इजरायल ने हमास चीफ को मार गिराया, ऐसे दिया ऑपरेशन को अंजाम
इस कामयाबी के लिए अमेरिका ने भी इज़रायल को बधाई दी है। खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायली पीएम नेतन्याहू से फोन पर बात की है। वैसे, सिनवार को ट्रैक करना इज़रायल के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, क्योंकि याह्या सिनवार किसी भी इलेक्ट्रॉनिक चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करता था।
अब हमास के चीफ के मारे जाने के बाद आपके यही लग रहा होगा कि सिनवार को मारने के लिए इज़रायल ने हमेशा की तरह कोई बहुत बड़ा ऑपरेशन चलाया होगा, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। सिनवार को मारने में न मोसाद, न एयर स्ट्राइक और न ही कमांडो का हाथ रहा है। इसे मारने वाला सैनिक IDF के इन्फैंट्री कमांडर और कॉम्बैट ट्रेनिंग स्कूल से है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिस सैनिक ने सिनवार को मारा है, उसने 9 महीने पहले ही सेना जॉइन की थी। 7 अक्टूबर को इज़रायल के हमले के दौरान वह सेना में भी नहीं था।
इस तरीके से सिनवार का मारा जाना इज़रायल के लिए भी चौकाने वाली बात है, क्योंकि जब सैनिकों ने इसे मार डाला, तब उन्हें भी नहीं पता था कि वह याह्या सिनवार है। एक आतंकी गढ़ का ये सैनिक सफाया कर रहे थे, तभी उन्होंने पहले से बम लगी एक बिल्डिंग में तीन आतंकियों को देखा और उन्हें ढेर कर दिया। इससे जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें देखा गया कि एक शख्स सोफे पर बैठे हुए नज़र आ रहा है। इज़रायली ड्रोन से ये तस्वीर ली गई। जब ये ड्रोन बिल्डिंग के अंदर जाता है, तो ये शख्स जो वहां अकेला है, ऐसा लग रहा है कि वह आखिरी समय में है। लेकिन तभी वो ड्रोन पर एक डंडे से हमला करता है, लेकिन ड्रोन वापस बिल्डिंग से बाहर आ जाता है। दरअसल, ये ड्रोन मारे गए शवों की तलाश में इज़रायली सेना ने हमले के बाद यहां भेजा। सेना ने पहले ये कहा कि ये शख्स सिनवार हो सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई। फिर बाद में सेना ने शवों से इज़रायली नकदी और पहचान से जुड़े दस्तावेज मिले। उन्होंने सिनवार की पहचान की पुष्टि करने के लिए फोटो इज़रायली पुलिस की फोरेंसिक इकाई को भेजी, साथ ही शव का डीएनए टेस्ट करने के बाद इज़रायली फोर्स ने सिनवार के मारे जाने की पुष्टि की।
कौन था याह्या सिनवार?
सिनवार 7 अक्टूबर, 2023 को इज़रायल पर हमास के हमले का मास्टर माइंड था, और इज़रायल ने गाज़ा में अपने जवाबी अभियान की शुरुआत से ही उसे मारने की कसम खाई थी। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इस हमले में लगभग 1,200 इज़रायली मारे गए, जिनमें अधिकतर स्थानीय नागरिक थे। इससे संघर्ष भड़क उठा, जिसमें गाज़ा में 42,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए।
वह सालों से गाज़ा पट्टी के अंदर हमास का शीर्ष नेता रहा। इज़रायल ने सिनवार को 1980 के दशक के अंत से 2011 तक कैद कर रखा था और इस दौरान उसका ब्रेन कैंसर का इलाज चला। इस वजह से इज़रायली अधिकारियों के पास उसके डीएनए सैंपल भी पड़े हुए थे। जुलाई में सिनवार को हमास का शीर्ष नेता चुना गया था, जब इस्माइल हनीयेह की ईरान की राजधानी तेहरान में इज़रायली हमले में हत्या कर दी गई थी।
सिनवार का जन्म गाज़ा के रिफ्यूजी कैंप खान यूनिस में 1962 में हुआ था। इसके बाद वह हमास का सदस्य बना और देखते-ही-देखते इसका चीफ बन गया। 1980 में जब इज़रायल ने इसे गिरफ्तार किया था, तब इसने 12 लोगों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसका नाम खान यूनिस का कसाई पड़ गया।