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एक दम फ़िल्मी है Zakir Hussain की लव स्टोरी, मां को मंज़ूर नहीं था रिश्ता!

तबला वादक जकीर हुसैन भले ही अब हमारे बीच में नहीं है, उनके जाने से बॉलीवुड से लेकर राजनीति जगत में शोक की लहर दौर पड़ी है। जकीर हुसैन की लव स्टोरी भी काफ़ी मिली है। कहा जाता है की उन्होंने परिवार को बताए बिना ही शादी की थी ।
एक दम फ़िल्मी है Zakir Hussain की लव स्टोरी, मां को मंज़ूर नहीं था रिश्ता!
देश के मशहूर तबला वादक और संगीतकार जाकिर हुसैन अब हमारे बीच नहीं रहे। 73 वर्ष की उम्र में उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस ली। जाकिर हुसैन के निधन की खबर ने देशभर में शोक की लहर फैला दी है। उनके संगीत के चाहने वाले और प्रशंसक उन्हें याद कर रहे हैं, उनके साथ बिताए गए समय, उनकी रचनाओं और उनकी प्रेरणाओं की चर्चा कर रहे हैं। इस बीच, जाकिर हुसैन की लव स्टोरी पर भी चर्चा हो रही है।

जाकिर हुसैन की निजी जिंदगी के बारे में बहुत कम ही जानकारी सार्वजनिक हुई है। हालांकि, एक साक्षात्कार में उन्होंने अपनी लव स्टोरी के बारे में बात की थी, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया था।

जाकिर हुसैन ने खुद बताया था कि उन्होंने अपने परिवार को बताए बिना शादी की थी। उनका कहना था कि यह शादी एक राज थी, जिसे किसी को भी नहीं पता था। बाद में जब उन्होंने अपने परिवार को इस बारे में बताया, तो रीति-रिवाजों के साथ शादी का आयोजन हुआ। बता दें कि हुसैन की मां इस शादी के खिलाफ थीं। हालांकि, बाद में उन्होंने एंटोनिया को अपनी 'बहू' के रूप में स्वीकार कर लिया था।

जाकिर हुसैन की यह लव स्टोरी तब शुरू हुई जब वे कैलिफोर्निया गए थे। वह वहां तबला का ज्ञान लेने पहुंचे थे, लेकिन तबला सीखते-सीखते उनके दिल के तार एक विदेशी लड़की से जुड़ गए थे। यह घटना 70 के दशक की है जब कैलिफोर्निया के बे एरिया में पहली बार उन्हें एक इटैलियन-अमेरिकन लड़की एंटोनिया मिनेकोला से प्यार हो गया था। हुसैन ने बताया था कि यह प्यार पहली नजर में हुआ था और उनकी जिंदगी का यह मोड़ बहुत खास था।

जाकिर हुसैन और एंटोनिया के बीच गहरी मित्रता बनी, जो धीरे-धीरे एक खूबसूरत रिश्ते में बदल गई। हालांकि, जाकिर और एंटोनिया का रिश्ता शुरू में उनके परिवार से छुपा रहा। इस जोड़े ने शादी के बाद भी इसे गोपनीय रखा, लेकिन समय के साथ जब उनके परिवार ने इसके बारे में जाना, तो उन्होंने अपने रिश्ते को पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ औपचारिक रूप दिया।

हुसैन को भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान के लिए विश्व भर में जाना जाता है। अपनी कला से न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी भारतीय संगीत को एक नई पहचान दी। उनकी संगीत यात्रा में कई उपलब्धियां हैं, जो आज भी अपनी कला के माध्यम से लोगों के दिलों में जीवित हैं। उनके निधन ने भारतीय संगीत की दुनिया में एक अपूरणीय शून्य छोड़ दिया है। हालांकि, उनका संगीत और उनकी प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी।
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