Manish Kashyap की तस्वीर शेयर कर SC के धाकड़ वकील Ashwini Upadhyay ने किया बड़ा ऐलान!
देर आए दुरुस्त आए, आख़िरकार बीजेपी नेता मनीष कश्यप को फ़र्ज़ी वीडियो मामले में राहत मिल ही गई है।पटना की सिविल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में ये फ़ैसला सुनाया और मनीष समेत दो लोगों को बरी कर दिया। दरअसल मनीष पर आरोप था कि उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के मज़दूरों के साथ मारपीट का एक कथित वीडियो बनाया था। भ्रामकता फैलाने की बात कहते हुए तमिलनाडु पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी, इसके अलावा बिहार पुलिस की EOU यानि आर्थिक अपराध इकाई ने भी इस मामले को लेकर मनीष कश्यप के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज की थी।
जांच के बाद तमिलनाडु पुलिस की टीम ने 30 मार्च 2023 को मनीष कश्यप को गिरफ्तार किया था और वो लगभग 9 महीने तक जेल में रहे थे। अब जाकर उनको कोर्ट ने राहत देते हुए बरी किया है और बताया है कि सबूतों के अभाव में ये फ़ैसला लिया जा रहा है। कोर्ट ने फ़ैसला भले ही अब दिया है लेकिन मनीष कश्यप लगातार ये सवाल उठाते रहे कि जिस केस में मुझे फँसाया गया है एक बार वो वीडियो कोई लाकर दिखा दे |
अब जब मनीष कश्यप को बरी कर दिया गया है तो ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के वकील ने झूठ बोलने वालों पर सवाल उठाए हैं। हमेशा झूठ बोलने को अपराध की कैटेगरी में डालने की बात कहने वाले अश्विनी उपाध्याय ने इस बार मनीष कश्यप का हवाला देकर फिर यही माँग कर डाली और अपने पोस्ट में इस बार मनीष कश्यप का नाम भी जोड़ दिया। दरअसल अश्विनी उपाध्याय ने लिखा- ‘मनीष कश्यप बरी हो गए लेकिन झूठी जांच करने वालों को कुछ नहीं हुआ, झूठी गवाही देने वालों को कुछ नहीं हुआ, झूठी शिकायत करने वालों को कुछ नहीं हुआ | पुलिस चार्टर ,ज्यूडिशियल चार्टर, सिटीजन चार्टर और एडमिनिस्ट्रेटिव चार्टर लागू करना और झूठ को गंभीर अपराध घोषित करना जरूरी है |’
वैसे इससे पहले NMF News से खास बातचीत करते हुए भी अश्विनी उपाध्याय ने झूठ को अपराध घोषित करने की बात कही थी।