिया था। आख़िर क्या है ये पूरा क़िस्सा चलिए बताते हैं आपको।
13 अगस्त 1933 जब चेन्नई में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में वैजयंतीमाला का जन्म हुआ था। वैजयंतीमाला के पिता का नाम एमडी रमन और माँ का नाम वसुंधरा देवी था। उनकी माँ अपने टाइम की साउथ की जानी मानी एक्ट्रेस थी। वैजयंतीमाला को बच्चन से ही डांस करना बहुत पसंद था,वो Christian स्कूल में पड़ती थी। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही ईसाईओं के सबसे बड़े धर्म गुरू Pope Pius के सामने अपना पहला स्टेज शो किया था। जिसे काफ़ी ज़्यादा पसंद किया गया था। वैजयंतीमाला की मां वसुंधरा देवी एक एक्ट्रेस थी। ऐसे में वैजयंतीमाला को अपनी का पूरा सपोर्ट मिला।
वैजयंतीमाला ने महज़ 13 की उम्र में ही फ़िल्मी दुनिया में क़दम रख दिया था। वैजयंतीमाला की दादी नहीं चाहती थी की वो फ़िल्मों में काम करें। लेकिन कहा जाता है की एक प्रोड्यूसर ने उनकी दादी को मना मिला था। वैजयंतीमाला ने 1949 में आई तमिल फ़िल्म वड़कई से एक्टिंग करीयर की शुरूआत में शुरूआत की थी। वहीं 1951 में उन्होंने बहार फ़िल्म से ब़ॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फ़िल्म से वो नोटिस तो हुईं । लेकिन वो सफलता हासिल नहीं कर पाई जिसकी उन्हें उम्मीद थी। फिर 1954 में वैजयंतीमाला की फ़िल्म नागिन आई । जिसमें उन्हें काफ़ी पसंद किया गया था। फ़िल्म का गाना मन डोले मेरा तन डोले काफ़ी बड़ा हिट साबित हुआ था। फिर 1955 फ़िल्म में वैजयंतीनाला ने दिलीप कुमार के साथ देवदास नाम की फ़िल्म में का किया, जिसमें वैजयंती माला ने चंद्रमुखी का किरदार निभाया था। ये फ़िल्म काफ़ी बड़ी हिट साबित हुई थी।
इसके बाद 1957 में B.R चोपड़ा ने नया दौर नाम की फ़िल्म बनाई थी। जिसमे दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला की जोड़ी एक बार फिर से दिखाई दी। ये फ़िल्म उस दौर की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म दी थी। जिसने बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई की थी। कहा जाता है की इस फ़िल्म के बाद दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला एक दूसरे से काफ़ी गरीब आ गए थे। दोनों की जोड़ी बड़े पर्दे पर तो हिट थी ही। रियल लाइफ़ में भी इनके इश्क़ के चर्चे खूब होने लगे थे। वहीं 1961 में आई फ़िल्म गंगा जमूना के बाद तो ऐसा मीडिया के गलियारों में ऐसा कहा जाने लगा था की दोनों शादी करने वाले हैं। लेकिन जितनी जल्दी दोनों के बीच प्यार की शुरूआत हुई । उतनी ही जल्द ही इनकी राहे भी अलग हो गई हैं।
कहा जाता है की एक बार वैजयंतीमाला किसी फ़िल्म की शूटिंग कर रही थी और उन्होंने इस तरह के कपड़े पहने हुए थे की वो किसी के सामने नहीं आना चाहती थी। उन्होंने कहा था की शूट के टाइम कमैरा मैन और डायरेक्टर के अलावा सेट पर कोई नहीं आना चाहिए। उस टाइम दिलीप कुमार अपने कुछ दोस्तों को वैजयंतीमाला से मिलवाने इस फ़िल्म के शूट पर पहुँच गए थे। लेकिन कहा जाता है की वैजयंतीमाला ने दिलीप कुमार को अंदर आने से मना कर दिया था। जिसके बाद दिलीप कुमार नाराज हो गए थे और उन्होंने फ़ैसला कर लिया था की वो कभी वैजयंतीमाला से ना बात करेंगे और ना ही कोई फ़िल्म करेंगे। ऐसे में ये जोड़ी बनने से पहले टूट गई।
वहीं 1967 में एक फ़िल्म बन रही थी। जिसका नाम था राम और श्याम, इस फ़िल्म के लिए वैजयंतीमाला को साइन किया गया था। लेकिन इस फ़िल्म के गहनों और कॉस्ट्यूम्स से वैजयंतीमाला ख़ुश नहीं थी और फ़िल्म के प्रोड्यूसर B. Naagi Reddy से उनका विवाद हो गया था। जिसके बाद वैजयंतीमाला को इस फ़िल्म से बाहर निकाल दिया गया था और उनकी Waheeda Rehman को साइन कर लिया गया। कहा जाता है जब वैजयंतीमाला को उम्मीद थी की दिलीप कुमार प्रोड्यूसर से बात करेंगे और उन्हें दोबारा फ़िल्म लेने के लिए राज़ी कर लेंगे। लेकिन दिलीप कुमार की चुप्पी वैजयंतीमाला को नागवार गुजरी और उन्होंने दिलीप कुमार से दूरी बना ली। मीडिया के गलियारों में ऐसा कहा जाता है की दिलीप कुमार को वैजयंती माला का राज कपूर के साथ काम करना पसंद नहीं था। दिलीप कुमार के मना करने के बाद भी वैजयंती माला ने राज कपूर के साथ काम किया था। जिसे लेकर एक्टर के मन में नाराज़गी की थी और उन्होंने वैजयंती माला को ख़ुद से अलग कर लिया…
दिलीप कुमार के बाद वैजयंती माला का नाम दिलीप कुमार से जुड़ा। दिलीप कुमार ने वैजयंतीमाला के साथ सबसे पहले 1961 में नज़राना में काम किया था। इसके बाद ये कपल 1964 में आई फ़िल्म संगम में नज़र आया था। इस फ़िल्म में काम करने के साथ साथ राजकूपर ने इसे डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी किया। फ़िल्म में वैजयंतीमाला ने बिकीनी भी पहनी थी। जिसके लिए पहले वो राज़ी नहीं हुई थी। फिर बाद में राज कपूर के समझाने के बाद वो फ़िल्म के एक गाने बोल राधा बोल संगम होगा की नहीं, मैं बिकीनी में नज़र आई थी। फ़िल्म का गाना मैं क्या करूँ राम मुझे बुड्डा मिल गया भी काफ़ी बड़ा हिट साबित हुआ था। फ़िल्म में वैजयंती माला और दिलीप कुमार के अलावा राजेंद्र कुमार भी नज़र आए थे। ये फ़िल्म काफ़ी बड़ी हिट साबित हुई थी। फ़िल्म में राजकूपर और वैजयंतीमाला की जोड़ी काफ़ी पसंद की गई थी। ये दोनों की साथ में दूसरी और आख़िरी फ़िल्म थी।
कहा जाता है इस फ़िल्म के दौरान राजकपूर और वैजयंतीमाला एक दूसरे को दिल दे बैठे थे। दोनों के अफ़ेयर की ख़बरें मीडिया के गलियारों में वायरल होने लगी थी। दरअसल राज कपूर शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे। वैजयंती संग अफेयर की बात जब राज कपूर की पत्नी कृष्णा को चली तो वो अपने बच्चों के साथ होटल में रहने चली गईं। कहा जाता है की वो करीब साढ़े चार महीने मुंबई के नटराज होटल में रही थीं। राज कपूर के लाख बार मनाने के बाद कृष्णा इस शर्त पर मानी थीं कि वो फिर कभी वैजयंती के साथ फिल्मों में काम नहीं करेंगे। ऐसा ही हुआ, फिल्म संगम के बाद राज और वैजयंती ने किसी फिल्म में साथ काम नहीं किया। राज कपूर के इस फ़ैसले के बाद वैजंयतीमाला काफ़ी हर्ट हुई थी और अपनी फ़िल्मों में बिजी हो गई थी।
इसी बीच वैजयंतीमाला को निमोनिया हो गया था । उनका इलाज करने वाले डॉक्टर चमनलाल बाली वैजयंती माला के बहुत बड़े फैन थे। चमनलाल बाली राजकपूर के भी काफ़ी ख़ास दोस्त थे, इतना ही नहीं वो कपूर खानदार के फैमली डॉक्टर भी थे । मीडिया के गलियारों में ऐसा कहा जाता है की इलाज के दौरान ही वैजयंती माला और डॉक्टर बाली एक दूसरे के काफ़ी क़रीब आ गए थे,और दोनों में कब प्यार हो गया किसी को पता ही नहीं चला,फिर 10 मार्च 1968 में इन दोनों ने शादी कर ली थी। .इस शादी में बॉलीवुड की बड़ी बड़ी हस्तियाँ शामिल हुई थी। लेकिन राज कपूर को इस शादी में invite किया गया था। राजकपूर की ना मौजदूगी में ख़बर फैल गई की वैजयंती माला ने राज कूपर के करीबी दोस्त से शादी कर उनसे बदला लिया है। कहा जाता है की डॉक्टर चमनलाल बाली पहले से ही शादीशुदा से थे और उनके तीन बच्चे भी थे।
डॉक्टर बाली की पहली पत्नी ने तलाक़ के बदले एलमनी में काफ़ी बड़ी रक़म माँगी थी। लेकिन बाली ने ये कह दिया था की उनके पास देने के लिए इतनी बड़ी रक़म नहीं है। कहा जाता है की वैजयंती माला ने अपनी फ़िल्मों से होने वाली कमाई में से पैसे जोड़कर बाली की पहली पत्नी को एलमनी के तौर पर थी। ऐसे कहा जाता है की बॉलीवुड की इस गोल्डन गर्ल ने पैसों से पति ख़रीदा था। खैर ये बात वाकेई में सच है या नहीं ये तो हम नहीं कह सकते,। लेकिन बॉलीवुड के गलियारों में ये बात काफ़ी वायरल है। वैसे राजकपूर से अफ़ेयर की ख़बर को वैजयंतीमाला ने pulicity stunt बताया था। आपको वैजयंती माला से जुड़ी ये क़िस्सा कैसा लगा हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।