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हैप्पीनेस इंडेक्स में पाकिस्तान भारत से भी खुशहाल, फिर आतंक का क्या ?

सबसे खुशहाल देशों की लिस्ट में भारत का नंबर इस बार आपको चौंका देगा…147 देशों की इस रैंकिंग में भारत को 118वां स्थान मिला है..पिछले साल इस रैंकिंग में भारत 126वें नंबर पर था
हैप्पीनेस इंडेक्स में पाकिस्तान भारत से भी खुशहाल, फिर आतंक का क्या ?

दुनिया में रोज़ाना के तनाव और बढ़ते डिप्रेशन के बीच कुछ देश ऐसे भी हैं जहां लोग खुश हैं, अपने काम से, अपने लाइफस्टाइल से, क्योंकि किसी देश की ख़ुशहाली सिर्फ़ आर्थिक विकास से तय नहीं होती, बल्कि इसमें लोगों का आपसी भरोसा और सामाजिक जुड़ाव भी बड़ी भूमिका निभाता है। समझना होता है एक दूसरे के दुख को और उसे दूर करने में मदद करनी होती है। अब आप रोज़ाना के काम के या पर्सनल लाइफ़ के प्रेशर से परेशान होकर अपने आस-पास भी परेशान लोगों को ही पाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि एक देश ऐसा है जहां लोग चिंता नहीं करते बल्कि खुश रहते हैं? तो इस वीडियो में आपको उस देश के बारे में भी बताएंगे और यह भी कि भारत में लोग कितने खुश हैं। 

दरअसल, 20 मार्च को इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे होता है। इस साल 'केयरिंग एंड शेयरिंग' थीम पर इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाया जा रहा है। इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे मनाने की शुरुआत 28 जून 2012 को की गई थी और इसके लिए एक सूची तैयार की जाती है, जिसे इस बार गैलप और यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क के साथ पार्टनरशिप में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वेलबीइंग रिसर्च सेंटर ने तैयार किया। इसमें 147 देशों के लोगों से ही सर्वे में पूछा गया कि वे कितने खुश हैं।

ख़ुशी को देखने के लिए इसमें स्वास्थ्य, धन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार से मुक्ति के साथ अलग-अलग फैक्टर पर सवाल किए गए और उनके जवाबों को देखकर यह पता लगाया गया कि कौन सा देश किस नंबर पर आता है। बात करें पहले नंबर की, तो वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में लगातार आठवें साल अपनी नंबर 1 रैंकिंग बरकरार रखने में कामयाबी फिनलैंड ने हासिल की है। इस इंडेक्स के मुताबिक, फिनलैंड में लोग भरपूर खुश हैं। भारत के नंबर की बात करें तो 147 देशों की इस रैंकिंग में भारत को इस बार 118वां स्थान मिला है, जबकि भारत का नंबर इस लिस्ट में पहले 126वां था। अब इस लिस्ट के मुताबिक़ सबसे ज़्यादा चौंकाने वाली बात भारत के पड़ोसियों को लेकर है। अब शायद यह सुनकर आप दंग भी रह जाएं या हंसी भी छूट जाए। तो बता दें कि इस सूची में भारत से इस बार भी पाकिस्तान ने बाजी मार ली है। पाकिस्तान को हैप्पीनेस इंडेक्स में 109वीं रैंकिंग मिली है, यानी भारतीय लोगों से ज्यादा खुश पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लोग हैं।

अब यह सुनकर आपको अजीब भी लगा होगा क्योंकि जिस देश में लोगों के पास खाने को दो वक्त की रोटी ना हो, भुखमरी और कंगाली से लोगों का बुरा हाल हो, जहां रहने वाले लोग ख़ुद इस बात को कह रहे हैं कि वे पाकिस्तान में खुश नहीं हैं, वह देश कैसे दुनिया में तेज़ी से आगे बढ़ते और सबकी मदद करने वाले भारत से इस लिस्ट में आगे हैं। गैलप के सीईओ जॉन क्लिफ्टन ने कहा,

"खुशी सिर्फ पैसे या विकास से जुड़ा नहीं है। यह विश्वास, कनेक्शन और यह जानने के बारे में है कि लोग आपको हमेशा सपोर्ट करेंगे। अगर हम मजबूत सोसाइटी और अर्थव्यवस्था चाहते हैं, तो हमें उस चीज़ में निवेश करना चाहिए जो वास्तव में मायने रखती है: एक-दूसरे में।"

इस लिस्ट में पाकिस्तान का नंबर भारत से ऊपर आना चौंकाने वाली बात यह भी है कि पिछले दिनों Global Terrorism Index में पाकिस्तान ने दूसरा स्थान हासिल किया, तो अब पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद के बीच भी लोग कैसे खुश हैं, यह सोचने वाली बात है। आपके क्या लगता है? पाकिस्तान में लोग भारत से ज़्यादा खुश हैं? कमेंट में बताएं।

लेकिन अब यह भी जान लीजिए कि भारत से ऊपर इस लिस्ट में सिर्फ पाकिस्तान का ही नहीं, एक और पड़ोसी नेपाल का भी नंबर है। खुशी के मामले में नेपाल का नंबर 92वां आता है।वहीं दुनिया की महाशक्ति होने का दावा करने वाले अमेरिका का इस लिस्ट में 24वां स्थान पर है, जो हर साल नीचे जाता जा रहा है। 2012 में यह सर्वे शुरू हुआ था और तब अमेरिका लिस्ट में 11वें स्थान पर था।

अब हर साल इस तरह की यह सूची सामने आती है और इस रिपोर्ट का सबसे बड़ा संदेश है- खुशी केवल संपत्ति या नौकरी से नहीं आती। यह इस बात पर भी निर्भर करती है कि हम अपने समाज को कितना भरोसेमंद और सहायक बनाते हैं। तो अगली बार जब आप अपने परिवार के साथ बैठकर खाना खाएं, किसी दोस्त की मदद करें, या किसी अजनबी पर भरोसा करें- समझ लीजिए, आप अपने देश की खुशहाली में एक ईंट जोड़ रहे हैं।




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