मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को आई अक्ल, मोदी के दरबार में जल्द होंगे हाजिर !
हमेशा से चीन से दोस्ती रखने और चीन के प्रभाव में रहने वाले Muizzu ने अभी तक भारत की आधिकारिक यात्रा नहीं की है जबकी इसके पहले मालदीव के राष्ट्रपति आमतौर पर पदभार संभालने के तुरंत बाद भारत की आधिकारिक यात्रा करते थे। लेकिन अब खबर ये है कि बीजिंग के पाले में जाकर बैठे मुइज्जू एक बार फिर से नई दिल्ली के साथ रिश्तों को बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उनका जल्द भारत आने का कार्यक्रम है।

मालदीव में जब राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आए थे तब से ये भारत के साथ उसके संबंधों की चर्चा शुरू हो गई थी सवाल खड़े होने लगे थे कि क्या भारत और मालदीव के मधुर रिश्ते पहले जैसे रह पाएंगे। वजह थी मालदीव में राष्ट्रपति चुनाव जीते Mohamed Muizzu जिनके बयानों से साफ लगने लगा की भारत के साथ अब उसके रिश्तों में टेंशन बढ़ने वाली है। अपने बयान में उन्होंने मालदीव से भारत के सैनिकों को जाने के लिए कह दिया। हमेशा से चीन से दोस्ती रखने और चीन के प्रभाव में रहने वाले Muizzu ने अभी तक भारत की आधिकारिक यात्रा नहीं की है जबकी इसके पहले मालदीव के राष्ट्रपति आमतौर पर पदभार संभालने के तुरंत बाद भारत की आधिकारिक यात्रा करते थे।
यही नहीं muizzu ने अपने देश की परमपरा को तोड़ते हुए। भारत आने से पहले चीन की 5 दिनों की यात्रा की थी वहां उन्होंने राष्ट्रपति XI JInPING से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच बुनियादी ढांचे को लेकर बात की। लेकिन अब खबर ये है कि बीजिंग के पाले में जाकर बैठे मुइज्जू एक बार फिर से नई दिल्ली के साथ रिश्तों को बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी सिलसिले में उनका जल्द भारत आने का कार्यक्रम है। मालदीव सरकार की प्रवक्ता ने हिना वलीद ने कहा है कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू बहुत जल्द ही भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं।
अब सवाल ये है कि ये आखिर हुआ कैसे चलिए जानते हैं। Muizzu ने हमेशा से भारत विरोधी काम किया। लेकिन पिछले साल नवंबर में मालदीव की गद्दी पर बैठे Muizzu की अकड़ इसी साल जनवरी आते आते निकल गई। जब मोदी ने भारत की तरफ टेड़ी आंख करने वाले Muizzu की हेकड़ी अपने तरीके से निकाल दी। दरअसल , पीएम मोदी 3 जनवरी को लक्षद्वीप के दौरे पर गए। यहां उन्होंने कुछ वक्त गुजारा और इस द्वीप पर बिताए पलों को तस्वीरों के रूप में शेयर किया। उन्होंने भारतीयों के लिए इसे बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बताया। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से करने लगे। बस यहीं से मालदीव की सुलग गई। इसके बाद मालदीव के तून मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत पर अपमानजनक टिप्पणी की प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर टिप्पणी की थी मंत्री मरियम शिउना, डिप्टी मिनिस्टर्स अब्दुल्ला महजूम माजिद और माल्शा शरीफ इसमें भारत की टूरिज्म सेक्टर में फेसेलिटीज को लेकर भी कमेंट्स थे।
अब मालदीव के राष्ट्रपति को लगा कि उलटा पड़ सकता है। और हुआ भी वही। भारत में लोगों ने सोशल मीडिया पर हैशटैग BoycottMaldives ट्रेंड कराने लगे। कई सेलेब्रिटीज ने लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की तारीफ और समर्थन किया। उधर मालदीव में अपमानजनक टिप्पणी करने वाले तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। भारत और पीएम मोदी पर टिपण्णी करना मालदीव को भारी पड़ा। भारत से काफी ज्यादा संख्या में छुट्टियों मालदीव में मनाने जाने वाले लोगों ने मालदीव से मुंह मोड़ लिया। भारत से पंगा लेने वाले मालदीव के टूरिज्म पर जमकर असर पड़ा चार महीने में मालदीव पहुंचने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में लगभग 42 फीसदी की गिरावट आई है। इस बीच मालदीव ने भारतीय पर्यटकों से वहां आने की अपील करने लगे। मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल ने अपने देश और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि "हमारा एक इतिहास है. हमारी नवनिर्वाचित सरकार भी भारत के साथ मिलकर काम करना चाहती है। हम हमेशा शांति और मैत्रीपूर्ण माहौल को बढ़ावा देते हैं। हमारे लोग और सरकार भारतीय आगमन का गर्मजोशी से स्वागत करेंगे। पर्यटन मंत्री के रूप में मैं चाहता हूं भारतीयों से कहना कि कृपया मालदीव के पर्यटन का हिस्सा बनें, हमारी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर करती है"।
तो बस कुछ ही महीनों में मालदीव को ये समझ आ गया कि भारत को हल्के में लेना कितनी बड़ी गलती थी। इसके बाद मुइज़ू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए 9 जून को नई दिल्ली की यात्रा की थी और अब वो भारत की आधिकारिक यात्रा पर आ रहे हैं।खबर ये भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। मंत्रियों के इस्तीफे की जानकारी ऐसे समय में आई है, जब Muizzu भारत आने वाले हैं।