‘पप्पू’ नहीं, ‘शातिर’ हैं राहुल गांधी ! ये वीडियो देख आप भी दंग रह जाएंगे !

‘पप्पू’ नहीं, ‘शातिर’ हैं राहुल गांधी
अमित शाह ही नहीं, बीजेपी के बड़े-बड़े नेता अकसर बिना नाम लिए पप्पू शब्द का इस्तेमाल करते रहे हैं। एक वक़्त ऐसा आ गया था कि Google पर "Who is Pappu in India" लिखने पर राहुल गांधी आने लगा था। हद तो तब हो गई थी जब Google पर राहुल गांधी को पप्पू कहने पर पप्पू की बेइज्जती बताया जाने लगा था। बीजेपी ने इसे खूब मुद्दा बनाया और पूरी कांग्रेस को जमकर लताड़ा। वह अलग बात है कि इसी Google पर एक बार "Top 10 criminals" सर्च करने पर मोदी की तस्वीर आ रही थी। हालांकि यह तथ्य मैंने Bhaskar के आर्टिकल के हवाले से बताया है।
सवाल यह नहीं है कि राहुल को कौन-कौन कितनी बार पप्पू कह चुका है। सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी वाक़ई पप्पू हैं? या फिर वो बीजेपी के उन नेताओं से भी ज़्यादा समझदार हैं जो खुद को असल में बहुत इंटेलीजेंट समझते हैं। आज इधर-उधर की बातें नहीं करेंगे, आज सिर्फ़ तथ्यों पर चर्चा करेंगे और फिर वीडियो के अंत में यह सवाल मैं आपके लिए छोड़कर जाऊंगी कि क्या राहुल गांधी को सच में पप्पू कहना सही है?
जो राहुल को आप पप्पू कहते हैं, बच्चे-बच्चे राहुल को इस नाम से ट्रोल करके काफी खुश होते हैं। अगर आप ध्यान देंगे तो राहुल पप्पू नहीं हैं, बल्कि बड़े समझदार हैं। अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ कैसे नेगेटिव आइडियोलॉजी चलानी है, उसपर राहुल ने बहुत अच्छे से काम किया है।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो वो यह ना कहते कि मोदी की ताक़त उनकी इमेज है, इसे मैं ख़राब कर दूंगा।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो वो बांग्लादेश में लगातार मारे जा रहे हिंदुओं पर चुप्पी साध अपने साथियों से यह ना प्रमोट करवाते कि भारत में भी ऐसे हालात होने वाले हैं…
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो चीन के अधिकारियों से उनकी मुलाक़ात की ख़बरें और तस्वीरें ना आतीं।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो चुनावों में संविधान बदलने वाला झूठ इतनी सफ़ाई से ना फैलाते।
अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो अमेरिका जाकर भारत विरोधी इल्हान उमर से मुलाक़ात ना करते और उनके नेता यह ना कहते कि मुलाक़ात तो कोई किसी से भी कर सकता है, इसका मतलब यह नहीं कि हम उनके विचारों को प्रमोट करते हैं।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो X-ray का नाम लेकर देश में जातिवाद का ज़हर ना घोलते।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो विदेश में जाकर भारत को देश बताने के बजाय वो राज्यों का संघ ना बताते।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो विदेश जाकर चीन की तारीफ़ ना करते।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो अमेरिका में बैठकर भारत के नकारात्मक पहलू ना गिनवाते, सिखों पर विवादित बयान ना देते…
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो उनके लिए पाकिस्तान से आम ना आते।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो चुनावों में पाकिस्तान में उनकी भरपूर तारीफ़ ना हो रही होती।
- अगर राहुल गांधी पप्पू होते तो आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू उनकी तारीफ़ ना कर रहा होता।
पप्पू पर बात चली तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा, जो अंकल सैम के नाम से जाने जाते हैं, ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं, बल्कि वो एक गहरे रणनीतिकार हैं।” अंकल सैम ने तो यहां तक कह दिया है कि राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं। वह बहुत पढ़े-लिखे और रणनीतिक हैं। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन अंकल सैम यह भी बोले कि राहुल गांधी का एजेंडा बड़े मुद्दों को सुलझाने का है। उनके पास ऐसा विजन है, जिस पर बीजेपी करोड़ों रुपये खर्च करती है।
अब सैम पित्रोदा से कोई पूछे कि अगर राहुल के पास इतना अच्छा विजन है तो वो पीएम की कुर्सी तो छोड़ो, लोगों के दिलों में क्यों नहीं उतर पा रहे हैं? 99 सीट लाकर इस बात पर क्यों संतोष करना पड़ा? यह विजन भारत में क्यों नहीं दिखाई देता? देश से बाहर जाकर देश विरोधी लोगों से मिलना देशहित का कार्य है क्या?
पप्पू पप्पू की लड़ाई में देखिए कैसे एक यूज़र ने लिखा- पन्नू पप्पू यार हैं देश के ग़द्दार हैं। एक यूज़र ने राहुल की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- Dangerous For India… खैर, गेंद अब आपके पाले में है… आपको इस रिपोर्ट के साथ छोड़े जा रही हूं।