रूस में पुतिन से मिलने पहुंचे Ajit Doval को पुतिन ने क्या बताया ?
अजीत डोभाल रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिले तो कई तरह के अटकलों का बाजार गर्म हो गयावैसे भी लंबे समेत से अजीत डोभाल की छवि तेज तर्रार और सुरक्षा मसलों पर सटीक भागीदारी की रही है। अब उन्होंने पुतिन से मुलाकात की तो अपने शब्दों और हाव-भाव के जादू से उन्होंने दुनियाभर के राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है।
मोदी के सबसे खास दोस्तों में से एक रूसी राष्ट्रपति पुतीन और मोदी के किस्से सबके बीच मशहूर है। पूरी दुनिया में इस दोस्ती की खूब बात होती है। समय समय पर मोदी औऱ पुतीन की तस्वीरें हमें देखने को मिलती है। रूस हमेशा से भारत को एक अच्छा दोस्त मानता है। और दोस्ती और प्रगाड़ करने के लिए मोदी ने इस बार अपने सबसे खास और देश के सुरक्षा सलाहकार यहीं नहीं भारत के 'जेम्स बांड' के नाम से मशहूर Ajit Doval को रूस भेजा है। वहां उन्होंने राष्ट्रपति पुतीन से मुलाकात की है।
अजीत डोभाल रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिले तो कई तरह के अटकलों का बाजार गर्म हो गया वैसे भी लंबे समेत से अजीत डोभाल की छवि तेज तर्रार और सुरक्षा मसलों पर सटीक भागीदारी की रही है। अब उन्होंने पुतिन से मुलाकात की तो अपने शब्दों और हाव-भाव के जादू से उन्होंने दुनियाभर के राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। पुतिन ने मुलाकात में डोभाल के साथ अपनी बैठक के दौरान भारत की जमकर तारीफ की। असल में अजीत डोभाल ने आधिकारिक तौर पर।
रूसी सुप्रीमो व्लादिमीर पुतिन को पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के नए प्रयासों के बीच कीव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ हुई बातचीत के बारे में भी बताया। इसके अलावा पुतीन ने कहा की पीएम मोदी से मिलना चाहते हैं।
दरअसल, 22 अक्टूबर को दक्षिण पश्चिम रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन होने वाला है। इस सम्मेलन में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के शामिल होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी भी इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए रूसी शहर कजान जा सकते हैं। ऐसे में पुतिन ने कजान में ही ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से अलग पीएम मोदी के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की इच्छा जाहिर की है। पीएम मोदी जुलाई की शुरुआत में रूस गए थे और राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया था। हालांकि, पीएम मोदी के इस दौरे की पश्चिमी देशों में खूब आलोचना भी हुई थी।