खुले में नमाज़ पर बैन, तब्लीगी जमात पर एक्शन, मुस्लिम देश में ये क्या हो गया
कजाकिस्तान के कई हिस्सों में पुलिस ने तब्लीगी जमात पर शिकंजा कसा है। पश्चिमी कजाकिस्तान में तब्लीगी जमात से जुड़े कई प्रचारकों को गिरफ्तार किया गया है। ये लोग मस्जिदों में रुककर भाषण दे रहे थे और अपनी विचारधारा फैला रहे थे। तबलीगी जमात मिडल एशिया के ज्यादातर देशों में बैन है, ऐसे में पुलिस ने जमात से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में पाकिस्तान की तब्लीगी जमात ने मिडल एशिया में अपनी गतिविधियां चलाने की कोशिश की है। इसने कजाकिस्तान के पड़ोसी देश किर्गिस्तान और रूस में भी पैठ बना ली पाकिस्तान की तब्लीगी जमात और हिज्ब-उत-तहरीर में समानताएं भी चर्चा में हैं। वहीं हिज्ब-उत-तहरीर भारत के साथ रूस में भी बैन है। जनवरी 2022 में कजाकिस्तान में हुए आतंकवादी हमलों में भी हिज्ब और तबलीगी जमात पर उंगली उठी थी।
अब ये देखने वाली बात है कि एक मुस्लिम बहुल देश कजाकिस्तान जहां 70 फ़ीसदी लोग इस्लाम को मानने वाले हैं, वहां कट्टरपंथ को बर्दाश्त नहीं किया गया। और भारत में कुछ लोग Secularism के नाम पर कुछ भी कर रहे हैं। सिर्फ़ कजाकिस्तान ही नहीं मिडल एशिया के एक और देश ताजिकिस्तान ने हिजाब और दाढ़ी बढ़ाने पर रोक लगा दी थी। सरकार ने देश की कई मस्जिदों को बंद कर दिया। साथ ही बच्चों को सार्वजनिक रूप से धार्मिक आयोजनों में शामिल होने से रोका गया। ये भी चौंकाने वाला था क्योंकि जिस देश की आबादी 95 फ़ीसदी मुस्लिम हो, वहां ऐसा होना चौंकाता ही है। लेकिन सरकार के मुताबिक़ ये फ़ैसला सिर्फ़ इसलिए लिया गया ताकि देश कट्टरपंथी ताक़तों के चंगुल से निकल सके। देश में धार्मिक कट्टरता को कम करते हुए बाक़ी दुनिया से जुड़ना वहां की सरकार की सोच थी। इसी के साथ आज सऊदी अरब हो या संयुक्त अरब अमिरात दोनों देश दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। वो जानते हैं कि अगर कट्टरपंथ की बेड़ियों में फंसे रहे तो देश का बेड़ागर्क ही होगा।