मुस्लिम देशों को साधने में जुटे मोदी और जयशंकर, अब इस देश का नंबर
मुस्लिम देशों के साथ भारत के रिश्ते मज़बूत करने के लिए भी मोदी की टीम में शामिल विदेश मंत्री बेहतरीन काम कर रहे हैं…इसी कड़ी में जयशंकर एक बार फिर मुस्लिम देश की यात्रा पर पहुंचे हैं

पीएम मोदी के दो सबसे ख़ास और देश के लिए किसी चाणक्य से कम नहीं पहले NSA अजीत डोभाल और दूसरे विदेश मंत्री एस जयशंकर। अपनी पॉलिसी के मामले में दुनिया भर में जाने जाते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर अपनी हाज़िर जवाबी से अच्छे अच्छों का मुंह बंद करने में माहिर हैं। उनकी विदेश नीति के चर्चे दुनियाभर में होते हैं। तभी तो जयशंकर की विेदेश नीति में एक सबसे अहम चीज अमेरिका, चीन और रूस तीनों महाशक्तियों को एक साथ साधने की रणनीति मानी जाती है। ये तीनों एक दूसरे की दुश्मन है लेकिन तीनों से रिश्ते कैसे अच्छे रखने है ये विदेश मंत्री बख़ूबी जानते है। यही नहीं इसी के साथ मुस्लिम देशों के साथ भारत के रिश्ते मज़बूत करने के लिए भी मोदी की टीम में शामिल विदेश मंत्री बेहतरीन काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में जयशंकर एक बार फिर मुस्लिम देश की यात्रा पर पहुंचे हैं। नए साल के पहले दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर क़तर पहुंचे जहां उन्होंने कई द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया और कतर के अमीर शेख तमीम इब्न हमद अल थानी की होने वाली भारत यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। पिछले साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कतर यात्रा के दौरान शेख अल थानी से मुलाकात हुई थी और उन्हें भारत आने का न्यौता दिया गया था।
बीते एक साल में जयशंकर ने चार बार क़तर का दौरा किया है वहीं बीते 6 महीने में वो तीसरी बार दोहा पहुंचे हैं। अब इससे ये उम्मीद जताई जा रही है कि 2023 में जासूसी के आरोप में दोषी ठहराए गए आठ पूर्व नौसेना के अधिकारियों में से बचे हुए एक अधिकारी की भी अब वापसी हो सकती है। इससे पहले 7 लोगों को माफ़ी मिल गई थी। और वो पिछले साल फ़रवरी में भारत भी वापस आ गए थे। लेकिन कमांडर पुर्णेन्दु तिवारी अभी भी क़तर में ही हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक तिवारी को कतर के कानूनी प्रक्रिया के तहत कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी हैं। जिसमें वक़्त लग रहा है। पश्चिमी एशिया में अपना दबदबा बनाने के लिए भारत लगातार लगा हुआ है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने भी कुवैत का दौरा किया किया था। जबकि विदेश मंत्री जयशंकर ने बहरीन और दिसंबर में दो बार कतर का दौरा किया।
कतर खाड़ी के इलाके का एक सबसे अहम देश है। उसके साथ भारत का कारोबारी रिश्ता भी शानदार है। 2023-24 में दोनों देशों के बीच 14.08 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। इसी के साथ कतर में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। वहां उनकी संख्या आठ लाख से ज़्यादा है ये कतर में रहने वाला सबसे बड़ा विदेशी समुदाय है। जबकि कतर की अपनी आबादी मात्र 30 लाख है। अब इन ताबड़तोड़ होते दौरों से ये समझा जा सकता है कि भारत आज किसी से भी अपने रिश्तों पर धूल नहीं जमने देना चाहता। वो नहीं चाहता कि दुनिया में कोई भी देश भारत को वही पुरानी नज़र से देखे। और अब काफ़ी हद तक ऐसा हो भी रहा है। आज अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत का क़द क्या है ये सब जान रहे हैं।