Kash Patel को Trump ने सौंपी अहम कमान, भारत से है ख़ास रिश्ता
अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भारतीय मूल के ‘दोस्त’ काश पटेल को एफबीआई यानी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के डायरेक्टर के रूप में चुना है. ट्रंप के बेहद विश्वासपात्र लोगों में से एक काश पटेल इस शक्तिशाली पद पर 20 जनवरी 2025 को नई सरकार के कार्यकाल के साथ काबिज हो जाएंगे
अमेरिका में ट्रंप की जीत के बाद। गदगद हुए ट्रंप अब अपनी टीम बनाने में लगे हैं। अपनी टीम में वो एक से बढ़कर एक होनहार लोगों को जगह दे रहे हैं। बड़ी गंभीर सोच विचार कर वो अपने साथियों को चुन रहे हैं। लेकिन इस टीम में भी कई ज़बरदस्त लोगों का बोलबाला है..ख़ासकर भारतवंशियों का। इसी कड़ी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने FBI यानि फेडेरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन के डायरेक्टर पद के लिए भारत से नाता रखने वाले काश पटेल को चुना है। पहले उनका नाम CIA चीफ बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहा था। लेकिन बाद में इस पद पर जॉन रैटक्लिफ को चुन लिया गया। माना जा रहा है कि यह निर्णय अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी में बड़े बदलाव लाने और सरकार से कथित षड्यंत्रकारियों को हटाने की ट्रंप की मंशा को दर्शाता है। यही वजह है कि काश पटेल को FBI निदेशक बनाने की घोषणा से वाशिंगटन में हलचल मच गई है।
20 जनवरी 2025 से डोनाल्ड ट्रंप का नया कार्यकाल शुरू होगा. काश पटेल को अपनी टीम में चुनते हुए ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा, "मैं गर्व के साथ घोषणा करता हूं कि काश पटेल संघीय जांच ब्यूरो के अगले निदेशक होंगे. काश पटेल एक शानदार वकील, जांचकर्ता और अमेरिका फर्स्ट योद्धा हैं. उन्होंने भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया, न्याय का बचाव किया और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की है"
ट्रंप के बारे में कहा जा रहा है..इस बार वो अपनी टीम बनाने में एहतिहात बरत रहे हैं। वे ऐसे संकेत देते रहे हैं कि इस कार्यकाल में उन एजेंसियों का नेतृत्व अपने वफादारों को देंगे, जिनकी वजह से काफी आलोचनाओं और समस्याओं का सामना करना पड़ा।अब काश पटेल को अपनी टीम में लेकर ट्रंप ने ये बता दिया कि वो अच्छे लोगों को अपनी टीम में जगह दे रहे हैं और वैसे भी भारत से तो उनका लगाव रहा ही है।चलिए अब काश पटेल के बारे में भी डाल लेते हैं।तो
भारतीय मूल के कश्यप काश पटेल की गिनती ट्रंप के करीबियों में होती है । 1980 में न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में जन्मे काश पटेल के गुजराती भारतीय माता-पिता पूर्वी अफ्रीका से कनाडा के रास्ते अमेरिका में आकर बसे थे। कानून की पढ़ाई करने वाले पटेल ने एक इंटरव्यू में खुद अपनी गुजराती पहचान पर गर्व के साथ बात की थी। इस साल जनवरी में जब भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा हुई तब काश पटेल खुलकर राम मंदिर के समर्थन में आए थे। काश पटेल ने अयोध्या मंदिर की के 50 सालों की बात कर रही विदेशी मीडिया को लताड़ते हुए उन्हें हिंदू मंदिर का इतिहास 5000 साल पुराना होना बताया था।
काश पटेल को डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान भी अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई थी। तब उन्होंने ISIS, अल-बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे अल-कायदा नेताओं को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। बस यहीं से काश पटेल ट्रंप की नजरों में आ गए।