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जयशंकर ने पाकिस्तान-बांग्लादेश पर बोली ऐसी बात, मचा तहलका !

जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसपर हमला बोला. दरअसल एक पैनल डिस्कशन में अलग अलग मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें वैश्विक व्यवस्था की जरूरत और जोखिम भरे देशों की ओर से पैदा होने वाले खतरों पर बात की गई, चाहे वो छोटे ही क्यों न हो
जयशंकर ने पाकिस्तान-बांग्लादेश पर बोली ऐसी बात, मचा तहलका !

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जो अपनी हाजिर जवाबी और जबरदस्त कूटनीति के लिए जाने जाते हैं, जो समय-समय पर पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाते हैं, और बता देते हैं कि भारत के बारे में गलत सोच रखने वालों को अब छोड़ा नहीं जाएगा। जयशंकर में बिना सीधे किसी का नाम लिए दुश्मनों को मीठे-मीठे शब्दों से मारने की कला भी खूब है। इसी कड़ी में भारत के प्रमुख जियोपॉलिटिकल और जियोइकोनॉमिक कॉन्फ्रेंस रायसीना डायलॉग में भी डॉ. जयशंकर ने कुछ ऐसा ही किया है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसपर हमला बोला।

दरअसल, एक पैनल डिस्कशन में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें वैश्विक व्यवस्था की जरूरत और जोखिम भरे देशों की ओर से पैदा होने वाले खतरों पर बात की गई, चाहे वो छोटे ही क्यों न हो। डॉ. जयशंकर ने इसी दौरान पाकिस्तान का जिक्र किया। डॉ. जयशंकर ने कहा,

"जिस तरह एक देश के लिए घरेलू व्यवस्था जरूरी है, वैसे ही दुनिया के लिए एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था भी जरूरी है। अगर कोई वैश्विक व्यवस्था नहीं होगी तो इससे सिर्फ बड़े देशों को ही फायदा नहीं होगा। कोई भी देश चरमपंथी स्थिति में होगा, वो इसका फायदा उठाएगा...जोखिम भरा देश बनने के लिए आकार में बड़ा होना जरूरी नहीं है। हमारे पड़ोसी इसका उदाहरण हैं।"

अब उनका ये जवाब पाकिस्तान को लेकर एक तंज है। उन्होंने जिस तरह पड़ोसियों शब्द का इस्तेमाल किया, उससे पाकिस्तान के साथ इन दिनों भारत पर गलत नजर रखने वाले बांग्लादेश का भी जिक्र कर दिया। जयशंकर यहीं नहीं रुके, उन्होंने पश्चिमी देशों पर भी निशाना साधा और उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा,

"आज हम राजनीतिक हस्तक्षेप की बात कर रहे हैं। जब पश्चिमी देश किसी देश में जाते हैं तो वह कहते हैं कि वहां लोकतंत्र खतरे में है। जब कोई दूसरी पश्चिमी देश में जाता है तो वह दुर्भावनापूर्ण हस्तक्षेप होता है। दुनिया के कामकाज को ऑडिट करना महत्वपूर्ण है।"

अब जयशंकर जैसे एक बार फिर पाकिस्तान, बांग्लादेश और पश्चिमी देशों पर टूटे, उससे ये एक बार फिर से साफ हो गया कि भारत की कूटनीति और नए भारत की शक्ति के आगे कोई अब टिकने वाला नहीं है। और जो भी है, उसे अब समझना भी होगा कि भारत से गलत पंगा लेने की बजाय अगर साथ मिलकर चलोगे, तब ही कुछ अच्छा होगा।


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